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Gift of land to minister Govind Singh Rajput in High Court dispute | गोविंद सिंह राजपूत के ससुराल पक्ष की याचिका पर सुनवाई: गिफ्ट में दी 50 एकड़ जमीन को लेकर आयकर विभाग ने जारी किया था समन – Bhopal News

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मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के ससुराल पक्ष की याचिका पर सोमवार को फाइनल फैसला आ सकता है।

खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के ससुरालजनों ने आयकर विभाग के समन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में उन्होंने सवाल उठाए हैं कि विभाग को समन जारी करने का अधिकार ही नहीं है। विभाग ने समन भेजने से पहले न तो कोई नोटिस दिया और न ही अन

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यह समन 50 एकड़ से अधिक जमीन मंत्री राजपूत के परिजनों को गिफ्ट में दिए जाने के मामले को लेकर जारी किया गया था। पिछली 2 पेशी में हाईकोर्ट ने अपील करने वालों के पक्ष को यह कहकर खारिज कर दिया है कि आयकर विभाग समन जारी कर सकता है। समन जारी करने में आयकर विभाग ने नियमों के आधार पर काम किया है। 10 मार्च को इस मामले में फाइनल हियरिंग है। कोर्ट याचिका पर फैसला दे सकता है।

गिफ्ट करना था तो पहले से मौजूद प्रॉपर्टी करते

आयकर विभाग ने दायर याचिका के मामले में कोर्ट में जवाब पेश किया। जिसमें बताया कि अगर ससुराल पक्ष के लोगों को जमीन गिफ्ट करना था तो वे अपने पास पहले से मौजूद प्राॅपर्टी गिफ्ट करते थे। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है।

बताया जाता है कि इसी तर्क में मंत्री के ससुराल वालों का पक्ष कमजोर पड़ा है। आयकर विभाग की बेनामी विंग ने भूमि दान करने वालों के खातों को भी ट्रेस किया है और उनके आय-व्यय का पूरा हिसाब खंगाल लिया है।

गिफ्ट में मिली जमीन का ऐसा है लेखा-जोखा अब तक आयकर टीम को मंत्री के साले हिमांचल सिंह राजपूत, उनकी पत्नी और बेटे की करीब 195 एकड़ जमीन मिली है। इसमें 50 एकड़ के करीब वह जमीन भी शामिल है, जो गोविंद सिंह, उनकी पत्नी और बेटे को दान में दी गई या उन्हें बेची गई। जब इसकी शिकायत हुई तो रिश्तेदारों ने जो जमीन मंत्री और उनकी पत्नी को दान में दी थी, उसे वापस कर दिया गया।

सुरखी विधायक गोविंद सिंह राजपूत खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री हैं।

सुरखी विधायक गोविंद सिंह राजपूत खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री हैं।

एक अप्रैल 2022 के पहले की प्राॅपर्टी की पड़ताल

आयकर विभाग ने मंत्री राजपूत के साले हिमांचल सिंह राजपूत, करतार सिंह राजपूत समेत सविता बाई राजपूत, प्रथमेश राजपूत और शुभम के नाम पर 1 अप्रैल 2022 से पहले जितनी भी संपत्ति पंजीबद्ध है, उसी की पड़ताल की है। इस जमीन पर 10 साल में कौन-कौन सी फसल उगाई गईं, पैदावार से जुड़ा दस्तावेज भी आयकर विभाग ने जुटा लिया है।

एक ही पते पर अलग-अलग नाम से संपत्ति

  • मंत्री गोविंद सिंह के साले हिमांचल सिंह राजपूत खुरई के गिरहनी गांव में रहते हैं। उनके पते पर ही अलग-अलग जमीनों के सौदे दर्ज हैं। खसरा नं. 1322/2, 1323/2 और 1327/2 की जमीन हिमांचल के नाम पर है। खसरा नं 1322/2 की जमीन गोविंद सिंह राजपूत की पत्नी को 3 अगस्त 2022 को और 1323/2 की जमीन एक दिन बाद 4 अगस्त 2022 को दान में मिली। बेटे आदित्य को 1327/2 की जमीन 25 जुलाई 2022 को दान में मिली। शिकायत के बाद वापस कर दी गई।
  • दूसरे साले करतार सिंह राजपूत के नाम पर खसरा नं 1322/1/1, 1323/1/1 और 1326 की जमीन है। खसरा नं. 1322/1/1 व 1323/1/1 की जमीन मंत्री राजपूत की पत्नी को 3 अगस्त 2022 में दान में दी गई। इसी तरह 1326 की जमीन 25 जुलाई 2022 को बेटे आदित्य को दान में दी गई। शिकायत के बाद इसे लौटा दिया गया।
  • करतार सिंह राजपूत की पत्नी सविता बाई राजपूत ने ​कल्पना सिंघई से खसरा नं. 1328 की जमीन खरीदी थी। इसे 29 अगस्त 2022 को गोविंद सिंह को दान में दिया गया। इसे भी शिकायत के बाद लौटा दिया गया।
  • करतार सिंह के बेटे प्रथमेश राजपूत के नाम पर खसरा नं. 1322/1/2 और 1323/1/2 की जमीन है। यह मंत्री गोविंद सिंह के बेटे आकाश को बेची गई थी।
  • हिमांचल सिंह के बेटे शुभम राजपूत के नाम पर खसरा नं. 1329 की जमीन है। इसे गोविंद सिंह के बेटे आकाश को बेचा गया था।

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पटवारी बोले- गोविंद राजपूत को जेल में होना चाहिए

कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने भाजपा मंत्री गोविंद राजपूत पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा ‘गोविंद राजपूत पर एक व्यक्ति की हत्या का आरोप है। उन्होंने 100 करोड़ रुपए की 100 बीघा जमीन दान में लेकर फिर वापस कर दी। उनके तार सौरभ शर्मा और परिवहन विभाग से जुड़े हुए हैं। ऐसे में राजपूत को जेल में होना चाहिए। ​​​​​​पूरी खबर पढ़ें….

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