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Negligence in the conservation of ponds | तालाबों के संरक्षण में लापरवाही: धार के मुख्य स्त्रोत तालाबों में बढ़ा अतिक्रमण; सीएमओ बोले- वेटलैंड प्रोजेक्ट के तहत जल्द करेंगे काम – Dhar News

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शहर के ऐतिहासिक तालाबों का संरक्षण प्रभावित हो रहा है। राजा भोज की नगरी के रूप में प्रसिद्ध धार में साढ़े बारह तालाब हैं। इनमें से देवी जी तालाब, मुंज तालाब और धूप सागर के संरक्षण के लिए वेटलैंड प्रोजेक्ट बनाया गया था।

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यह प्रोजेक्ट वर्ष 2022 में शुरू हुआ था। केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 5 करोड़ रुपए की राशि राज्य सरकार को भेजी थी। लेकिन, प्रोजेक्ट की कार्यान्वयन एजेंसी एप्को ने राज्य शासन के खाते से यह राशि नहीं निकाली। परिणामस्वरूप यह राशि लैप्स हो गई।

वर्तमान में इन तालाबों के आसपास अतिक्रमण की समस्या बढ़ती जा रही है। नगर पालिका अब दोबारा राशि प्राप्त करने के लिए पत्राचार कर रही है। तालाबों के संरक्षण का यह महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट फिलहाल कागजों में ही सीमित है।

मुंज तालाब-

नौगांव क्षेत्र में बना मुंज सागर तालाब 49.50 हेक्टेयर में फैला है। जिसके सौंदर्यीकरण के तहत बाउंड्री वॉल का काम हुआ था। इसमें तालाब के भीतर से बाउंड्री वॉल बनाई गई। इससे तालाब का दायरा कम हुआ। यहां बाउंड्रीवाल निर्माण के साथ पाथवे प्रस्तावित था। लेकिन, आधा अधूरा निर्माण होने से यह हिस्सा अवैध पार्किंग स्थल बन गया है। जिसे हटाना अब नपा के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। मुंज तालाब में मतलबपुरा स्थित ओवरफ्लो पाइंट की पुलिया को तोड़कर बॉक्स कल्वर्ट पुलिया बनाई जाना है। वहीं किनारों पर अतिक्रमण हटाकर प्लांटेशन और तार फेसिंग होना थी। इसके अलावा कैचमेंट एरिया से पानी को तालाब में संरक्षित करने के लिए पांच किमी लंबी ट्रेंच पर काम नहीं हो पाया है।

देवीजी तालाब-

शहर की पहचान है, जो लगभग 12 हेक्टेयर में फैला हुआ है। आमतौर पर तालाब में पूरे साल पानी होने से यह आसपास वाटर रिचार्ज का काम करता है। इससे शहर के सभी बावड़ी और बोरिंग में पानी रहता है। वेटलैंड प्रोजेक्ट में मुंज तालाब से देवीजी तालाब तक 200 मीटर की चैनल को ठीक किया जाना है।

देवीजी तालाब में तीन पाइंट पर दो-दो कुंड बनाए जाएंगे। इसमें पूजन सामग्री डालने की व्यवस्था रहेगी। देवीजी मंदिर की पहाड़ी पर प्लांटेशन करने की योजना को भी शामिल किया है। सौंदर्यीकरण के लिए बड़े पैमाने पर प्लांटेशन होगा।

धूप तालाब-

इसका कुल क्षेत्रफल 8 हेक्टेयर है। वेटलैंड प्रोजेक्ट के तहत सीमांकन हो चुका है। लेकिन वर्तमान में तालाब के पास ही मेडिकल कॉलेज का निर्माण प्रस्तावित है। यहां बाउंड्रीवाल का निर्माण हो चुका है। उक्त बाउंड्री वॉल तालाब के बैक वाटर एरिया तक बन चुकी है।

सीएमओ विकास डावर ने बताया-

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वेटलैंड प्रोजेक्ट को लेकर वित्तीय स्वीकृति की प्रक्रिया करने के लिए वरिष्ठ कार्यालय पत्र लिखा गया हैं, स्वीकृति मिलते ही टेंडर निकाल कर काम आरंभ किया जाएगा।

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