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TI got nervous during duty | टीआई को ड्यूटी के दौरान घबराहट हुई: डॉ. ने सीपीआर देकर बेटमा से इंदौर रेफर किया, बॉम्बे हॉस्पिटल पहुंचने के दौरान मृत्यु हो गई – Indore News

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इंदौर में होली की ड्यूटी पर बेटमा में तैनात टीआई संजय पाठक की कल हार्ट अटैक से मौत हो गई। पाठक 1988 सब इंस्पेक्टर बेच के अधिकारी थे। बताया जा रहा है कि पाठक को ड्यूटी के दौरान घबराहट हुई थी। वह कुर्सी पर जाकर बैठे लेकिन तभी वह अचैत हो गए। यह देखकर बे

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एडिशनल एसपी जयंत राठौर ने बताया कि संजय पाठक हमारे बेसमेंट थे। वह इंदौर ग्रामीण में पदस्थ थे। होली में उनकी ड्यूटी बेटमा मे लगाई गई थी। ड्यूटी के दौरान उन्हें घबराहट हुई। जिसके बाद वह कुर्सी पर बैठे, इस दौरान वह अचेत से हो गए। तत्काल उन्हें सीपीआर दिया गया। लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी। वहीं बॉम्बे हॉस्पिटल के जीएम राहुल पाराशर ने बताया कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी।

ड्रग तस्कर एनकाउंटर में महत्वपूर्ण रोल, घायल भी हुए थे पाठक

पाठक के करीबी अधिकारियों ने बताया कि साल 2004-05 में संजय पाठक इंदौर के विजय नगर थाने में एसआई के पद पर थे। तब इंदौर में श्यामलाल बामनिया ड्रग की तस्करी करता था। इससे पूरी पुलिस परेशान थी। तत्कालीन एसपी आदर्श कटियार ने श्यामलाल की घेराबंदी करने के लिए एक टीम बनाई। इसमें सीएसपी पद्मविलोचन शुक्ला और एसआई संजय पाठक सहित अन्य पुलिसकर्मी थे। पुलिस को सूचना मिली की श्यामलाल खजराना इलाके में ज्यादा एक्टिव है। पुलिस ने मुखबिर लगाकर उसकी लोकेशन ट्रेस कर ली।

रात में उसकी घेराबंदी की। पुलिस से घिरा देखकर श्यामलाल गोलियां चलाकर भागने लगा। तभी पुलिस ने ताबड़तोड़ जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की फायरिंग में श्यामलाल को पेट और पैर में गोलियां लगीं और उसकी मौत हो गई। जबकि श्यामलाल की ओर हुई फायरिंग में एसआई संजय पाठक बुरी तरह घायल हो गए। उन्हें एलआईजी स्थित अस्पताल में भर्ती भी कराया गया। जहां कई दिनों तक उनका इलाज चला।

ओए काके तू चिंता मत कर कुछ नहीं होगा

पाठक के करीबियों ने बताया कि संजय पाठक काफी जिंदादिल इंसान थे। वह नारियल के स्वभाव के आदमी थे। बाहर से सख्त और अंदर से बहुत ही मुलायम। थाने पर आने वाले फरियादियों को कहते थे की ओए काके तू चिंता मत कर हम बैठे हैना कुछ नहीं होगा।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि संजय पाठक लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वह अपने पास एक दवाई का बक्सा रखते थे। जिसमें से वह प्रतिदिन सुबह, दोपहर और शाम में कुल मिलाकर 10 से 12 गोलियां खाते थे। गोलियों में हाई ब्लड प्रेशर, सिर दर्द, बुखार, विटामिन, गेस्ट्रिक और कोलेस्ट्रॉल की गोलियां हमेशा उनके पास रखी रहती थी। इनमें से कुछ दवाएं नियमित और कुछ जरूरत पड़ने पर खाते थे।

इंदौर के कई थानों में रहे पदस्थ

संजय पाठक 1988 बैच के अफसर थे। उनके पिता भेल संयंत्र में रहे हैं। वे इंदौर में साउथ तुकोगंज में रहते थे। परिवार में दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी सुरभि पाठक नेशनल शूटर है। वह इंडियन टीम का हिस्सा रह चुकी हैं। पत्नी हाउस वाइफ है। संजय पाठक जूडो कराटे में ब्लैक बेल्ट रह चुके हैं। इंदौर के कई थानों में उन्होंने ड्यूटी की है।

टीआई पाठक की मौत के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव और डीजीपी कैलाश मकवाना ने श्रद्धांजलि दी। सीएम ने एक्स पर लिखा…

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इंदौर ग्रामीण क्षेत्र अंतर्गत बेटमा में ड्यूटी पर तैनात कर्तव्यनिष्ठ म.प्र पुलिस निरीक्षक संजय पाठक की हृदयाघात से असामयिक मृत्यु का अत्यंत ही दुःखद समाचार मिला है। मेरी गहरी शोक संवेदनाएं सभी शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। कर्तव्य निर्वहन करते हुए जनसेवा के प्रति आपका समर्पण सदैव याद किया जाएगा। शोक की इस घड़ी में पूरा प्रदेश शोकाकुल परिजनों के साथ है।

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वहीं डीजीपी ने एक्स पर लिखा-इंदौर ग्रामीण जोन में होली की ड्यूटी के दौरान थाना प्रभारी संजय पाठक को हार्ट अटैक आया था। दुर्भाग्य से उनका देहवासन हो गया। विनम्र श्रद्धांजलि।

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