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जापान का एक शख्स शोजी मोरिमोतो खुद को किराये पर देता है. लोग उसे ‘साथ’ के लिए पैसे का भुगतान करते हैं. उसे डू नथिंग गाई के नाम से जाना जाने लगा है. उसे अजीब-अजीब कार्यों के लिए लोग हायर करते हैं. उसे साल में लग…और पढ़ें
तस्वीर- cnbc.com
हाइलाइट्स
- शोजी मोरिमोतो खुद को किराये पर देकर 70 लाख रुपये कमाते हैं.
- मोरिमोतो को साल में लगभग 1,000 रिक्वेस्ट मिलती हैं.
- जापान में अकेलेपन के कारण लोग किराये पर दोस्त, परिवार सदस्य लेते हैं.
हो सकता है कि आपका बॉस आपको ‘गुड फॉर नथिंग’ मानता हो, लेकिन ऐसा नहीं है कि आप किसी काम के नहीं हैं. आपको बस अपने लिए एक सही काम खोजने की जरूरत है. जब वह काम मिल गया तो पैसे की कोई कमी नहीं रहेगी. ऐसा ही एक किस्सा है एक जापानी युवक शोजी मोरिमोतो (Shoji Morimoto) का. उसका बॉस उसे हमेशा ‘बेकार’ कहता था. 2018 में एक दिन बॉस ने शोजी से कहा कि तुम कंपनी के लिए ‘कुछ नहीं करते’, इसलिए तुम्हें फायर किया जाता है. एक बार तो शोजी मोरिमोतो का दिल टूट गया, लेकिन उसने हार नहीं मानी और ‘कुछ नहीं करने’ में ही अपना करियर खोजने की कोशिश की. उसे करियर मिला. और आप शायद यकीन न करें, मगर उसने पिछले साल (2024 में) 80,000 डॉलर कमाए हैं. आज की वैल्यू के हिसाब से लगभग 70 लाख रुपये. इतना तो शायद उसकी कंपनी में सैलरी भी नहीं मिलती होगी.
कुछ नहीं करने के लिए मोटी कमाई करने वाले 41 वर्षीय मोरिमोतो आखिर ऐसा क्या करते हैं? कुछ तो करते ही होंगे? जी हां, वे खुद को किराये पर देते हैं. सीएनबीसी मेक इट ने शोजी मोरिमोतो की एक विशेष कवरेज की. शोजी ने पब्लिशर से बात करते हुए बताया कि वे खुद को किराये पर देकर ठीक-ठाक कमाई कर रहे हैं. अब वे जापान के ‘डू नथिंग’ गाई (Do Nothing Guy) के नाम से मशहूर हो रहे हैं.
कैसे-कैसे काम मिले, सुनकर हैरान होंगे आप
लोग उन्हें अपनी कंपनी के लिए बुलाते हैं. कभी मैराथन खत्म होने पर इंतजार करना और फिनिशा लाइन पर खड़े रहने के लिए, कभी वीडियो कॉल पर मौजूद रहने के लिए, तो कभी किसी दोस्त की जगह कॉन्सर्ट में जाने के लिए. उनका नियम सीधा है- कुछ खास नहीं करना, बस वहीं मौजूद रहना. हालांकि, वे यौन सेवाएं नहीं देते.
मोरीमोतो को कई बार अजीब और कठिन परिस्थितियों से गुजरना पड़ा. धूप में घंटों खड़े रहना, ठंड में बिना हिले-डुले खड़े रहना, अजनबियों की पार्टी में जाना या फिर बिना कुछ किए मंच पर खड़ा रहना. उन्होंने यह सब किया. लेकिन वे इसे अपने अनोखे अनुभव का हिस्सा मानते हैं और इसे संजोते चले जा रहे हैं.
ट्रेन में 13 बार घूमने का काम मिला
उनकी सबसे लंबी सेवा एक 17 घंटे की रेल यात्रा थी, जिसमें वे यामानोते लाइन पर बिना रुके 13 बार घूमे. है न हैरानी वाली बात! कई बार उन्हें सिर्फ सुनने वाले दोस्त की जरूरत वाले लोग बुलाते हैं, लेकिन वे बातचीत में बहुत कम भागीदारी करते हैं. वे केवल सहमति में सिर हिलाते हैं और सुनना पसंद करते हैं, लेकिन थेरेपिस्ट बनने की कोशिश नहीं करते.
मोरीमोतो को हर साल करीब 1,000 रिक्वेस्ट मिलती हैं. पहले वे 10,000 से 30,000 येन (लगभग $65 से $195) चार्ज करते थे और सालाना करीब $80,000 कमा लेते थे. लेकिन 2025 में अब उन्होंने “जितना मर्जी हो, उतना भुगतान करें” वाला मॉडल अपनाया है. वे इसे सिर्फ एक प्रयोग मानते हैं और इसका आनंद ले रहे हैं.
जापान के हिसाब से सही है ये काम
जापान में अकेलेपन के कारण दोस्त, गर्लफ्रेंड, बॉयफ्रेंड और यहां तक कि परिवार के सदस्य तक किराए पर मिलने लगे हैं. कुछ लोग भावनात्मक सहारा चाहते हैं, तो कुछ सामाजिक तौर पर अजीब न दिखने से बचने के लिए ऐसा करते हैं. एक महिला ने मोरीमोतो को सिर्फ इसलिए किराए पर रखा कि वे कैफे के कोने में बैठे रहें, जब वह अपने पति को तलाक के कागजात न सौंपे. उनकी मौजूदगी ने उस महिला को आत्मविश्वास दिया. कई लोगों के लिए वे एक तरह की “सुरक्षा कवच” बन गए हैं.
मोरिमोतो और विशेषज्ञों का कहना है कि अकेलापन कुछ लोगों के लिए ऐसी भुगतान करने का कारण हो सकता है, लेकिन यह एकमात्र कारण नहीं है. हिटोत्सुबाशी यूनिवर्सिटी में ह्यूमन रिसोर्स के प्रोफेसर हिरोशी ओनो ने कहा कि कुछ लोग ‘साथ’ की तलाश में हो सकते हैं, लेकिन अन्य लोग सिर्फ “सामाजिक रूप से अजीब” हो सकते हैं. उन्होंने कहा, “ज्यादातर जापानी लोग सीधे बात करने या टकराव से निपटने में अच्छे नहीं हैं. हो सकता है कि लोग इतने अजीब हों कि वे सीधे कह नहीं सकते, ‘क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे?’ और इसलिए वे इस अजीब स्थिति से बचने के लिए भुगतान करने को तैयार हैं.”
शोजी कहते हैं- मुझे सिर्फ जिंदगी जीनी है
मोरीमोतो कहते हैं, “इस काम के हर पल में खुशी है. जब कोई ऑफर देता है, जब मैं किसी अनजान जगह पर जाता हूं, जब मैं बस किसी की कहानी सुनता हूं.” उनके मुताबिक, उनके लिए पैसा कमाना प्राथमिकता नहीं है, बल्कि बस जीवन का आनंद लेना ही असली मकसद है!
New Delhi,New Delhi,Delhi
March 18, 2025, 12:00 IST
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