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मध्य प्रदेश में वकीलों ने एडवोकेट अमेंडमेंट बिल 2025 के विरोध में प्रतिवाद दिवस मनाया। हाईकोर्ट और जिला अदालतों में न्यायालयीन कार्य पूरी तरह से ठप रहा।
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जबलपुर में हाई कोर्ट बार एसोसिएशन और डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन ने इस प्रतिवाद दिवस का आह्वान किया। वकीलों का कहना है कि केंद्र सरकार ने अधिवक्ता अधिनियम 1961 में जो संशोधन प्रस्तावित किए हैं, वे वकीलों के हितों के खिलाफ हैं।
प्रस्तावित बिल के मुख्य प्रावधानों में वकीलों को हड़ताल या अदालतों का बहिष्कार करने पर रोक लगाई गई है। इसके अलावा, अगर कोई पक्षकार मुकदमा हारने के बाद वकील की लापरवाही का आरोप लगाता है, तो वकील को दोगुनी फीस लौटानी होगी।
वकीलों ने एकजुटता दिखाते हुए सरकार से मांग की है कि इस बिल में प्रस्तावित संशोधनों को वापस लिया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है, तो वे इसका कड़ा विरोध करेंगे।
वकीलों का कहना है कि नए प्रस्तावित कानून में कई ऐसे प्रावधान हैं जो उनके व्यवसायिक हितों को प्रभावित करते हैं। इसलिए वे इस बिल का विरोध करने के लिए मजबूर हैं।
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