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भारत के घातक सैन्य ड्रोन: रिस्त्रा, हेरॉन MK-2 और MQ-9B सी गार्डियन

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Drone Warfare: भारत ने ड्रोन वॉरफेयर में तेजी से प्रगति की है. रिस्त्रा, हेरॉन MK-2, MQ-9B सी गार्डियन और ड्रोन स्वार्म जैसे अत्याधुनिक ड्रोन से लैस भारतीय सेना दुश्मनों को ध्वस्त करने में सक्षम है.

क्या भारत के पास हैं वो घातक ड्रोन, जो दुश्मन को मटियामेट कर दें?

भारत के पास कई घातक ड्रोन हैं. (फोटो DRDO)

हाइलाइट्स

  • भारत ने ड्रोन वॉरफेयर में तेजी से प्रगति की है.
  • भारतीय सेना के पास रिस्त्रा, हेरॉन MK-2, MQ-9B सी गार्डियन ड्रोन हैं.
  • ड्रोन स्वार्म तकनीक पर भी काम कर रही है भारतीय सेना.

Drone Warfare: मॉडर्न वॉरफेयर में ड्रोन की अहमियत खासी बढ़ गई है. रूस-यूक्रेन युद्ध में हम लगातार ड्रोन्स के हमले देख रहे हैं. अमेरिका, इजरायल और तुर्की जैसे देश पहले ही ड्रोन तकनीक में महारत हासिल कर चुके हैं. लेकिन अब भारत भी इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है. सवाल यह है कि क्या भारत के पास ऐसे घातक ड्रोन हैं, जो युद्ध के मैदान में दुश्मन को मटियामेट कर सकते हैं? आइए जानते हैं भारतीय सेना के पास मौजूद घातक ड्रोन सिस्टम के बारे में.

भारत के प्रमुख सैन्य ड्रोन

1. रिस्त्रा – भारतीय सेना का प्रिडेटर!

रिस्त्रा भारत का स्वदेशी अटैक ड्रोन है, जो अत्याधुनिक मिसाइलों से लैस है.

स्पीड: 250 किमी/घंटा

रेंज: 1000 किमी

हथियार: लेजर-गाइडेड मिसाइल, GPS-गाइडेड बम

विशेषता: दुश्मन के इलाके में गुप्त रूप से प्रवेश कर सटीक हमले करने में सक्षम

2. हेरॉन MK-2 – दुश्मन की हर हरकत पर नजर

इजरायल से लिए गए हेरॉन MK-2 ड्रोन भारत के सबसे भरोसेमंद निगरानी ड्रोन में से एक है.

स्पीड: 150 किमी/घंटा

रेंज: 5,000 किमी

विशेषता: दिन और रात, हर मौसम में ऑपरेशन करने में सक्षम

उपयोग: LOC और LAC पर दुश्मन की गतिविधियों की निगरानी

3. MQ-9B सी गार्डियन – अमेरिका से मिला महाविनाशक ड्रोन

यह ड्रोन भारत ने अमेरिका से लिया है और इसे भारतीय नौसेना के लिए तैनात किया गया है.

स्पीड: 388 किमी/घंटा

रेंज: 11,000 किमी

हथियार: हेलफायर मिसाइल, गाइडेड बम

विशेषता: समुद्री निगरानी और स्ट्राइक मिशनों के लिए बेहतरीन विकल्प

4. ड्रोन स्वार्म – भारत की अगली घातक टेक्नोलॉजी

भारतीय सेना अब “ड्रोन स्वार्म” तकनीक पर काम कर रही है, जिसमें सैकड़ों छोटे ड्रोन एक साथ दुश्मन के इलाके में हमला कर सकते हैं.

विशेषता: एक साथ कई टारगेट को निशाना बनाने की क्षमता

तकनीक: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस

पढ़ें- 15000 घंटे से ज्यादा भरी उड़ान, मिटा दिया हमास-हिजबुल्लाह का नामोनिशान, इजरायल को मिले और 3 नए F-35

क्या भारत ड्रोन वॉरफेयर में चीन और पाकिस्तान से आगे है?
चीन के पास विंग लूंग और CH-5 जैसे ड्रोन हैं, लेकिन उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं. पाकिस्तान ज्यादातर चीनी ड्रोन पर निर्भर है, जिनकी क्षमता सीमित है. भारत ने स्वदेशी ड्रोन तकनीक विकसित करने पर जोर दिया है, जिससे भविष्य में यह अन्य देशों पर भारी पड़ सकता है.

भारत ने ड्रोन वॉरफेयर में अपनी क्षमता को तेजी से विकसित किया है और आने वाले सालों में यह दुनिया की बड़ी ड्रोन ताकतों में शामिल हो सकता है. भारतीय सेना के पास निगरानी, हमले और समुद्री ऑपरेशन के लिए आधुनिक ड्रोन मौजूद हैं, जो युद्ध के दौरान दुश्मन को ध्वस्त करने में सक्षम हैं. चीन और पाकिस्तान को अब सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि भारत की “आसमान से बरसने वाली आग” अब पूरी तरह तैयार है.

(डिस्क्लेमर: आर्टिकल तैयार करने में AI की मदद ली गई है.)

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क्या भारत के पास हैं वो घातक ड्रोन, जो दुश्मन को मटियामेट कर दें?

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