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5th Gen fighter for navy: भारतीय नौसेना अपने एयर क्राफ्ट कैरियर के लिए विदेशी फाइटरों पर निर्भर है. कैरियर से इस्तेमाल में लाए जाने वाले एयरक्राफ्ट एयरफोर्स के एयरक्राफ्ट में बिलकुल अलग होते है. एयरफोर्से के पा…और पढ़ें
फाइटर जेट भी है एयर रिफ्यूलर भी
हाइलाइट्स
- भारत 2030 से पहले 5वीं पीढ़ी के 2 फाइटर जेट्स बनाएगा।
- भारतीय नौसेना के लिए TEDBF और AMCA फाइटर जेट्स तैयार हो रहे हैं।
- 2028 में TEDBF फाइटर जेट की पहली उड़ान की योजना है।
5th Gen Fighter For Navy: दुनिया तकनीक की पांचवी पीढ़ी पार कर चुकी है. अब तो मोबाइल में 5G से 6G और फाइटर जेट्स में भी 5G से 6G तक पहुंच रही है. दुनिया में सिर्फ दो देश हैं जिनके पास 2-2 पांचवी पीढ़ी के फाइटर जेट्स हैं. चीन के पास J-20 और J-35 हैं, जबकि अमेरिका के पास F-22 और F-35 हैं. अब इस सूची में भारत का नाम भी जुड़ने वाला है. भारत में भी पांचवी पीढ़ी के फाइटर जेट्स के दो प्रोग्राम चल रहे हैं. एक है AMCA यानी एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट और दूसरा है TEDBF यानी ट्विन इंजन डेक बेस्ड फाइटर जेट, जो एयरक्राफ्ट कैरियर के लिए है.
क्या है TEDBF प्रोजेक्ट?
TEDBF यानी ट्विन इंजन डेक बेस्ड फाइटर जेट. नाम से ही जाहिर है कि यह फाइटर जेट नौसेना के लिए डिजाइन किया जा रहा है. यह दो इंजन वाला स्वदेशी एयरक्राफ्ट है. इसके प्रोजेक्ट डायरेक्टर अमिताभ सराफ ने न्यूज 18 से खास बातचीत में इसकी खासियतें बताईं. अमिताभ सराफ का कहना है कि इस फाइटर जेट की सभी तकनीक स्वदेशी है. फिलहाल यह प्रिमलरी डिजाइन रिव्यू फेज में है. जून तक इसका प्राथमिक डिजाइन पूरा होने की उम्मीद है. फिर क्रिटिकल डिजाइन पर काम होगा. विंड टनल टेस्टिंग जारी है. एयरोडायनमिक डेटा बनने के बाद उसे टेस्ट किया जाएगा. फिर सिम्युलेटर में दिखाकर यह बताया जाएगा कि डिजाइन पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने कहा कि हमने शुरुआत LCA नेवी से की थी, जो एक सिंगल इंजन एयरक्राफ्ट है. चीन के एयरक्राफ्ट से मुकाबला करने के लिए हमें और एडवांस एयरक्राफ्ट चाहिए था. नौसेना ने जिस तरह की जरूरत बताई थी, उसी के हिसाब से यह एयरक्राफ्ट तैयार किया जा रहा है.
मल्टी टास्किंग एयरक्राफ्ट हो रहा तैयार
एयरक्राफ्ट का वजन 26 टन है. यह ज्यादा फ्यूल और ज्यादा वेपन अपने साथ ले जा सकता है. एक बार में समंदर के ऊपर 800-900 किलोमीटर दूर जाकर अपने ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है. इस एयरक्राफ्ट में 3 से 4 फ्यूल टैंक लगाए जा सकते हैं, जिसमें 7000 किलो फ्यूल ले जाया जा सकता है. मिड एयर रिफ्यूल की भी सुविधा है. इस एयरक्राफ्ट को टैंकर के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. एक एयरक्राफ्ट से हवा में ही 4 से 5 TEDBF में इंधन भरा जा सकता है. विमान में कुल 12 हार्ड प्वाइंट हैं. यह पांचवी पीढ़ी का फाइटर होगा, बस स्टील्थ तकनीक नहीं होगी. इसमें ब्राह्मोस, BVR मिसाइल और 2028 में इसे उड़ाने का प्लान है. अगले 4-5 साल में इसे हम नेवी को दे सकेंगे. यानी साल 2035 तक नौसेना में शामिल किया जा सकता है.
नौसेना को 2 इंजन वाले स्वदेशी जेट की जरूरत
2 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर को नौसेना में शामिल किया. भारत उन चुनिंदा 6 देशों में शामिल हो गया जिनके पास कैरियर बनाने की तकनीक है. अब उस एयरक्राफ्ट कैरियर से स्वदेशी एयरक्राफ्ट के उड़ान भरने की तैयारी है. एयरक्राफ्ट कैरियर के लिए बनाए जा रहे LCA नेवी सिंगल इंजन और वजन में भारी है. लिहाजा नेवी की जरूरत के हिसाब से नया एडवांस दो इंजन वाला एयरक्राफ्ट तैयार किया जा रहा है. चीन का पांचवी पीढ़ी का विमान J-35 भी कैरियर से उड़ान भरने के लिए ही डिजाइन किया गया था. अमेरिका का F-35 का नेवी वर्जन भी है, जो एयरक्राफ्ट कैरियर के लिए बनाया गया है. एयरक्राफ्ट कैरियर की वजह से किसी भी देश की अटैक करने की क्षमता और दायरा बढ़ जाता है. भारतीय नौसेना की ताकत में भी इजाफा होगा.
February 17, 2025, 18:01 IST
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