Home अजब गजब रेस्टोरेंट चला नहीं, पर हिम्मत हारी नहीं! 80% दिव्यांगता के बावजूद 4000...

रेस्टोरेंट चला नहीं, पर हिम्मत हारी नहीं! 80% दिव्यांगता के बावजूद 4000 से शुरू किया बिजनेस, रोज कमा रहे 30000

34
0

[ad_1]

Last Updated:

Success Story: गोविंदभाई केराई ने 80% दिव्यांगता के बावजूद 4,000 रुपये से खारीसिंग, दलिया का बिजनेस शुरू किया और रोजाना 20-30 हजार रुपये का टर्नओवर कर रहे हैं.

80% दिव्यांगता के बावजूद 4000 से शुरू किया बिजनेस, अब रोज कमा रहे 30000

80% दिव्यांगता के बावजूद गोविंदभाई का सफल बिजनेस.

हाइलाइट्स

  • गोविंदभाई ने 80% दिव्यांगता के बावजूद बिजनेस शुरू किया.
  • रोजाना 20-30 हजार रुपये का टर्नओवर कर रहे हैं.
  • सरकार ने बिजनेस लोन देकर मदद की.

कच्छ: गुजरात के एक शख्स ने 80% दिव्यांगता के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और नया बिजनेस शुरू किया. कम पूंजी निवेश से शुरू किए गए खारीसिंग, दलिया और अन्य खाद्य पदार्थों के बिजनेस में वे रोजाना 20-30 हजार रुपये का टर्नओवर कर रहे हैं. बता दें कि गोविंदभाई केराई का जन्म कच्छ जिले के भुज तालुका के बलदिया गांव में हुआ था. जन्म से ही पोलियो की वजह से उन्हें बचपन से कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. इस शारीरिक असुविधा ने गोविंदभाई की शिक्षा में बाधा नहीं डाली. उन्होंने अपनी हिम्मत और लगन से इंग्लिश में बी.ए. तक की पढ़ाई पूरी की.

एक छोटा रेस्टोरेंट भी शुरू किया
पढ़ाई पूरी करने के बाद जीवनयापन के लिए उन्होंने सबसे पहले एसटीडी-पीसीओ चलाना शुरू किया. समय के साथ उन्होंने एक छोटा रेस्टोरेंट भी शुरू किया, लेकिन दिव्यांगता के कारण होटल संचालन में कई समस्याएं आईं. इन समस्याओं ने गोविंदभाई को निराश करने के बजाय नया बिजनेस खोजने के लिए प्रेरित किया.

4,000 रुपये के निवेश से नए बिजनेस की शुरुआत
गोविंदभाई केराई ने लोकल18 से बात करते हुए बताया कि उन्होंने सिर्फ 4,000 रुपये का निवेश करके एक नए बिजनेस की शुरुआत करने का फैसला किया. उन्होंने 2,000 रुपये का माल (खारीसिंग, दलिया, दाना, चना, मटर, दाल) खरीदा, 1,500 रुपये की कीमत की मशीन और 500 रुपये में पैकिंग के लिए प्लास्टिक खरीदी. घर पर ही छोटे पैकिंग बनाकर, उन्होंने ये पैकेट्स स्थानीय दुकानों, केबिन और अन्य जगहों तक पहुंचाना शुरू किया.

रोजाना 20 हजार से 30 हजार रुपये का टर्नओवर
गोविंदभाई की मेहनत और हिम्मत के कारण उनका बिजनेस जल्द ही बढ़ने लगा. वे रोजाना 100 से 150 किलोमीटर तक ड्राइविंग कर, सुबह से शाम तक कुल 80 से अधिक छोटी-बड़ी दुकानों में अपना माल पहुंचाते हैं. इस काम से वे रोजाना 20 हजार से 30 हजार रुपये का टर्नओवर करते हैं, जो उनकी मेहनत और हिम्मत का परिणाम है.

एक छोटा कमरा, 500 रुपये और शुरू किया बिजनेस! परिवार ने किया विरोध, लेकिन आज कमा रहे 2 लाख रुपये

गोविंदभाई की मेहनत को देखते हुए सरकार ने उन्हें बिजनेस लोन दिया. इस लोन का उपयोग करके उन्होंने जूस बनाने की मशीन खरीदी और “शरबत की चुस्की” नाम से एक नई ड्रिंक ब्रांड शुरू की. इस नए उद्यम में भी उन्हें बेहतरीन सफलता मिली, जो उनके जीवन में एक और उपलब्धि बन गई. आज गोविंदभाई न केवल अपने बिजनेस में सफल हुए हैं, बल्कि वे अन्य तीन लोगों को भी रोजगार प्रदान कर रहे हैं. हर महीने वे इन कर्मचारियों को 10 हजार रुपये का वेतन देते हैं.

homebusiness

80% दिव्यांगता के बावजूद 4000 से शुरू किया बिजनेस, अब रोज कमा रहे 30000

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here