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बालविवाह के खिलाफ जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से सरोजिनी नायडू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर (स्वशासी) महाविद्यालय भोपाल में अभियान चलाया गया। इसके तहत विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गईं, जो 3 फरवरी 2025 से लेकर 14 फरवरी 2025 तक चलीं। इस आयोजन का मुख्य उद्द
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महाविद्यालय ने इसे लेकर एक शानदार पहल की। एम.ए. समाजशास्त्र द्वितीय सेमेस्टर की दो छात्राओं, हर्षिता मंडलोई और खुशी सेन को “बालविवाह प्रतिषेध एम्बेस्डर” के रूप में मनोनीत किया गया। इन छात्राओं ने बाल विवाह को सामाजिक बुराई के रूप में प्रस्तुत करते हुए स्लोगन और पोस्टर बनाए और महाविद्यालय की अन्य छात्राओं को इसके दुष्परिणामों से अवगत कराया।

13 फरवरी 2025 को छात्राओं ने बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली और संकल्प लिया कि वे भारत को बाल विवाह मुक्त बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगी। इसके बाद, छात्राओं ने एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया, जिसमें बाल विवाह के नकारात्मक प्रभावों और इसे रोकने के लिए शिक्षा और शासन-प्रशासन की भूमिका को स्पष्ट रूप से दर्शाया।

14 फरवरी 2025 को बालविवाह प्रतिषेध विषय पर एक व्याख्यान आयोजित किया गया, जिसमें महाविद्यालय की प्राचार्य और वरिष्ठ समाजशास्त्री डॉ. दीप्ति श्रीवास्तव ने बालविवाह के दुष्प्रभावों और कानूनी परिणामों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर उन्होंने हर्षिता और खुशी को बालविवाह प्रतिषेध एम्बेस्डर के रूप में प्रमाण पत्र भी प्रदान किए। समाजशास्त्र विभाग के अध्यक्ष, डॉ. आलोक निगम ने भी छात्राओं को बालविवाह प्रतिषेध की आवश्यकता पर प्रेरणादायक बातें कही और उन्हें यह संदेश दिया कि वे अपने घर-परिवार और आस-पड़ोस में बाल विवाह को रोकने के लिए जागरूकता फैलाएं।

इस अभियान में समाजशास्त्र विभाग के सभी सदस्य, डॉ. अर्चना चौहान, डॉ. मनीषा शर्मा, डॉ. रानू वर्मा, डॉ. कीर्ति वर्मा और पलक जैन की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इन गतिविधियों ने महाविद्यालय की छात्राओं को बालविवाह की गंभीरता से अवगत कराया और उन्हें इसे समाप्त करने के लिए प्रेरित किया।
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