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महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर रीवा के प्रसिद्ध महामृत्युंजय मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। यह मंदिर दुनिया का इकलौता 1001 छिद्रों वाला महामृत्युंजय मंदिर है, जिसकी महिमा दूर-दूर तक विख्यात है।
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मंदिर के पट रात 3 बजे ही खुल जाएंगे, जबकि आम दिनों में यह सुबह 5 बजे खुलते हैं। श्रद्धालु दूध, दही, शहद, गंगाजल और पंचगव्य से भगवान शिव का अभिषेक करेंगे। अगले दिन विशेष भंडारे और पूजा-अर्चना का आयोजन भी होगा। दर्शन और पूजा-अर्चना की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

श्रद्धालु ने बताया, यहां शिव स्वयं प्रकट हैं, इसलिए दूर-दूर से लोग महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराने आते हैं।
60 साल बाद दुर्लभ संयोग मंदिर के मुख्य पुजारी वनस्पति प्रसाद त्रिपाठी ने बताया कि इस बार महाशिवरात्रि पर 60 वर्षों बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिन त्रिग्रही योग और बुधादित्य योग बनेंगे, जो 1965 के बाद पहली बार होगा। इस संयोग में शिव साधना करने वालों को विशेष फल प्राप्त होगा।
श्रद्धालुओं की आस्था और सुरक्षा व्यवस्था श्रद्धालु प्रकाश सोनी ने बताया, “मैं पिछले 25 वर्षों से महामृत्युंजय शिव के दर्शन करने आ रहा हूं। यहां शिव स्वयं प्रकट हैं, इसलिए दूर-दूर से लोग महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराने के लिए आते हैं।”
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