[ad_1]

84 वर्षीय रिटायर्ड प्रोफेसर के साथ हुई 1 करोड़ 70 लाख 45 हजार रुपए की धोखाधड़ी में ऑनलाइन ठग गिरोह के बदमाशों ने क्राइम ब्रांच को भी हैरत में डाल दिया है। ठग गिरोह के बदमाशों ने वृद्ध को टारगेट करने के साथ उनसे रुपए जिन 9 बैंकों के खाते में लिए हैं, उन
.
एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया ने बताया कि रिटायर्ड प्रोफेसर के साथ ठगी में अलग-अलग टीमें बनाकर 8 राज्यों में भेजी जाएंगी। प्राथमिक तौर पर जिन राज्यों की बैंकों के खातों में प्रोफेसर से ठगी का पैसा बदमाशों ने ट्रांसफर करवाया है, उनके ट्रांजेक्शन ब्लॉक करवाए हैं। बैंक ने अभी खातों की डिटेल नहीं भेजी है।
इसलिए ये स्पष्ट नहीं है कि 1 करोड़ 70 लाख 45 हजार की ठगी गई राशि में से कितना रुपया फ्रीज हुआ है। बैंक से खातों का स्टेटमेंट मिलेगा तो स्थिति स्पष्ट होगी। जिन खातों में पैसा ट्रांसफर हुआ है, उनमें 4 खाते आईडीएफसी, 2 बंधन बैंक,1 सिटी यूनियन बैंक, 1 सारस्वत बैंक, 1 आरएनबी बैंक के निकले हैं।
किराए पर खाते लेकर बदमाशों ने आम लोगों को भी फंसाया
प्राथमिक जांच में प्रोफेसर के रुपए जिन बैंकों के खाते में गए हैं, वे सभी राज्यों के लोकल नागरिक होना पता चले हैं। इन्हें ठगों ने एजेंट के माध्यम से अपने करंट व सेविंग अकाउंट किराए पर लेकर इसका उपयोग किया है। इसके पूर्व की गई ठगी की घटनाओं में किराए के अकाउंट लेने वालों को भी पकड़ा गया है। इसमें कई छात्र, गरीब तबके के लोग और आर्थिक कमजोर व बेरोजगार युवक बेवजह आरोपी बने हैं। बदमाश लोगों को लालच देकर किराए खाते पर लेते हैं।
ऐसे बचें शेयर ट्रेडिंग एप और किसी भी अनजान लिंक से डीसीपी राजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया, शेयर ट्रेडिंग करने वाले आमजन और सीनियर सिटीजन को ठग आसानी से इसलिए टारगेट करते हैं, क्योंकि वे अपने मोबाइल में दी गई सुरक्षा सेटिंग से अपडेट नहीं होते। वाट्सएप सेटिंग में ऑप्शन होता है कि कोई भी अंजान व्यक्ति उन्हें किसी नए ग्रुप में नए नंबर से नहीं जोड़ सकता।
इसके लिए आपको आपके मोबाइल में ग्रुप सेटिंग में जाकर उसे ऑनली फॉर कॉन्टैक्ट के ऑप्शन पर क्लिक कर सेटिंग करना होगी, ताकि आपके मोबाइल में जो नंबर सेव हैं, वही आपको ग्रुप में जोड़ सकें, कोई और नहीं।
[ad_2]
Source link

