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अमानक दवाइयों की सांकेतिक होली जलाई जाएगी।
मध्यप्रदेश शासकीय-स्वशासी चिकित्सक महासंघ (MTA) ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू किया है। इसके दूसरे दिन, शुक्रवार को इंदौर के एमवाय अस्पताल के बाहर अमानक दवाइयों की सांकेतिक होली जलाई जाएगी।
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एमटीए अध्यक्ष डॉ. राहुल रोकड़े के अनुसार, सरकारी अस्पतालों में अमानक दवाइयों की सप्लाई से मरीजों और डॉक्टरों को परेशानी हो रही है। ये जीवन रक्षक दवाइयां हैं, लेकिन घटिया गुणवत्ता के कारण मरीजों की जान जोखिम में पड़ रही है।
डॉक्टरों की मांग है कि ऐसी दवाइयों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगे और दोषी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। उन्होंने अमानक दवाइयां बनाने वालों को आजीवन कारावास की सजा देने की भी मांग की, ताकि भविष्य में मरीजों की जान से खिलवाड़ न हो।
ये हैं वे अमानत दवाइयां और उनके निर्माता
| अमानक दवाइयां | बैच नंबर | निर्माता कंपनी |
| Inj. Atropine Sulphate I.P. 2 ml | ATA 12407 | नंदिनी मेडिकल लेबोरेटरी प्रा. लि., इंदौर |
| Inj. Noradrenaline | DP 4095 | डिवाइन लेबोरेटरी प्रा. लि., वडोदरा |
| Inj. Calcium Gluconate I.P. 10 ml | MA 24E55 | मार्टिन एण्ड ब्राउन बायो साइंसेज प्रा. लि. सोलन |
| Inj. Aminophylline I.P. 25 mg | MA 23F66 | मार्टिन एण्ड ब्राउन बायो साइंसेज प्रा. लि. सोलन |
| ORS WHO Power | 40947 | जेनिथ ड्रग्स प्रा. लि. |
| Calcium with Vit D3 | LMT 240628 | लाइफ मैक्स कैंसर लेबोरेटरीज प्रा. लि. |
| Intravenous Set | MBL 303 | श्री व्यंकटेश फार्मा लि. |
बेअसर दवाइयां, डॉक्टरों की नाराजगी
डॉ. राहुल रोकड़े के मुताबिक, कई अमानक दवाइयां असरहीन हैं, जबकि इन्हें जीवन रक्षक माना जाता है। अगर ये दवाइयां काम नहीं करेंगी, तो डॉक्टरों को मरीज की हालत और मौत का सही कारण समझने में मुश्किल होगी। पहले भी कुछ दवाइयों को डॉक्टरों ने चिन्हित कर रिपोर्ट दी थी, जिसके बाद मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MPPHSCL) ने इन्हें अमानक घोषित किया था।
डॉक्टरों का उद्देश्य जनता को इस गंभीर समस्या से अवगत कराना है। इसी कारण प्रदर्शन के दौरान इन अमानक दवाइयों की सूची मीडिया को भी दी जाएगी। उनकी मांग है कि मध्य प्रदेश में जीरो टॉलरेंस नीति लागू हो, ताकि मरीजों को सुरक्षित और असरदार दवाइयां ही मिलें और डॉक्टरों को भी भरोसा रहे कि वे प्रभावी इलाज कर रहे हैं।
डॉक्टरों की अन्य मांगें
मध्य प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों ने निर्धारित समय सीमा के बाद भी हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया और न ही उच्च स्तरीय समिति का पुनर्गठन किया गया। एसोसिएशन के अनुसार, पिछली उच्च स्तरीय समिति के निर्णयों के बावजूद मंत्री परिषद की बैठक में पारित विषयों पर 17 महीने बाद भी कैबिनेट के आदेश लागू नहीं किए गए।
इसके अलावा, एसोसिएशन ने पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हुई घटना की निंदा करते हुए डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग की है।
डॉक्टरों की प्रमुख मांगें
- चिकित्सकों की मूलभूत समस्याओं का समयबद्ध समाधान किया जाए।
- नीतिगत, तकनीकी और चिकित्सकीय विषयों के निर्धारण के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की जाए, जिसमें महासंघ के पदाधिकारी व विभागीय अधिकारी शामिल हों।
- मंत्रिपरिषद की 4 अक्टूबर की बैठक के निर्णयों को तत्काल लागू किया जाए।
- चिकित्सा शिक्षकों को सातवें वेतनमान का वास्तविक लाभ और मूल वेतन का पुनर्निर्धारण दिया जाए।
- समयमान और चयन वेतनमान के आदेश एक माह में लागू किए जाएं।
- स्वीकृत वेतनमान संबंधी आदेशों को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।
- लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग में प्रशासनिक हस्तक्षेप समाप्त किया जाए।
- प्रशासनिक पदों पर वरिष्ठता के आधार पर तकनीकी विशेषज्ञ चिकित्सकों और चिकित्सा शिक्षकों की नियुक्ति हो।
- चिकित्सकों और जूनियर डॉक्टरों को कार्यस्थल पर सुरक्षा व अनुकूल वातावरण दिया जाए।
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