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Accused Rakesh Sharma’s family was boycotted by society, so he took revenge by shooting himself | ऑडियो वायरल, सामाजिक बहिष्कार और फिर हत्या: मुरैना में सरपंच चुनाव का विवाद रंजिश में बदला, चार भाइयों ने मिलकर एक्टिविस्ट का मर्डर किया – Morena News

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पांच दिन बीत जाने के बाद भी मुख्य आरोपी पुलिस गिरफ्त से दूर है।

मुरैना के एक गांव में सामाजिक बहिष्कार के बाद उपजी रंजिश ने हत्याकांड का रूप ले लिया। विवाद की शुरुआत तीन साल पहले सरपंच चुनाव से हुई। धीरे-धीरे दो गुटों ने वर्चस्व को लेकर एक-दूसरे से दुश्मनी पाल ली। बीती 28 फरवरी को चार भाइयों ने एक व्यक्ति की गोली

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वारदात के बाद आरोपी घरों पर ताले लगाकर फरार हो गए। पुलिस ने पांच-पांच हजार रुपए का इनाम घोषित किया। सोमवार शाम तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया लेकिन मुख्य आरोपी अब तक फरार है।

मामला जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर सिलायथा गांव का है। जिसकी चर्चा आसपास के गांवों के ग्रामीणों की जुबान पर भी है। सिलायथा गांव में पिछले एक सप्ताह से पुलिस का पहरा है। एक दर्जन से अधिक जवान लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं। भास्कर टीम सिलायथा गांव पहुंची और विवाद की वजह जानने की कोशिश की, पढ़िए रिपोर्ट…

पुलिस ने बीते एक सप्ताह से सिलायथा गांव में डेरा डाल रखा है।

पुलिस ने बीते एक सप्ताह से सिलायथा गांव में डेरा डाल रखा है।

सरपंच चुनाव से उपजी रंजिश शुरुआत होती है वर्ष 2022 के मई महीने से। सिलायथा गांव में नया सरपंच चुनने के लिए वोटिंग होनी थी। दो उम्मीदवारों में कड़ा मुकाबला था। इनमें से एक प्रत्याशी नरेंद्र जाटव का समर्थन सामाजिक कार्यकर्ता ध्रुव यादव ने किया। ध्रुव का एक छोटा भाई सतीश यादव भी है। दोनों के दो-दो बेटे हैं।

ध्रुव का बड़ा बेटा अंकुश भोपाल के एक मेडिकल कॉलेज में MBBS की पढ़ाई कर रहा है जबकि छोटा बेटा गोलू BBA स्टूडेंट है। सतीश यादव के दोनों बेटे अभिषेक और प्रियेश भी स्टूडेंट्स हैं। दोनों भाइयों का परिवार शिक्षित है।

दूसरे प्रत्याशी का समर्थन राकेश शर्मा के परिवार ने किया, जो मूल रूप से अपराधों में लिप्त है। राकेश के तीनों भाइयों का भी क्रिमिनल रिकॉर्ड है। उन पर हथियारों की तस्करी, लूट, डकैती सहित कई मामले पहले से ही दर्ज हैं। राकेश तिहाड़ जेल में भी सजा काट चुका है। उसके भतीजे अवधेश शर्मा पर हत्या का मामला है और वह ग्वालियर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है।

ग्रामीणों के अनुसार, राकेश का परिवार वर्षों से गांव में आतंक मचाए था। गरीबों की जमीनों पर कब्जा, अवैध धंधे करना और दलित परिवारों पर अत्याचार इनकी आम हरकतें थीं।

सरपंच के चुनाव में नरेंद्र जाटव जीत गया। इसी वजह से राकेश, ध्रुव के प्रति रंजिश रखने लगा। राकेश पूरे गांव पर अपना दबदबा बनाकर रखना चाहता था जबकि ध्रुव यादव और सरपंच नरेंद्र जाटव इसमें बड़ी अड़चन थे। इसी बीच एक ऑडियो वायरल हुआ और ग्रामीणों ने मिलकर राकेश के परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया।

शर्मा परिवार का आपराधिक बैकग्राउंड राकेश चार भाइयों में दूसरे नंबर पर है। सबसे बड़ा भाई रामसेवक शर्मा किसान है। तीसरे नंबर का मुकेश शर्मा और चौथे नंबर का श्यामसुंदर शर्मा भी अपराधों में लिप्त रहते हैं।

राकेश शर्मा के दो बेटे- प्रशांत शर्मा और अनूप उर्फ गोलू शर्मा के साथ तीन बेटियां हैं। जिनमें से एक की शादी हो चुकी है जबकि दो अविवाहित हैं। बड़े भाई रामसेवक का बेटा अवधेश उर्फ बालो ग्वालियर सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। उसने 1 मार्च 2013 को जौरा रोड स्थित एक पेट्रोल पंप संचालक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मुकेश और श्यामसुंदर भी कई छोटे-मोटे अपराधों में शामिल रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि इन्होंने अनुसूचित जाति की महिलाओं और लड़कियों के साथ भी कई बार ज्यादती की, लेकिन डर के कारण कोई भी उनके खिलाफ आवाज नहीं उठा सका।

ध्रुव यादव सामाजिक कार्यकर्ता थे। पंचायत चुनाव में नरेंद्र जाटव का सहयोग किया था।

ध्रुव यादव सामाजिक कार्यकर्ता थे। पंचायत चुनाव में नरेंद्र जाटव का सहयोग किया था।

स्कूल की जमीन पर कब्जा कर घर बनाया राकेश शर्मा के सिलायथा गांव में दो मकान और मुरैना शहर में एक मकान हैं। सिलायथा गांव में जिस निर्माणाधीन पंचायत भवन के पास ध्रुव यादव की हत्या हुई, उसके ठीक सामने राकेश का मकान है। यहां वह अपने भाइयों रामसेवक और श्यामसुंदर के साथ रहता था। दूसरा मकान गांव के शासकीय स्कूल भवन में है, जिसे राकेश के तीसरे भाई मुकेश ने जबरन कब्जा कर बनाया है।

राकेश का तीसरा मकान मुरैना शहर के वार्ड क्रमांक 46 में नेशनल हाईवे-44 के पास राजपूत होटल के पीछे बना है। ग्रामीणों के अनुसार, सिलायथा गांव में राकेश का एक मकान ध्रुव की जमीन पर बना है। मुकेश न केवल शासकीय स्कूल की भूमि पर कब्जा कर रह रहा है बल्कि मुरैना शहर में उसका मकान भी अतिक्रमण कर शासकीय भूमि पर बनाया गया है।

राकेश के पास कुल 32 बीघा जमीन है, जिसमें से 20 बीघा उसकी निजी संपत्ति है जबकि 12 बीघा ठाकुरजी मंदिर की पट्टे की जमीन है। जिस पर उसने और उसके भाइयों ने जबरन कब्जा कर रखा है। उसके घर में 15 से 20 दुधारू पशु थे, जिन्हें उसका परिवार अपने साथ ले गया है।

यह बिल्डिंग सरकारी स्कूल की है। ग्रामीणों के अनुसार, इस पर भी आरोपी पक्ष का कब्जा है।

यह बिल्डिंग सरकारी स्कूल की है। ग्रामीणों के अनुसार, इस पर भी आरोपी पक्ष का कब्जा है।

ऑडियो, जिसकी वजह से राकेश का बहिष्कार हुआ करीब 6 महीने पहले राकेश शर्मा ने सरपंच नरेंद्र जाटव को कॉल किया और गंदी-गंदी गालियां दीं। इसका ऑडियो भी सामने आया, जिसमें राकेश गांव के पूरे किरार समाज को अपशब्द कह रहा था। ऑडियो वायरल होने के बाद ग्रामीणों खासकर किरार समाज के लोगों ने खासा विरोध जताया। बाकायदा गांव में पंचायत बुलाई गई, जिसमें राकेश शर्मा और उसके परिवार का बहिष्कार करने को लेकर प्रस्ताव पास हुआ।

गांव में किसी भी सार्वजनिक या निजी आयोजन में राकेश या उसके परिवार को बुलाने पर प्रतिबंध लग गया। इसके बाद एक और ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें राकेश ने किरार समाज से माफी मांग ली। लेकिन बहिष्कार बरकरार रहा। बताया गया कि इसी दौरान ध्रुव ने किसी ग्रामीण से यह कह दिया कि राकेश शर्मा में दम हो तो सरपंच बन कर दिखाए।

इस बात से नाराज होकर राकेश और उसके भाइयों ने ध्रुव यादव को सबक सिखाने का मन बना लिया। राकेश हमेशा ध्रुव से अपनी बेइज्जती का बदला लेने की फिराक में रहने लगा।

बदला लेने का प्लान बनाया, गोली मारकर हत्या की ध्रुव यादव और सरपंच नरेंद्र जाटव मिलकर गांव में नया पंचायत भवन बनवा रहे थे। शुक्रवार को उसकी नींव भरी जा रही थी, इसी दौरान ध्रुव यादव की हत्या कर दी गई। ग्रामीणों के अनुसार, घटना के समय ध्रुव यादव और सरपंच नरेंद्र जाटव निर्माणाधीन पंचायत भवन के पास कुर्सियों पर बैठे थे। मजदूर नींव भरने का काम कर रहे थे।

इसी दौरान राकेश शर्मा और उसके तीनों भाई अपने-अपने हथियार लेकर वहां पहुंचे और ध्रुव यादव पर गोली चला दी, जो सीधे उसकी पीठ में जा लगी। ध्रुव यादव ने बचने के लिए भागने की कोशिश की, लेकिन गंभीर घायल होकर गिर पड़े। परिजन उन्हें लेकर ग्वालियर की ओर रवाना हुए, लेकिन बीच रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। आरोपी परिवार समेत फरार हो गए।

ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे को घंटों जाम रखा ध्रुव यादव की हत्या से गुस्साए किरार‎ समाज के लोगों ने रात 9 बजे ‎नेशनल हाईवे पर चक्काजाम कर ‎दिया। मुरैना- ‎ग्वालियर रूट पर कई वाहन फंस गए। जाम से निपटने के लिए कई‎ थानों का फोर्स मौके पर बुलाया गया।‎

दोनों तरफ की ‎सड़कों पर वाहनों की लंबी कतार चंबल राजघाट से लेकर ‎नूराबाद तक लगी रही। यात्री वाहनों को शहर‎ में होकर माता बसैया के रास्ते ग्वालियर के लिए जाना पड़ा।‎ प्रदर्शनकारी टीआई सिविल लाइन दर्शन ‎शुक्ला को तत्काल हटाने और मुकदमा दर्ज कराने की मांग कर रहे थे।

एसपी समीर सौरभ ने ‎मामले में जांच के लिए 24 घंटे ‎का समय मांगा, जिसे भीड़ ने‎ नकार दिया। इसके बाद एसपी ने रात 11:50 बजे टीआई शुक्ला को हटाने‎ का आदेश दे दिया।‎

यह वही निर्माणाधीन पंचायत भवन है, जहां ध्रुव की हत्या कर दी गई।

यह वही निर्माणाधीन पंचायत भवन है, जहां ध्रुव की हत्या कर दी गई।

पांच दिन बीते, मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी नहीं पुलिस ने सोमवार शाम तक रामसेवक, उसके दोनों बेटों राजकिशोर और श्याम सुंदर को गिरफ्तार किया। लेकिन पांच दिन बीत जाने के बाद भी मुख्य आरोपी राकेश समेत महेश शर्मा पुलिस गिरफ्त से दूर हैं। सभी पर 5-5 हजार रुपए का इनाम घोषित है। सीएसपी दीपाली चंदौरिया के अनुसार, दोनों फरार आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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