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रंगों का त्योहार होली इस साल भोपाल में रोड एक्सीडेंट के लिहाज से बेहद खतरनाक साबित हुआ। शहर में 12 और 13 मार्च की तुलना में 14 मार्च को एक दिन में 135% अधिक एक्सीडेंट दर्ज किए गए। आंकड़ों के मुताबिक, 12 मार्च को भोपाल में 18 दुर्घटनाएं हुई थीं, जबकि
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प्रदेश भर में होली के दिन सड़क हादसों में उछाल, कुल 43.7% दुर्घटनाएं इसी दिन भोपाल ही नहीं, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में भी होली के दिन दुर्घटनाओं का ग्राफ तेजी से बढ़ा। पूरे राज्य में 12 मार्च को 660, 13 मार्च को 875 और 14 मार्च को कुल 1190 सड़क हादसे हुए। इन तीन दिनों में कुल 2725 सड़क हादसे हुए, जिनमें से सबसे ज्यादा 1190 दुर्घटनाएं सिर्फ होली के दिन दर्ज की गई। आंकड़ों के मुताबिक, अकेले 14 मार्च को हुई दुर्घटनाओं का प्रतिशत सबसे अधिक रहा, एक दिन पहले से तुलना की जाए तो प्रदेश भर में पिछले दिन की तुलना में 36% ज्यादा एक्सीडेंट हुए।

दो दिन की तुलना में भोपाल में रोड एक्सीडेंट में बढ़े 135 प्रतिशत का इजाफा
क्या थे हादसों के मुख्य कारण?
- शराब पीकर वाहन चलाना – कई मामलों में दुर्घटनाएं नशे की हालत में तेज रफ्तार से वाहन चलाने की वजह से हुईं।
- तेज रफ्तार और लापरवाही – त्योहार के दिन युवा तेज गाड़ी चलाने और स्टंट करने में लिप्त रहे।
- सुरक्षा उपायों की अनदेखी – हेलमेट और सीट बेल्ट का प्रयोग न करने से घातक दुर्घटनाएं बढ़ीं।
- सड़क पर भीड़भाड़ – होली खेलने के दौरान सड़क पर लोगों की आवाजाही ज्यादा रही, जिससे एक्सीडेंट की संभावना बढ़ गई।




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