ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में गुरुवार शाम सबसे पहले होलिका दहन किया गया। इस धार्मिक अनुष्ठान में मंदिर के पुजारियों, पुरोहितों और हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। महाकाल के आंगन में पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार होलिका दहन किया गया, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे।
महाकाल के आंगन में सबसे पहले होता है होलिका दहन
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि देशभर में सबसे पहले होलिका दहन उज्जैन के महाकाल मंदिर में होता है। यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। होलिका दहन से पहले सांध्य आरती में महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया। इसके बाद फूलों और गुलाल की होली खेली गई। आरती के समापन के बाद मंदिर परिसर में होलिका दहन हुआ। श्रद्धालुओं ने “जय श्री महाकाल” के उद्घोष के साथ इस अनुष्ठान में भाग लिया।
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विशेष पूजा-अर्चना के बाद किया गया होलिका दहन
पंडित आशीष पुजारी के अनुसार, महाकाल मंदिर में होलिका दहन के लिए किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती। यह परंपरा निर्धारित समय पर पूरी की जाती है। पहले पंडितों और पुरोहित परिवार की ओर से विशेष पूजा-अर्चना की गई, जिसके बाद होलिका दहन किया गया।
गुलाल आरती में महाकाल को चढ़ाया गया हर्बल गुलाल
इस वर्ष पुजारियों और पुरोहितों ने ही बाबा महाकाल को हर्बल गुलाल अर्पित किया। पिछले वर्ष हुई एक घटना के कारण श्रद्धालुओं को गुलाल उड़ाने की अनुमति नहीं दी गई।
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भस्म आरती में भी खेली जाएगी होली
होलिका दहन के बाद अगले दिन भस्म आरती में भगवान महाकाल को रंग और गुलाल अर्पित किया जाएगा। इस दौरान महाकाल का विशेष श्रृंगार किया जाएगा, जिसमें चंदन और गुलाल का उपयोग होगा।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी
महाकाल मंदिर में होलिका दहन को देखने और पूजा-अर्चना करने के लिए हजारों श्रद्धालु पहुंचे। भक्तों ने आस्था और भक्ति के साथ इस पावन क्षण का साक्षी बनने का सौभाग्य प्राप्त किया।

देशभर में सबसे बाबा महाकाल के आंगन में हुआ होलिका दहन

बाबा महाकाल को चढ़ाया हर्बल गुलाल

बाबा महाकाल को चढ़ाया हर्बल गुलाल