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महाशिवरात्रि पर नीमच के जावी गांव स्थित गुर्जरखेड़ा धाम में चूल का आयोजन किया गया। बुधवार शाम सैकड़ों श्रद्धालुओं ने धधकते अंगारों पर नंगे पैर चलकर अपनी आस्था का प्रदर्शन किया।
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मान्यता है कि चूल से नंगे पैर गुजरने से सभी रोग और कष्ट दूर हो जाते हैं। कार्यक्रम की शुरुआत में मंदिर में श्री गुर्जरखेड़ा सरकार और वीरभद्र स्वरूप अघोरी नाथ सहित सभी देवताओं का मंत्रोच्चार के साथ पूजन किया गया।
पंडित और मंदिर समिति के सदस्यों ने चूल का पूजन कर अग्नि प्रज्वलित की। आरती के बाद वीरभद्र स्वरूप नाथ श्री अघोरी नाथ पंडाजी ने 41 कुओं के जल से भरे 16 कलशों से स्नान किया। इसके बाद उन्होंने कलश को अपने सीने पर फोड़ा।
मंदिर के सेवादारों ने श्री अघोरी नाथ सरकार को बाघंबरी पहनाई। बाघंबरी धारण कर मंदिर की परिक्रमा की गई। फिर धधकते अंगारों पर चलकर अग्नि स्नान किया गया। मां काली के भोपाजी भी चूल में शामिल हुए।
‘ॐ नम: शिवाय’ और ‘हर हर बम बम’ के जयकारों के बीच हर आयु वर्ग के श्रद्धालुओं ने चूल में भाग लिया। कार्यक्रम के समापन पर साबूदाने की खीर और फलों का प्रसाद वितरित किया गया। मंदिर प्रबंध समिति के प्रवक्ता दिलीप पाटीदार ने बताया कि यह अलौकिक दृश्य प्रतिवर्ष गुर्जरखेड़ा धाम पर देखने को मिलता है।




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