Home देश/विदेश पेरूवियन मछुआरा 95 दिनों बाद प्रशांत महासागर में जीवित मिला

पेरूवियन मछुआरा 95 दिनों बाद प्रशांत महासागर में जीवित मिला

12
0

[ad_1]

Last Updated:

Survival Story: पेरूवियन मछुआरा मैक्सिमो नापा कास्त्रो 95 दिनों तक प्रशांत महासागर में खोए रहने के बाद जीवित मिले. बारिश का पानी, कीड़े और कछुआ खाकर बचे. उनका बचाव चमत्कार माना गया.

नहीं होगा यकीन! 95 दिनों तक समंदर में खोया, लेकिन किस्मत में थी जिंदगी

कास्त्रो के जीवित रहने की कहानी अविश्वसनीय है. (फोटो AFP)

हाइलाइट्स

  • 95 दिनों तक प्रशांत महासागर में खोए मछुआरे कास्त्रो जीवित मिले.
  • बारिश का पानी, कीड़े और कछुआ खाकर बचे कास्त्रो.
  • कास्त्रो का बचाव चमत्कार माना गया.

Survival Story: 95 दिनों तक विशाल प्रशांत महासागर में खोए रहने के बाद एक पेरूवियन मछुआरा जीवित पाया गया है. 61 वर्षीय मैक्सिमो नापा कास्त्रो का यह अद्भुत जीवित रहने का किस्सा पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोर रहा है. 7 दिसंबर को, कास्त्रो पेरू के मारकोना से अपनी नियमित मछली पकड़ने की यात्रा पर निकले थे. दुर्भाग्य से, खराब मौसम ने उनकी नाव को समुद्र में दूर तक धकेल दिया, जिससे वे रास्ता भटक गए और उनका बाहरी दुनिया से संपर्क टूट गया. हफ़्ते दिनों में बदल गए और कास्त्रो के परिवार और दोस्तों ने उम्मीद खोनी शुरू कर दी.

हालांकि, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. 11 मार्च को, उत्तरी पेरू के तट के पास मछली पकड़ रही एक इक्वाडोरियन नाव ने कास्त्रो को देखा. वे गंभीर रूप से कमजोर और निर्जलित थे, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से जीवित थे. उनकी जीवित रहने की कहानी अविश्वसनीय है.

पढ़ें- 8 दिन के बदले लग गए 9 महीने, सुनीता विलियम्स को NASA अब कितना देगा पैसा? जान लीजिए पूरा हिसाब-किताब

कैसे बचे खुद बताया?
इंटरव्यू में, कास्त्रो ने खुलासा किया कि उन्होंने बारिश का पानी इकट्ठा करके अपनी प्यास बुझाई और जीवित रहने के लिए मछली पकड़ने वाली नाव पर पाए जाने वाले कीड़े, पक्षी और यहां तक कि एक कछुआ खाया. उन्होंने कहा कि उनके परिवार, विशेषकर उनकी छोटी बेटी के प्रति उनका प्यार ही एकमात्र ऐसी चीज थी जिसने उन्हें आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित किया.

कास्त्रो के बचाव को उनके परिवार और समुदाय द्वारा एक चमत्कार के रूप में मनाया गया है. उन्हें चिकित्सा जांच के लिए पायटा के एक अस्पताल ले जाया गया और बाद में उन्हें छुट्टी दे दी गई. यह असाधारण धैर्य और मानवीय भावना की अदम्य इच्छाशक्ति का प्रमाण है.

homeworld

नहीं होगा यकीन! 95 दिनों तक समंदर में खोया, लेकिन किस्मत में थी जिंदगी

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here