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इस काम ने 8वीं पास महिला की बदल दी तकदीर! घर बैठे कमा रही बंपर मुनाफा, लोग कर रहे तारीफ

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Agency:News18 Uttar Pradesh

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Success Story: गीता देवी ने सुल्तानपुर के स्थानीय धार्मिक स्थल धोपाप के नाम से अपने साबुन की ब्रांडिंग की है. आपको बता दें कि धोपाप घाट का महत्व रामायण काल से रहा है जिसमें प्रभु श्री राम ने रावण को मारने के बा…और पढ़ें

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साबुन

साबुन लिए हुए गीता देवी 

हाइलाइट्स

  • गीता देवी ने घर बैठे साबुन बनाकर मुनाफा कमाया.
  • गीता देवी ने धोपाप के नाम से साबुन की ब्रांडिंग की.
  • गीता देवी ने 8वीं तक पढ़ाई की और अब सफल व्यवसायी हैं.

: आज पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी तेजी से आगे बढ़ रही हैं और आत्मनिर्भर बनने के लिए स्वयं के व्यवसाय स्थापित करने में तेजी से लगी हुई हैं. कुछ ऐसा ही उदाहरण पेश किया है सुल्तानपुर के रहने वाली गीता देवी ने जो घर पर रहकर नेम करौंदा आदि की टहनी और पत्तियों से साबुन बनाकर बाजार में बेच रही हैं. इससे उनका साबुन बनाने की कला में निपुड़ता भी हासिल हो रही है और अच्छी कमाई भी हो रही है, तो आईए जानते हैं गीता देवी की इस सफलता का राज.

आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ाया कदम 

महिलाएं शिक्षा तकनीक के साथ-साथ घरेलू उत्पाद में भी अब बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. जिसका उदाहरण पेश किया है. सुल्तानपुर की रहने वाली गीता देवी ने जो महिला समूह से जुड़कर नीम की पत्ती, एलोवेरा, तुलसी,पलाश का फूल और केसर से साबुन बनाती हैं और उसे बाजार में भी बेचने का काम कर रही हैं. गीता देवी द्वारा किए जा रहे इस कार्य से अन्य महिलाएं भी प्रभावित हुई है और महिला समूह से जुड़कर इसका हुनर सीख रही हैं.

इन सामानों का करती हैं उत्पादन 

लोकल 18 से बातचीत के दौरान गीता देवी ने बताया कि वह कई प्रकार के साबुन जैसे गुलाब का साबुन,नीम का साबुन आदि उत्पादों को जैविक तरीके से तैयार करती हैं.जिसमें कुछ औषधी को भी मिलाती हैं, जो लोगों की सेहत के लिए हानिकारक नहीं होता. इसके साथ ही गीता कपड़ा धुलने का साबुन, नहाने का साबुन, नीम की पत्ती, एलोवेरा, तुलसी आदि चीजों के मिश्रण से बनती हैं.

यहां तक की है पढ़ाई 
गीता देवी ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि वह कक्षा आठवीं तक पढ़े हैं और जय मां काली स्वयं सहायता समूह के साथ जुड़कर साबुन बनाने का काम कर रही है. साबुन बनाने की कला में निपुणता हासिल करने के बाद गीता देवी उसे बाजार में अच्छे दामों में बेच रही हैं. जिसमें एनआरएलएम कार्यालय द्वारा उनका काफी सहयोग भी किया जा रहा है. इसके लिए उन्होंने उपायुक्त एनआरएलएम केडी गोस्वामी और शाखा प्रबंधक नीरज श्रीवास्तव को आभार भी व्यक्त किया है.

इस ब्रांड से बनाया साबुन 
गीता देवी ने सुल्तानपुर के स्थानीय धार्मिक स्थल धोपाप के नाम से अपने साबुन की ब्रांडिंग की है. आपको बता दें कि धोपाप घाट का महत्व रामायण काल से रहा है जिसमें प्रभु श्री राम ने रावण को मारने के बाद अपने पापों को इसी स्थान पर धुला था.

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