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इंदौर के सुभाष मार्ग पर रहने वाली इतिहास की प्रोफेसर निलिमा श्रीवास्तव पिछले 30 वर्षों से एक अनूठी मिसाल पेश कर रही हैं। वह प्रतिदिन सुबह 4:30 बजे उठकर अपने घर के आसपास के 500 मीटर क्षेत्र में सफाई करती हैं।
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सड़क पर झाड़ू लगातीं प्रोफेसर निलिमा श्रीवास्तव
निलिमा हर मौसम में, चाहे सर्दी हो या गर्मी या फिर बारिश, सुबह 5:30 बजे तक सफाई का काम करती हैं। इसके बाद वे 8:30 बजे कॉलेज के लिए निकल जाती हैं। छावनी स्थित जगन्नाथ महाविद्यालय में कार्यरत निलिमा का कहना है कि यह सफाई का संस्कार उन्होंने अपनी मां से सीखा है।
उनका मानना है कि घर के आसपास स्वच्छ वातावरण रहने से न केवल सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, बल्कि बीमारियां भी दूर रहती हैं। वह शास्त्रों का हवाला देते हुए कहती हैं कि नियमित सफाई से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। निलिमा ने सोशियोलॉजी, योग, एलएलबी, एलएलएम और एमफिल की पढ़ाई की है। वर्तमान में वह इतिहास में पीएचडी कर रही हैं।
गौरतलब है कि इंदौर पिछले सात वर्षों से लगातार स्वच्छता में अग्रणी रहा है। शहर को अब तक सात बार स्वच्छता पुरस्कार मिल चुका है और आठवीं बार भी पुरस्कार की दावेदारी में है। निलिमा जैसे जागरूक नागरिकों की वजह से ही इंदौर स्वच्छता में देश का सिरमौर बना हुआ है।
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