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Ajit jain Berkshire Hathaway- अजित जैन 1986 में वॉरेन बफे की कंपनी बर्कशायर हैथवे में इंश्योरेंस सेक्टर जॉइन किया था. उन्हें इस सेक्टर की कोई नॉलेज नहीं थी. यह बात उन्होंने बफे को इंटरव्यू के दौरान ही बता द…और पढ़ें
अजित जैन का जन्म ओडिशा के सुंदरगढ़ में हुआ.
नई दिल्ली. बर्कशायर हैथवे (Berkshire Hathaway) के मालिक वॉरेन बफेट को कौन आज नहीं जानता. लोग उन्हें निवेश की दुनिया का जादूगर कहते हैं और मानते हैं कि उन जैसा दुनिया में कोई नहीं है. लेकिन, खुद वारेन बफेट किसी और की ही प्रतिभा के कायल हैं. यह शख्स है बर्कशायर हैथवे के रिइंश्योरेंस बिजनेस डिविजन के प्रसिडेंट अजीत जैन. 22 फरवरी को अपने सालाना पत्र में वॉरने बफेट ने एक बार फिर जैन की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा, ‘अजीत जैसा कोई नहीं.’ इससे पहले वे अजीत जैन को ‘आइडिया की फैक्टरी’ बता चुके हैं. लाइमलाइट से दूर रहने वाले जैन के वॉरेन बफेट के उत्तराधिकारी बनने की अटकलें लगाई गईं हैं. अपनी गलतियों को स्वीकार करते हुए बफेट ने कुछ महत्वपूर्ण फैसलों के बारे में भी बताया जिन्होंने बर्कशायर हैथवे की सफलता को आकार दिया. बफेट ने कहा अजीत जैन को कंपनी में लाना उनका सबसे महत्वपूर्ण फैसला था.
वॉरेन बफेट ने 22 फरवरी 2025 को शेयरधारकों को लिखे अपने वार्षिक पत्र में जैन की प्रतिभा की प्रशंसा करते हुए लिखा, “मुझे व्यापार की संभावनाओं के साथ-साथ प्रबंधकों की क्षमता और निष्ठा में कई सुखद आश्चर्य मिल हैं. व्यवसाय के रूप में GEICO, प्रबंधकीय निर्णय के रूप में अजीत जैन और चार्ली मंगर को एक असाधारण साथी, व्यक्तिगत सलाहकार और सच्चे मित्र के रूप में पाना मेरी सबसे बड़ी खुशकिस्मती रही है. गलतियां समय के साथ मिट जाती हैं, लेकिन सही निर्णय हमेशा फलते-फूलते रहते हैं.”
ओडिशा के छोटे से शहर से अमेरिका तक का सफर
अजित जैन का जन्म ओडिशा के सुंदरगढ़ में हुआ. उन्होंने कटक के स्टीवर्ट स्कूल से पढ़ाई की और फिर आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री ली. 1973 में IBM में सेल्समैन की नौकरी की, लेकिन तीन साल बाद जब IBM ने भारत छोड़ दिया तो उनकी नौकरी भी चली गई. अजित ने हार नहीं मानी और 1978 में अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया. कुछ समय के लिए उन्होंने McKinsey & Company में काम किया.
1986 में ज्वाइन की थी कंपनी
अजित जैन 1986 में वॉरेन बफे की कंपनी बर्कशायर हैथवे में इंश्योरेंस सेक्टर जॉइन किया था. उन्हें इस सेक्टर की कोई नॉलेज नहीं थी. यह बात उन्होंने बफे को इंटरव्यू के दौरान ही बता दी थी. बफे उनसे काफी प्रभावित हुए और नौकरी दे दी. रॉबर्ट पी. माइल्स की पुस्तक ‘द वॉरेन बफे सीईओ: सीक्रेट फ्रॉम बर्कशायर हैथवे मैनेजर्स’ के अनुसार, जैन ने कंपनी के इंश्योरेंस डिपार्टमेंट में सिर्फ 14 लोगों के स्टाफ के साथ काम शुरू किया. शुरुआत में उन्होंने कोई पर्सनल असिस्टेंट भी नहीं रखा. 14 साल में ही उन्होंने कमाल कर दिखाया और इंश्योरेंस बिजनेस को 780 करोड़ डॉलर तक पहुंचा दिया.
बफेट ने माता-पिता से पूछा-दूसरा बेटा है क्या
बफेट ने ओडिशा में रहने वाले अजित के माता-पिता को पत्र लिखकर एक बार कहा था कि क्या अजित का कोई भाई-बहन अजित जैसा ही है? अगर है, तो उसे भी हमारे साथ काम करने के लिए भेज दें. बफे अजित की कार्यप्रणाली और बिजनेस स्किल्स को बहुत पसंद करते हैं.
बर्कशायर के किसी भी दूसरे एम्प्लॉई की तुलना में अजित ने ही कंपनी के लिए सबसे ज्यादा पैसा कमाया है. बफे ने एक बार कहा था कि इंश्योरेंस सेक्टर बहुत जोखिम भरा है, लेकिन अजित ने अपने कौशल और असाधारण क्षमता से कंपनी को जोखिम में नहीं डाला. अजित जैन ने भी खूब कमाई की है. उनकी नेटवर्थ ₹1.66 लाख करोड़ (2 अरब डॉलर) आंकी गई है.
New Delhi,New Delhi,Delhi
February 24, 2025, 18:13 IST
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