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म.प्र. शासकीय-स्वशासी चिकित्सक महासंघ द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश में आज से प्रदेशव्यापी आंदोलन चलाया जाएगा। इसमें लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग, श्रम विभाग, गृह विभाग व गैस राहत विभाग में पदस्थ 15 हजार डॉक्टर्स काली पट्टी बांधकर क
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आंदोलन के तहत जूनियर डॉक्टर्स 20 और 21 फरवरी को काली पट्टी लगाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। 22 फरवरी को कार्यस्थल के बाहर आधे घंटे टोकन विरोध प्रदर्शन करेंगे। एमटीए के अध्यक्ष डॉ. राहुल रोकड़े और सचिव डॉ. अशोक ठाकुर ने बताया कि इस दौरान इमरजेंसी सेवा चालू रहेगी।
इसके साथ ही चिह्नित अस्पतालों पर अमानक दवाओं की सांकेतिक होली जलाई जाएगी। 24 फरवरी को प्रदेशव्यापी सामूहिक उपवास के साथ 1 घंटे कार्यस्थल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। 25 फरवरी से प्रदेशव्यापी प्रशासनिक असहयोग आंदोलन होगा।
डॉक्टरों की ये हैं प्रमुख मांगें
- चिकित्सक महासंघ के चिकित्सकों के मूलभूत विषयों का समयबद्ध निराकरण।
- नीतिगत, तकनीकी, चिकित्सकीय विषयों के निर्धारण में महासंघ के पदाधिकारी और विभागीय अधिकारियों को शामिल कर उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाए।
- म.प्र. मंत्रिपरिषद की 4 अक्टूबर की बैठक के निर्णय के क्रियान्वयन की मांग।
- इसमें चिकित्सा शिक्षकों को सातवें वेतनमान का वास्तविक लाभ और मूल वेतन का निर्धारण किया जाए।
- समयमान, चयन वेतनमान के आदेशों का 1 माह में क्रियान्वयन किया जाना।
- राज्य शासन द्वारा चिकित्सकों को मंजूर गए समयमान, चयन वेतनमान के डेढ़ पूर्व जारी आदेश का लाभ एक माह में किया जाना ।
- प्रशासनिक दखलअंदाजी को लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा जैसे तकनीकी विभाग से समाप्त किया जाना ।
- लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा जैसे तकनीकी विभाग में चिकित्सकीय विषयों में प्रशासनिक दखलअंदाजी को समाप्त कर प्रशासनिक पदों पर तकनीकी विशेषज्ञ चिकित्सकों, चिकित्सा शिक्षकों को वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति प्रदान की जाना।
- चिकित्सकों और जूनियर डॉक्टर्स को कार्य क्षेत्र में सुरक्षा और बेहतर वातावरण उपलब्ध कराना।
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