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खजुराहो स्थित बागेश्वरधाम में बुधवार को 251 जोड़ों कन्याओं का सामूहिक विवाह महोत्सव होगा। कार्यक्रम में राष्ट्रति द्रौपदी मुर्मू नवदंपति को आशीर्वाद देने पहुंचेंगी।
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आयोजन के लिए 20 लाख लोगों के भंडारे की व्यवस्था है। मैन्यू में बूंदी, रायता, जलेबी, मालपुआ, पुलाव समेत 13 व्यंजन परोसे जाएंगे। इसके लिए 400 लोग पिछले छह दिन से खाना बनाने में जुटे हैं।
नवविवाहित जोड़े को गिफ्ट में ढाई लाख रुपए कीमत के घरेलू उपयोग का सामान दिया गया है। इनमें डबल बेड, सोफा, आटा चक्की, अलमारी, ड्रेसिंग समेत घरेलू उपयोग के 56 आइटम शामिल हैं।
कार्यक्रम में राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अलावा क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग, रॉबिन उथप्पा और आरपी सिंह भी आएंगे। गायब सोनू निगम, अभिनेता पुनीत वशिष्ठ और पहलवान द ग्रेट खली भी समारोह में शामिल होंगे।
दैनिक भास्कर ने आयोजन से एक दिन पहले मंगलवार को बागेश्वरधाम पहुंचकर तैयारियां देखीं।

राजस्थान से मंगवाए 20 लाख रसगुल्ले
बागेश्वरधाम में भंडारे की जिम्मेदारी सागर के कैटरर्स को दी गई है। इसके संचालक राजा ठाकुर बताते हैं कि करीब 400 लोगों का स्टाफ खाना बनाने में जुटा। इतने ही लोग धाम के शिष्य मंडल की टीम भी मदद में लगी है। अब तक धाम के करीब 50 प्रोग्राम और पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथाओं के कर चुके हैं। 20 फरवरी खाना बनाने का काम शुरू कर दिया था। प्रसाद शुद्ध घी में बनाया जाएगा। राजस्थान से 20 लाख पीस छेना के रसगुल्ले भी मंगवाए हैं। खाना बनाने का काम मशीनों की मदद से किया जा रहा है। बड़े–बड़े कढ़ाहे रखे गए हैं। 12 से 15 एकड़ में भंडारे की व्यवस्था है।
ये रहेगा मैन्यू– मैन्यू में मटर पनीर, कश्मीरी आलू, दाल तड़का, वेज पुलाव, सादा पूड़ी, पालक पूड़ी, बूंदी रायता, मालपुआ, रबड़ी, सूजी का हलवा, बूंदी, शुद्ध घी की जलेबी।

बायपास से हेलीपैड तक दोनों ओर सजावट
बागेश्वर धाम समिति कि ओर से बायपास से हेलीपैड तक सड़क के दोनों ओर सजावट की गई है। पूरा बागेश्वर धाम दूधिया रोशनी से जगमगाएगा। आधुनिक बल्ब, झालर लगाकर आकर्षक बनाया जा रहा है। करीब 2000 एलईडी मोम्बाइट लगाई गई हैं। मंदिर परिसर, यज्ञशाला, अन्नपूर्णा समेत अन्य प्रमुख भवन रोशनी में नहाएंगे। तिरंगे की रोशनी वाली ट्यूब लाइट्स लगाई जा रही हैं।
नवदंपति को ढाई लाख रुपए कीमत का गिफ्ट
नवदंपति को उपहार देने की व्यवस्था अमानगंज शिष्यमंडल के प्रभारी कुम्मी लखेरा को सौंपी गई है। कुम्मी लखेरा बताते हैं कि दूल्हे के शेरवानी और दुल्हन के लिए लहंगा पहले ही दे दिया गया है। इसके अलावा, हर जोड़े को ढाई लाख रुपए के उपहार दिए जा रहे हैं। हर जोड़े को टोकन नंबर दिए गए हैं। शाम करीब 6 बजे विदा के समय जोड़े टोकन नंबर ले कर आएंगे। इसी आधार पर उपहार लेकर जाएंगे। यह व्यवस्था अमानगंज, अजयगढ़ और मगरोन शिष्यमंडल की 130 लोगों की टीम को सौंपी है।

पानी के लिए 5 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन
महोत्सव में पानी की व्यवस्था के लिए 5 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई गई है। 2000 लीटर की 80 टंकियां रखी गई हैं। 12-13 अस्थायी जल वितरण केंद्र बनाए गए हैं। 80,000 लीटर की दो बड़ी पानी की टंकियां भी पहले से तैयार हैं। 60 टैंकरों को भी जलापूर्ति की जिम्मेदारी दी गई है।
251 मंडप बनाए, बालाजी मंदिर से उठेगी बरात
बागेश्वरधाम के प्रमुख सेवादार नितेंद्र चौबे ने बताया कि विवाह की तैयारियां पंडाल के पास ही की गई हैं। सड़क के एक तरफ जयमाला होगी। दूसरी तरफ मंडप बनाए गए हैं। उसके पीछे बेटियों के रहने की भी व्यवस्था की गई है। 251 घोड़े तैयार किए गए हैं, जिन पर बारात निकाली जाएगी। बालाजी मंदिर के पास से ही बारात उठकर पंडाल में आएगी। यहां अलग-अलग मंडप बनाए गए हैं। मुख्य स्टेज पर वरमाला होगी। विदाई शाम करीब 5 बजे होगी। उपहार के लिए सभी की गाड़ियां बुलवा ली गई हैं।

विवाह के लिए अलग-अलग 251 मंडप बनाए गए हैं।
10 बिस्तर का अस्पताल, 10 एम्बुलेंस तैयार रहेंगी डॉ. नितिन कुमार चौबे ने बताया कि बागेश्वरधाम अस्पताल में नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। यहां 20 बेड का मिनी अस्पताल बनाया है। इसमें 10 बेड पुरुषों और 10 बेड महिलाओं के लिए हैं। 24 घंटे 10 एम्बुलेंस भी रहेंगी। सभी में ऑक्सीजन की भी व्यवस्था है। स्टोर रूम और ओपीडी भी है। इसमें 365 प्रकार की दवाइयां हैं। तीन शिफ्ट में 65 लोगों का स्टाफ रहेगा। इनमें तीन डॉक्टर, नर्स और वार्ड ब्वॉय हैं। एक शिफ्ट में 22 लोग रहेंगे।
धर्मांतरण खत्म करने और जाति भेद मिटाने की कोशिश
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बताया, ‘धर्मांतरण से बचाने के लिए आदिवासी समाज की बेटियों का विवाह करवा रहे हैं। जात-पात, ऊंच-नीच के नाम पर आए दिन खबरें आती हैं। कभी किसी दूल्हे को दबंग घोड़ी से उतार देते हैं, तो कभी कुछ और… हमें यह सहन नहीं हुआ। हमने प्रण लिया कि देश में न कोई बड़ा छोटा नहीं है। सबको सम्मान मिलना चाहिए।’

धाम समिति को देशभर से मिले एक हजार आवेदन
विवाह के लिए कन्याओं के चयन की प्रक्रिया व्यापक रही। धाम समिति को देश भर से 1000 से अधिक आवेदन मिले थे। इन आवेदनों के आधार पर 60 लोगों की टीम ने एक महीने तक 22-24 हजार किलोमीटर की यात्रा कर सर्वे किया। चयन के दौरान ग्रामीणों, पड़ोसियों और जनप्रतिनिधियों से जानकारी ली गई।
चार बेटियां दिव्यांग, 54 अनाथ और 94 के पिता नहीं
जिन कन्याओं का विवाह हो रहा है, उनमें चार दिव्यांग हैं। 54 कन्याओं के सिर से माता-पिता का साया उठ चुका है, जबकि 94 ऐसी हैं, जिनके पिता नहीं हैं। 12 नेत्रहीन कन्याएं हैं। वहीं, 87 लड़कियां अत्यंत गरीब परिवार की हैं। एक कन्या के पिता कैंसर से पीड़ित हैं।

विवाह समारोह के लिए विशाल मंडल बनाया गया है।
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