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ऐसे दोस्त सबके हों! तीनों ने नौकरी छोड़कर लगाया दिमाग, आज बड़ी कंपनियां हैं इनकी ग्राहक, कमाई जान होगा पछतावा

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Success Story: आज हम आपको सहरसा के तीन ऐसे दोस्तों की कहानी बताने जा रहे हैं, जो पहले दूसरों के यहां नौकरी किया करते थे, जिसके बाद उन्होंने वहां से काम छोड़कर मधुमक्खी पालन शुरू किया और आज वह बड़ी कंपनियों को श…और पढ़ें

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सहरसा

सहरसा के तीन दोस्तों ने किया कमाल

हाइलाइट्स

  • तीन दोस्तों ने नौकरी छोड़ मधुमक्खी पालन शुरू किया
  • बड़ी कंपनियों को शहद सप्लाई कर रहे हैं
  • 250 बॉक्स में मधुमक्खी पालन से अच्छा मुनाफा

सहरसा:- कहते हैं अगर सच्चा दोस्त आपके जीवन में आ जाए तो संघर्ष से लेकर कामयाबी तक उनका साथ मिलता है. ऐसे दोस्त किसी फरिश्ते से कम नहीं होते हैं. आज हम आपको सहरसा जिले के सौरबाजार प्रखंड इलाके के खजूरी पंचायत की कुछ ऐसी ही कहानी के बारे में बताते हैं. जहां के तीन दोस्तों की कहानी न केवल दूसरों के लिए एक मिसाल है, बल्कि इन तीनों दोस्तों ने संघर्ष से लेकर कामयाबी तक अपना फर्ज बखूबी तरीके से निभाया है, दूसरे राज्यों में साथ मिलकर पहले इन्होंने काम सीखा और काम सीखने के बाद तीनों दोस्तों ने मिलकर मधुमक्खी पालन शुरू कर दिया, वह भी बिना किसी सरकारी सहायता से, और आज वह 20 बॉक्स में मधुमक्खी पालन कर रहे हैं, और इनसे बड़ी-बड़ी कंपनियां शहद खरीद रही हैं. आज वह बेहतर कमाई कर रहे हैं. चलिए जानते हैं कैसे की इन्होंने शुरुआत

बड़ी-बडी कंपनी में शहद कर रहे हैं सप्लाई
स्थानीय पिंटू कुमार ने बताया, कि मित्र रामप्रवेश यादव और छोटू कुमार यह दोनों मेरे सच्चे दोस्त हैं. उन्होंने मेरा साथ संघर्ष से लेकर कामयाबी तक दिया. यह सभी लोग भारतीय मधुमक्खियों का पालन कर रहे हैं. आगे वे बताते हैं, कि पहले राजस्थान में दूसरे के यहां नौकरी किया करते थे, फिर मधुमक्खी पालन का यहां से प्रशिक्षण प्राप्त किया और पूरी जानकारी हासिल की, फिर तीनों दोस्तों ने मिलकर प्लान बनाया, कि क्यों ना गांव में ही मधुमक्खी पालन की शुरूआत की जाए. आगे वे बताते हैं, कि शुरुआती दौड़ में थोड़ी कठिनाई आई. पहले छोटे पैमानों पर इसकी शुरुआत की, लेकिन फायदा और मुनाफा बेहतर देखा, तो अब बड़ी संख्या में मधुमक्खी पालन कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. सबसे खास बात यह है कि इसका शहद बड़ी-बड़ी कंपनियों को सप्लाई करते हैं और अच्छा मुनाफा कमाते हैं.

250 बॉक्स में मधुमक्खी पालन कर रहे हैं
वहीं आगे पिंटू कुमार ने बताया, कि 2020 से भारतीय मधुमक्खी पालन कर रहे हैं. इस क्षेत्र को चुनने की वजह ये थी, कि इस क्षेत्र में अगर मेहनत और लगन से काम किया जाए तो अच्छा मुनाफा भी हो सकता है. आगे वे बताते हैं, कि फिलहाल 250 बॉक्स में मधुमक्खी पालन कर रहे हैं. सप्ताह में एक बार शहद निकाला जाता है. 250 बॉक्स से 30 से 35 बाल्टी शहद निकल जाता है. हमारे पास बड़ी-बड़ी कंपनी के लोग पहुंचते हैं. शहद को कंपनियों को बेचते हैं. जिससे अच्छा फायदा होता है. आगे वे बताते हैं, कि फिलहाल मार्केट में शहद सप्लाई नहीं करते हैं.

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