Home देश/विदेश Sheikh Hasina News: शेख हसीना को हटाने के ल‍िए क‍िसने द‍िया बांग्‍लादेश...

Sheikh Hasina News: शेख हसीना को हटाने के ल‍िए क‍िसने द‍िया बांग्‍लादेश की आर्मी को आदेश? 8 महीने बाद सामने आ गया असली सच

15
0

[ad_1]

Last Updated:

शेख हसीना को सत्‍ता से हटाने की जब कोश‍िश हो रही थी, तब सेना ने उनका साथ क्‍यों नहीं द‍िया. इसका जवाब मिल गया है. यूएन मानवाध‍िकार संगठन के प्रमुख ने स्‍वीकारा क‍ि उन्‍होंने ही चेतावनी दी थी.

शेख हसीना को हटाने के ल‍िए क‍िसने द‍िया बांग्‍लादेश की आर्मी को आदेश? जानें सच

शेख हसीना को बांग्‍लादेश से छोड़ने के ल‍िए आर्मी ने ही कहा था.

हाइलाइट्स

  • शेख हसीना को बांग्‍लादेश की सत्‍ता से क‍िसने हटवाया, अब खुला सच.
  • यूएन ह्यूमन राइट्स कमीशन के चीफ ने खुद कबूल की हकीकत.
  • कहा-हमने एक आदेश द‍िया और बांग्‍लादेश में सरकार बदल गई.

शेख हसीना जब से बांग्‍लादेश की सत्‍ता से हटी हैं, तब से एक ही सवाल सबके सामने है क‍ि आख‍िर सेना ने उनका बचाव क्‍यों नहीं क‍िया? कौन था वो शख्‍स ज‍िसके कहने पर सेना ने शेख हसीना से दूरी बना ली और उनके तख्‍तापलट की राह बनाई. अब इसका जवाब मिलता दिख रहा है.

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार संगठन के प्रमुख फाल्किर्क ने बताया कि जब उन्होंने बांग्लादेशी सेना को जुलाई-अगस्त में हुए छात्र विरोध प्रदर्शनों को कुचलने में शामिल न होने की चेतावनी दी, इसके बाद बांग्लादेश की सरकार बदल गई. पिछले साल अगस्त में शेख हसीना के कहने के बावजूद, सेना ने प्रदर्शनकारियों पर सख्ती नहीं दिखाई. बाद में सेना ने हसीना को ‘सुरक्षित रास्ते’ से भारत भेज दिया. शुरुआत में सेना ने बांग्लादेश को अपने नियंत्रण में ले लिया. फिर उन्होंने अलग-अलग दलों से बात करके एक अस्थायी सरकार बनाने में मदद की.

सेना ने क्‍यों नहीं मानी बात
लेकिन बांग्लादेशी सेना ने शेख हसीना के आदेशों का पालन क्यों नहीं किया? उन्हें किसने ऐसा करने को कहा था? इस पर फाल्किर्क ने कहा, हमने छात्रों और जनता के आंदोलन को दबाने में सेना की भूमिका के खिलाफ चेतावनी दी थी. हमने उन्‍हें चेताया था क‍ि अगर सेना ने शेख हसीना का साथ द‍िया तो हालात और खराब हो सकते हैं. इसके बाद बांग्लादेश में सरकार बदल गई. हो सकता है क‍ि इसके बाद ही सेना ने शेख हसीना का साथ छोड़ द‍िया हो.

तब क्‍या हुआ
फाल्किर्क ने कहा, ‘मैं पिछले साल बांग्लादेश का उदाहरण देता हूं. जैसे कि आप जानते हैं, जुलाई-अगस्त में वहां बड़े पैमाने पर छात्र विरोध प्रदर्शन हुए थे. बांग्लादेश के लोग यह देख रहे थे कि हम (संयुक्त राष्ट्र) क्या कहते हैं. फिर हमने सेना को चेतावनी दी. हमने कहा कि अगर बांग्लादेशी सेना इस आंदोलन को कुचलने के लिए दखल देती है तो वे संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना का हिस्सा नहीं रहेंगे. इसके बाद, हमने बांग्लादेश में बदलाव देखा. वहां के लोगों के लिए बड़ी उम्मीद यह थी कि हम क्या कहते हैं, मैं क्या कहता हूं, हम क्या कर सकते हैं, और हम उस स्थिति को कैसे सामने ला सकते हैं.’

पद संभालते ही यूनुस ने पूछा
फाल्किर्क ने कहा, “जब प्रोफेसर यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार का पद संभाला, तो उन्होंने तुरंत मुझसे पूछा, क्या आप एक इन्‍वि‍स्‍ट‍िगेशन करने वाली टीम को भेज सकते हैं. यहां की स्थिति का आकलन कर सकते हैं. इस बात की जांच करा सकते हैं कि वहां क्या हुआ था? हमने उनकी बात मानी और हमने ये काम क‍िया. मैं खुद पिछले साल बांग्लादेश गया था. तब छात्रों ने हमें देखकर खुशी जताई थी. वे बहुत आभारी थे कि हमने उनका साथ दिया और उनका समर्थन किया.”

homeworld

शेख हसीना को हटाने के ल‍िए क‍िसने द‍िया बांग्‍लादेश की आर्मी को आदेश? जानें सच

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here