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उज्जैन के सिंहस्थ 2028 की तैयारियों में जुटी मोहन यादव की सरकार, यूपी सरकार का पैटर्न अपनाएगी और सिंहस्थ में उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं को प्रदेश के अन्य धर्मस्थलों तक जाने के लिए प्रेरित करेगी।
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इसी के लिए सरकार ने तय किया है कि अब ओंकारेश्वर के शिव पंचायतन मंदिर को महाकाल लोक की तरह विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही, अयोध्या के राम मंदिर की तरह नागर शैली में इस आस्था स्थल का मंदिर निर्माण किया जाएगा। इन सभी कार्यों के लिए सरकार आगामी बजट में प्रावधान करने जा रही है।
ओंकारेश्वर में एकात्म धाम को भी पूर्ण विकास का स्वरूप दिया जाएगा। यह सभी कार्य सिंहस्थ 2028 से पहले पूरे किए जाएंगे ताकि उज्जैन आने वाले श्रद्धालु ओंकारेश्वर तक पहुंचने और वहां रुकने के लिए प्रेरित हो सकें।
इसी के तहत, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सिंहस्थ 2028 तक ओंकारेश्वर भी उज्जैन की तरह श्रद्धालुओं और पर्यटकों के विशेष आकर्षण का केंद्र बने। यह स्थान प्रदेश के धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन का महत्वपूर्ण केंद्र है। उन्होंने कहा कि एकात्म धाम ओंकारेश्वर में शिव पंचायतन मंदिर परिसर का विकास महाकाल लोक की तर्ज पर किया जाए।

सीएम ने विधानसभा के आगामी सत्र की तैयारियों की समीक्षा की।
उज्जैन से ओमकारेश्वर, समेत अन्य धार्मिक स्थलों पर जाने की सीधी व्यवस्था होगी
मोहन सरकार चाहती है कि उज्जैन आने वाले श्रद्धालु पहले ओंकारेश्वर जाएं और फिर मैहर, चित्रकूट, ओरछा तथा अन्य धार्मिक स्थलों तक वैसे ही पहुंचें, जैसे प्रयागराज महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालु काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए वाराणसी और बाल रूप में विराजे भगवान राम के दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचते हैं।
इससे प्रदेश में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे राज्य सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी।
सुविधाएं बढ़ेंगी, पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य ने बाल्यकाल में निवास किया था। उनके दर्शन और शिक्षा आज भी प्रासंगिक हैं। समाज को एकता के सूत्र में बांधने वाले आदि शंकराचार्य की विशाल प्रतिमा ओंकारेश्वर में स्थापित की गई है।
प्रतिमा स्थल सहित संपूर्ण ओंकारेश्वर के विकास के लिए आवश्यक कार्य शीघ्र पूरे किए जाएं। उन्होंने कहा कि सुविधाओं के विस्तार से यहां श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी। नागर शैली में, अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर बनने वाला यह मंदिर प्रदेश की विशेष पहचान को और मजबूत करेगा।
डॉ. यादव ने निर्देश दिया कि एकात्म धाम और क्षेत्र में आने-जाने के लिए सुविधाजनक मार्गों का निर्माण किया जाए तथा प्रस्तावित रोपवे की व्यवस्था को समय-सीमा के भीतर पूरा किया जाए।
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