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पिछले वर्ष अगस्त में हुई रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव (आरआईसी) के तमाम शोर-शराबे के बीच बेशक इंडस्ट्रीज निवेश का माहौल बना हो। लेकिन वास्तविकता में ग्वालियर अंचल में औद्योगिक निवेश रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा। बीते दो दिन तक भोपाल में चली ग्लोबल इन्वेस्ट
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लेकिन ऐसा नहीं हो सका, स्थिति यह रही कि ग्वालियर संभाग को एक निवेश एचवायडी टेक इंजीनियर्स और चंबल संभाग को एलिक्सर इंडस्ट्रीज निवेश का प्रस्ताव मिला है। इसमें भी एलिक्सर की यूनिट का काम पहले ही चल रहा है तथा अगस्त में ग्वालियर में हुई आरआईसी में ही इसकी घोषणा हो चुकी थी।
यानी कि जीआईएस में सिर्फ एक नया निवेश प्रस्ताव एचवायडी टेक का मिला है। निवेश के मामले में पिछड़ने के लिए उद्योगपति और औद्योगिक संगठन मानते हैं कि अफसरशाही की मनमानी और क्षेत्र में अपराधियों पर लगाम कसनी जरुरी है।
रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव: सीएम के आदेश के बाद भी काम नहीं
- फायर स्टेशन: बानमोर इंडस्ट्रीज एरिया की फैक्ट्रियों के मालिक आगजनी के कारण करीब 35 वर्षों से फायर ब्रिगेड स्टेशन की मांग उठा रहे हैं। बीते वर्ष कॉन्क्लेव में सीएम ने अफसरों को 6 माह में इसे पूरा करने निर्देश दिए, लेकिन अगस्त से अब तक 6 माह बाद भी काम नहीं हो सका है।
- इंडस्ट्री एरिया: चार इंडस्ट्रीज एरिया में ग्वालियर के मोहना, गुना के चेनपुरा, मुरैना के मवई और शिवपुरी के गुरावल में डेवलप करने की घोषणा की। ताकि उद्योगपतियों को विकल्प मिल सके, लेकिन एमपीआईडीसी के अफसरों ने अगस्त से अब तक इसे तैयार नहीं कर सके।
- काउंटर मैग्नेट सिटी: पिछले 33 वर्ष (1992 से अब तक) से वीरान काउंटर मैग्नेट सिटी को उद्योगों के सहारे आबाद करने के लिए सीएम डॉ.मोहन यादव ने निर्देश दिए थे। 271 हेक्टेयर जमीन पर इंडस्ट्रीज एरिया का प्रस्ताव बना, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने इस प्रस्ताव को मुकाम तक नहीं पहुंचाया है।
संगठन बोले– अफसरशाही व गुंडागर्दी पर लगाम जरुरी
पिछले कुछ वर्षों में निवेश को लेकर माहौल बदला है। बदलाव के लिए अफसरशाही पर लगाम लगानी होगी। इंडस्ट्रीज के लिए कई विभागों से काम कराने होते हैं। अफसर इसका फायदा उठाकर हैं। इसमें सुधार कराना होगा। -डॉ. प्रवीण अग्रवाल, अध्यक्ष/ मप्र चेंबर ऑफ कॉमर्स
ग्वालियर के आसपास कई बड़े इंडस्ट्रीज एरिया है लेकिन उनमें बड़ी इंडस्ट्री लाने की जरुरत है और इसके लिए शासन को ही गंभीर पहल करनी होगी। इंफ्रास्ट्रक्चर, सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर सख्त काम एवं मॉनिटरिंग की जाए। – सुदीप शर्मा, अध्यक्ष/ लघु उद्योग भारती संघ बानमोर
ग्वालियर, भिंड, मुरैना के इंडस्ट्रीज एरिया में निवेशक पड़ताल करते हैं तो इंफ्रास्ट्रक्चर एवं सुरक्षा अभाव के चलते नहीं आते। कई बार मंत्रियों, अधिकारियों से इस मुद्दे उठा चुके हैं। लेकिन समाधान नहीं हो सका। – मनीष अग्रवाल, अध्यक्ष/ लघु उद्योग भारती संघ मालनपुर
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