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राजगढ़ में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बाल अधिकारों और संरक्षण पर विशेष कार्यशाला आयोजित की गई। जिला न्यायालय स्थित एडीआर सेंटर सभागार में हुई इस कार्यशाला की अध्यक्षता प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड स्निग्धा पाठक ने की।
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कार्यशाला में किशोर न्याय अधिनियम-2015 और बाल संरक्षण कानूनों पर जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया गया। बाल विवाह, बाल श्रम और लैंगिक अपराधों की रोकथाम को लेकर विचार-विमर्श हुआ। वक्ताओं ने कहा कि समाज और पुलिस की सतर्कता से बाल अपराधों को रोका जा सकता है।
पुलिस और समाज की भूमिका अहम इस कार्यक्रम में पुलिस अधिकारी, वकील, समाजसेवी संगठनों के प्रतिनिधि सहित थानों के बाल कल्याण अधिकारी और विशेष किशोर पुलिस इकाई के सदस्य शामिल हुए। अहिंसा वेलफेयर सोसायटी ने बाल सुरक्षा अभियानों की जानकारी साझा की।
सामूहिक प्रयासों पर दिया गया जोर सभी प्रतिभागियों ने बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए पुलिस, प्रशासन और जनता के बीच समन्वय की जरूरत पर बल दिया। कार्यशाला में यह निष्कर्ष निकला कि बाल सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रयासों से ही प्रभावी बदलाव लाया जा सकता है।
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