[ad_1]
![]()
पेश इमाम अंजुमन इस्लाहुल मुस्लिमीन, मुफ़्ती नाहिद अशरफी
इस वर्ष होली (फाग उत्सव) और रमजान माह का जुम्मा एक ही दिन, शुक्रवार को आ रहा है। इसे देखते हुए छिंदवाड़ा के धर्मगुरुओं ने समाज में शांति, सौहार्द और भाईचारे का संदेश दिया है।
.
पेश इमाम अंजुमन इस्लाहुल मुस्लिमीन, मुफ्ती नाहिद अशरफी ने मुस्लिम समुदाय से अपील करते हुए कहा कि रमजान का महीना आत्मसंयम और खुदा की इबादत का समय होता है। रोजा सिर्फ भूखे-प्यासे रहने का नाम नहीं, बल्कि खुद को एक बेहतर इंसान बनाने का माध्यम है। ऐसे में सभी रोजेदारों को चाहिए कि वे अपने आचरण से समाज में प्रेम और सौहार्द का संदेश दें। उन्होंने कहा, “हमारी किसी बात या व्यवहार से हिंदू भाइयों को कोई तकलीफ नहीं पहुंचनी चाहिए, क्योंकि यह उनका बड़ा पर्व है।”
‘भावनाओं का सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी’ वहीं, उन्होंने हिंदू समुदाय से भी अपील की कि वे होली का उत्सव पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाएं, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि किसी भी गतिविधि से रोजेदारों को कोई असुविधा न हो। उन्होंने कहा, “हम सब एक देश में रहते हैं, एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है।”
प्रशासन भी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुस्तैद शहर के अन्य धर्मगुरुओं और सामाजिक संगठनों ने भी इस अवसर पर आपसी प्रेम और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। प्रशासन भी सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुस्तैद है। इस अपील के बाद शहरवासियों ने भी आपसी समझदारी और भाईचारे के साथ त्योहार मनाने का संकल्प लिया है। सामाजिक संगठनों ने दोनों समुदायों से अपील की है कि वे एक-दूसरे की धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करें और छिंदवाड़ा को सौहार्द की मिसाल बनाएं।
[ad_2]
Source link

