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स्वर्ण रेखी नदी को पुनर्जीवित करने के मामले में तैयार की गई डीपीआर मप्र शासन के पास पहुंच गई है। निगम की ओर से बताया गया कि एकमुश्त राशि मिलना मुश्किल था। इसके चलते नदीं के लिए अब 547.36 करोड़ की डीपीआर भेजी गई है। जबकि मुरार प्रोजेक्ट के लिए 170 करोड़
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निगम के जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए डिवीजन बेंच ने कहा – हम ऐसी अपेक्षा करते हैं कि मप्र के मुख्य सचिव अनुराग जैन मामले को व्यक्तिगत रूप से देखें, ताकि फंड आवंटन का काम जल्द से जल्द किया जा सके। फंड आवंटन के बाद ही लंबे समय से अटका पड़ा स्वर्ण रेखा नदी को पुनर्जीवित करने का प्रोजेक्ट शुरू हो पाएगा।
अखबार के माध्यम से कचरा नहीं फेंकने की अपील, जुर्माना लगा रहे
निगम की ओर से वकील दीपक खोत ने बताया कि स्वर्ण रेखा में कचरा फेंकने वालों पर कार्रवाई और 1000 रुपए तक का जुर्माना लगाया गया है। समाचार पत्र दैनिक भास्कर में प्रकाशन के माध्यम से लोगों से कचरा नहीं फेंकने की अपील भी की गई है।
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