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देश भर में लोको पायलेट्स व रनिंग स्टाफ ने लगातार 36 घंटे उपवास करते हुए ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत 20 फरवरी सुबह 7 बजे से हो गई है। जो 21 फरवरी शाम 7 बजे तक रहेगी। इसमें भोपाल रेल मंडल के 1500 रनिंग स्टाफ व लोको पायलेट शामिल हैं।
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ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं की गईं तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। संगठन के अनुसार, पूरे देश के 367 डिपो और 36 रेल मंडलों के लोको पायलट एवं सहायक लोको पायलट 21 दिनों का नोटिस दे चुके हैं, जिसके बाद वे भूख हड़ताल और अन्य विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे। एसोसिएशन का कहना है कि 1 जनवरी 2024 से लागू किए गए डिवाल्विंग एलाउंस में 25% की कटौती से लोको पायलटों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसके अलावा, रनिंग स्टाफ के ड्यूटी आवर्स को लेकर भी संगठन में नाराजगी है। उनका कहना है कि आठ घंटे से अधिक ड्यूटी होने पर अतिरिक्त आराम और भत्ते मिलने चाहिए, जो अभी तक नहीं दिए जा रहे हैं।

मंडल सचिव एमपी चौधरी।
मंडल सचिव एमपी चौधरी ने बताया कि हम लोग 36 घंटे के उपवास पर बैठे हैं। हमारी समस्याओं का रेलवे समाधान नहीं कर रहा है। हम सभी भूखे रहकर काम कर रहे हैं। हम लगातार पिछले चार महीने में कई बार रेलवे के सामने रखा है। इस पर रेल प्रशासन द्वारा जो रवैया अपनाया जा रहा है, इसलिए हम लोग धरने पर बैठे हैं।
AILRSA की प्रमुख मांगे
- माइलेज का रेट RAC 1980-81 के आधार पर दिया जाए।
- माइलेज रेट में परिवर्तन के लिए नियमबद्ध माइलेज का आकलन कर नई सीमा बढ़ाई जाए।
- 01.01.2024 से TA के रेट को भी माइलेज रेट के अनुसार संशोधित किया जाए।
- 6वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार भत्तों का पुनः निर्धारण हो।
- 7वें वेतन आयोग के तहत ALP के वेतनमान को ITI डिप्लोमा के समकक्ष किया जाए।
- साप्ताहिक विश्राम 30 घंटे के बजाय 16 घंटे से अधिक दिया जाए।

भोपाल स्टेशन पर बैठे लोको पायलट।
- 8 घंटे से अधिक ड्यूटी होने पर डबल विश्राम मिलना चाहिए।
- ट्रेनों में लोको पायलटों के लिए बेहतर सुविधाएं, जैसे FSD, लंबा फोकस हेडलाइट, डिजिटल उपकरण, आरामदायक सीटें और वेंटिलेशन में सुधार किया जाए।
- मुख्यालय पर घंटों की बेवजह रोक बंद की जाए।
- मंडल स्तर पर तैनाती के बाद मुख्यालय की ओर गाड़ी नहीं लगाई जाए।
- सभी लोको रनिंग कर्मियों को जोखिम भत्ता और OPS लागू किया जाए।
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