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First phase of Operation Bison | ऑपरेशन बायसन का पहला चरण: एसटीआर से बांधवगढ़ भेजे 23 बायसन; पैर फिसलने से स्ट्रेचर से गिरे डॉक्टर – narmadapuram (hoshangabad) News

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बायसन को स्ट्रेचर पर रखकर इस प्रकार से गाड़ी तक लाया जाता है।

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से बांधवगढ़ बायसन भेजने का कार्य चार दिनों से जारी है। चार दिन में 23 बायसन भेजे दिए गए है। शिफ्टिंग के दौरान एक दुर्घटना भी हुई, स्ट्रेचर बेहोश बायसन को लाने के दौरान एसटीआर के वन्यप्राणी डॉक्टर गुरुदत्त शर्मा गिर गए।

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पैर फिसलने से यह हादसा हुआ, जिसमें उनकी कमर, पीठ वाले हिस्से में फैक्चर हो गया। डॉक्टर शर्मा को उपचार के लिए नागपुर ले जाया गया है। वाइल्डलाइफ पीसीसीएफ शुभरंजन सेन ने डॉक्टर शर्मा के घायल होने की पुष्टि की।

उन्होंने बताया कि बायसन को बेहोश कर उसे बाद गाड़ी तक लाने के लिए स्ट्रेचर पर लाया जाता है। इस बीच उसकी आंखों के सामने कपड़ा ढंक देते है और सिर हिले नहीं इसलिए एक व्यक्ति सींग पकड़कर स्ट्रेचर पर बैठता है।

शनिवार को भी ऐसे ही एक बायसन को लाया जा रहा था। डॉक्टर गुरुदत शर्मा ऊपर सींग पकड़कर बैठे थे। अचानक से वो नीचे गिर गए। जिससे उनकी पीठ वाला हिस्से में फैक्चर हुआ। उन्हें उपचार के लिए नागपुर ले जाया गया है।

गाड़ियों में बायसन को रखा जाता है।

गाड़ियों में बायसन को रखा जाता है।

एसटीआर से 50 बायसन बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व भेजा जाना है। जिसका प्रथम चरण 20 से 24 फरवरी तक चलेगा। 23 बायसन रवाना करने के साथ पहले चरण के बायसन भेजने का टारगेट पूरा हुआ। पहले दिन 8, दूसरे दिन 4, तीसरे दिन शनिवार को 9 और चौथे दिन रविवार को 2बायसन को मॉडर्न गाड़ियों में रखकर रवाना किया गया।

जिन वाहनों से बायसन गए हैं, उन पर सैटेलाइट से नजर रखी जा रही है। जिस जिले से वाहन गुजरे, वहां के वन विभाग के अधिकारी हर 50-55 किमी पर मॉनिटरिंग कर रेस्क्यू टीम की मदद की। पीसीसीएफ सेन ने बताया रविवार तक बायसन रवाना किए गए। इसी के साथ पहला चरण का कार्य पूरा हुआ। रविवार को भेजे 2बायसन देर रात तक पहुंच जाएंगे। दूसरा चरण की तारीख फिलहाल तय नहीं हुई है।

200 मीटर कंधे पर उठाकर वाहनों तक लाई टीम

कान्हा, संजय, पेंच और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के अधिकारियों, कर्मचारियों की टीम करीब 250 अधिकारी, कर्मचारी के अलावा वाइल्डलाइफ देहरादून, डब्ल्यूसीटी के 15 चिकित्सकों की टीम इस ऑपरेशन में लगी रही। वाइल्डलाइफ पीसीसीएफ शुभरंजन सेन, एपीसीसीएफ एल कृष्णमूर्ति, एसटीआर फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा ऑपरेशन के दौरान मौजूद रहे।

लेफ्ट साइड से सबसे पहले डॉक्टर गुरुदत शर्मा। जो बायसन की शिफ्टिंग में शामिल रहे।

लेफ्ट साइड से सबसे पहले डॉक्टर गुरुदत शर्मा। जो बायसन की शिफ्टिंग में शामिल रहे।

वाहनों के अंदर लगे सीसीटीवी

वाहन के अंदर बायसन की गतिविधियों पर नजर रखने सीसीटीवी लगाए हैं। इसका कंट्रोल रूम वाहन के चालक कैबिन में बनाया है। इसमें वाहन चालक और मौजूदा स्टाफ बायसन की गतिविधियां और उनके पास मौजूद चारे, पानी की मॉनिटरिंग करते हैं। चारा समाप्त होते ही वाहन को रोककर उन्हें चारा पानी दिया जा रहा है।

सैटेलाइट से वाहनों की मॉनिटरिंग

बायसन लेकर रवाना हुए सभी वाहनों में जीपीएस लगाया गया है। इसके जरिए कंट्रोल रूम में वाहन की लाइव लोकेशन मिल रही है। वाहन किस रास्ते से गुजर रहा है। किस जगह कितनी देर के लिए रुका है। इसकी निगरानी की जा रही है। बांधवगढ़ के स्टाफ के साथ चूरना रेंज के अधिकारियों की टीम भी वाहनों के साथ पेट्रोलिंग करते हुई गई है।

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