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Silence in Tarpura due to burning of Union Carbide waste | यूका कचरे जलाने का इम्पैक्ट देखने उड़ाए कबूतर: गांव के लोगों में दहशत इतनी कि घर से नहीं निकल रहे; किराएदार मकान खाली करके गए – Mhow News

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पीथमपुर के तारपुर गांव में शुक्रवार से यूनियन कार्बाइड का 10 टन कचरा रामकी एनवायरो में जलाने का ट्रायल किया जा रहा है। 3 मार्च तक यह कचरा 850 डिग्री सेंटीग्रेट पर जलाया जाएगा। सुरक्षा के लिहाज से करीब 500 से ज्यादा जवान तैनात हैं।

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दूसरी तरफ कुछ लोगों ने कचरा जलाने का असर देखने देसी तरीका अपनाया है। लोगों ने काला निशान लगाकर दो कबूतर उड़ाए। उनका मानना है कि कबूतर का स्वास्थ्य कचरे जलाने का प्रभाव के बारे में जानकारी देगा। वहीं, गांव के लोगों ने दहशत है। किराए से रहने वाले अधिकांश लोग घर छोड़कर पीथमपुर चले गए हैं। दैनिक भास्कर ने गांव जाकर स्थिति देखी। हालांकि कोई भी शख्स कैमरे पर बोलने को तैयार नहीं था।

तीन स्टेप में कचरा जलाने की प्रोसेस होगी। इसके बाद राख को जमीन में दबा दिया जाएगा।

तीन स्टेप में कचरा जलाने की प्रोसेस होगी। इसके बाद राख को जमीन में दबा दिया जाएगा।

सड़कें सूनी, गांव में रोजाना की तरह हलचल नहीं

पीथमपुर नगर परिषद का वार्ड नंबर 1 में आता है तारपुर गांव। यहां ट्रेंचिंग ग्राउंड भी है। पहाड़ी पर बसा यह गांव रामकी एनवायरो के ठीक पीछे करीब 500 मीटर दूर है। यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा जलाने की खबर के बाद यह गांव सुर्खियों में आ गया।

शुक्रवार को यहां दिनभर अफसराें की गाड़ियाें का लगातार आना-जाना लगा रहा। आमतौर पर गांव की सड़कों पर चहल-पहल रहती है, लेकिन दोपहर करीब 11:30 बजे गांव की सड़कें सूनी थीं। इक्का-दुक्का लोग ही दिखाई दे रहे थे। कुछ लोग एक जगह बैठे थे। उन्होंने भी बात करने से मना कर दिया।

कारण- जहरीला कचरा जलाने के दुष्प्रभाव का डर। पुलिस ने चारों ओर बैरिकेडिंग भी कर रखी है। पूरा गांव छावनी में तब्दील है। लोग छतों पर चढ़कर नजारा देख रहे थे। कैमरे को देखकर पीछे छुप जाते। उनके चेहरे पर चिंता और डर साफ तो है, लेकिन कोई कुछ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा सका। चिंता इस बात की है कि जहरीला कचरा जलाने का दुष्प्रभाव पड़ेगा, तो गांव बर्बाद हो जाएगा।

गांव में सड़कें सूनी रहीं। लोगों ने घर के बाहर कमरे से किराए उपलब्ध हैं के बोर्ड लगा रखे हैं।

गांव में सड़कें सूनी रहीं। लोगों ने घर के बाहर कमरे से किराए उपलब्ध हैं के बोर्ड लगा रखे हैं।

पार्षद ने भी बात करने से मना किया

गांव में ही भाजपा पार्षद किरण चमन चौपड़ा की किराना दुकान है। वह भी दुकान पर बैठे दिखे। टीम ने पार्षद के बात करने की कोशिश, तो उन्होंने कहा- ‘हाईकोर्ट के आदेश में कुछ नहीं कह सकते। पार्टी ने बयान देने से मना किया है।’ उन्होंने कैमरे पर कहने से मना कर दिया है। जब पार्षद से पूछा कि कुछ किराएदार मकान क्यों खाली कर रहे हैं, तो उनका जवाब था- दहशत के कारण।

बच्चे मुंह पर हाथ रख घर पहुंचे

दहशत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गांव में प्लांट के पास बच्चों को लेकर स्कूल बस आई। बस से उतरते ही बच्चों ने अपने मुंह पर हाथ रख लिया। प्लांट के सामने अपने घर के अंदर चले गए। परिवारवालों ने भी बच्चों को अंदर लेकर तुरंत दरवाजा बंद कर लिया।

गांव में अस्थाई पुलिस चौकी बनाई गई है।

गांव में अस्थाई पुलिस चौकी बनाई गई है।

अधिकांश किराएदार मकान खाली कर गए

गांव की आबादी करीब ढाई से तीन हजार है। यहां करीब 500 से ज्यादा घर हैं। इसी इलाके में आसपास करीब 70 से 80 फैक्ट्रियां भी हैं। इन फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूर वर्ग के लोग यहीं किराए से कमरा लेकर रहते हैं। कारण- यहां 500 से हजार रुपए प्रति महीने में कमरे मिल जाते हैं। एक कमरे में चार से पांच लोग रहते हैं। इसी में खाना बनाने की व्यवस्था भी होती है। गांव के लोगों ने इसी हिसाब से 10 बाय 10 के कमरे बना रखे हैं।

संगठन ने असर जानने उड़ाए दो कबूतर

कचरा जलाने से होने वाले असर को लेकर सामाजिक संगठन आमजन और पर्यावरण पर होने वाले प्रभावों को लेकर चिंता जता रहे हैं। शुक्रवार को संस्था प्रज्ञा सागर के जगमोहन सोन और योगाचार्य प्रदीप दुबे ने असर देखने देसी तरीका ढूंढ़ लिया। उन्होंने तारपुरा से दो कबूतर लिए। उनपर काला निशान लगाकर प्लांट क्षेत्र में छोड़ दिए। दोनों समाजसेवियों ने कहा, ‘ यह कबूतर प्रदूषण की जानकारी देंगे। बर्ड वॉचिंग मॉनिटरिंग कैंप के माध्यम से निगरानी कर इन पर होने वाले प्रभावों की जांच की जाएगी। इनके स्वास्थ्य के हिसाब से मनुष्यों पर पड़ने वाले प्रभाव का भी अध्ययन कर पाएंगे।’

सामाजिक संगठन संस्था प्रज्ञा सागर के कार्यकर्ताओं ने दो कबूतर उड़ाए।

सामाजिक संगठन संस्था प्रज्ञा सागर के कार्यकर्ताओं ने दो कबूतर उड़ाए।

छत पर पापड़ सूख रहे हैं, वह खराब हो जाएंगे

सुरक्षा के लिहाज से गांव में अस्थाई चौकी बनाई गई है। यहां जवान 24 घंटे तैनात हैं। दिन में कुछ बच्चे चौकी के पास गाेटी खेलते नजर आए। इतने में एक बुजुर्ग महिला बच्चों को घर के अंदर लेने आई। महिला ने एक पुलिसकर्मी से पूछ लिया- ‘ सर, कचरा जलना शुरू हो गया क्या? पुलिसकर्मी ने जवाब दिया- हमें नहीं पता। फिर महिला बोली- हमने छत पर पापड़ सुखाने के लिए रखे हैं। अगर कचरे का धुआं पापड़ में लग गया, तो वह भी खराब हो जाएंगे।’

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पीथमपुर में जलाया जा रहा भोपाल का जहरीला कचरा

पीथमपुर के तारपुरा गांव में रामकी एनवायरो फैक्ट्री में यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा जलाना शुरू कर दिया गया है। शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे कचरा भस्मक में डाला गया। इंसीनरेटर का तापमान अभी 900 डिग्री है। पढ़ें पूरी खबर

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