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Police picked up the dead body without informing people, that’s why people got angry | बिना बताए पुलिस ने उठाए शव, इसलिए आक्रोशित हुए लोग: प्रत्यक्षदर्शी बोले- कंपनी में तोड़फोड़ करना चाहते थे; सिंगरौली में जलाई थीं 5 बस-3 ट्रक – Singrauli News

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सिंगरौली में शुक्रवार को ट्रक की टक्कर से बाइक सवार दो लोगों की मौत के बाद हंगामा हो गया। गुस्साए लोगों ने पांच बस और तीन ट्रक फूंक दिए। एक ट्रक और बस में तोड़फोड़ की। सभी बसें अडानी की पॉवर प्लांट में आउटसोर्स ट्रांसपोर्टर की थीं। इनसे कंपनी के कर्मचा

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शनिवार को दोनों के शवों का पोस्टमार्टम कर गांव में अंतिम संस्कार किया गया। एडिशनल कलेक्टर पीके सेनगुप्ता ने बताया कि हादसे में मृत रामलालू यादव (45) और रामसागर प्रजापति (40) के परिजन को कोल ट्रांसपोर्ट कंपनी की ओर से 4-4 लाख और कर्मकार मंडल योजना के तहत 4-4 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी।

दैनिक भास्कर ने दूसरे दिन घटनास्थल के हालात देखे। मृतक के परिजन, प्रत्यक्षदर्शी और पुलिस अफसरों से बात की।

14 फरवरी को लोगों ने अडानी कंपनी में लगी पांच बसों और ट्रक जला दिए थे।

14 फरवरी को लोगों ने अडानी कंपनी में लगी पांच बसों और ट्रक जला दिए थे।

200 से ज्यादा पुलिस जवान तैनात

सिंगरौली जिले से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित है अडानी की कोलमाइंस। यहां से करीब 6 किलोमीटर दूर अमिलिया तिराहा है। यहां करीब 150 से ज्यादा दुकानें हैं। कंपनी के लोग छोटी-मोटी खरीदारी करते हैं। यहां से एक रास्ता कंपनी की तरफ मुड़ता है। शुक्रवार रात इसी जगह भीड़ ने पांच बसें जला दी थीं। इससे पहले, करीब तीन किलोमीटर दूर घाट पर दो ट्रक फूंके। इसके बाद रीवा, सीधी और सतना से 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी बुलाए।

यहां अलग-अलग क्षेत्रों में करीब 200 से ज्यादा पुलिस जवान तैनात हैं। 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में भी हैं। लोगों के चेहरों पर डर साफ देखा जा सकता है। दहशत ऐसी कि सुबह 12 बजे तक बाजार नहीं खुले। पुलिस ने दोपहर में फ्लैग मार्च निकाला। एएसपी शिव कुमार वर्मा मौके पर पहुंचे। लोगों से बात की, तब जाकर दुकानें खुल सकीं। ये भी कहा कि दुकानों पर भीड़ नहीं लगाएं।

जहां हादसा हुआ, वह ब्लैक स्पॉट

पाॅवर प्लांट से करीब 7 किलोमीटर दूर क्षेत्र को अमिलिया का जंगल कहते हैं। यह करीब 20 फीट चौड़ी डामर की सड़क है। यहां खतरनाक खड़ी चढ़ाई जैसा घाट है। यहां अकसर हादसे होते रहते हैं। इस कारण इसे ब्लैक स्पॉट भी घोषित कर रखा है।

पुलिस के मुताबिक बाइक से रामलालू यादव और रामसागर प्रजापति ऊंचाई की तरफ चढ़ रहे थे। दूसरी तरफ से कोयले से भरा ट्रेलर ढलान की तरफ आ रहा था। आशंका है कि दोनों एक-दूसरे को देख नहीं पाए होंगे, इस कारण हादसा हुआ।

मौके पर पहुंचे फॉरेंसिक एक्सपर्ट का कहना है कि बाइक सवारों के कमर का हिस्सा ट्रक के टायरों के बीच गैप में फंस गया होगा। ट्रक उन्हें करीब 20 फीट तक घसीटते ले गया। उनका शरीर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। उनके पैर भी कुचल गए थे। अनियंत्रित होकर ट्रक समेत बाइक करीब 30 फीट गहरी खाई में गिर गए। बाइक भी दो हिस्सों में बंट गई।

प्रत्यक्षदर्शी बोले- लाठी-डंडा लेकर आ गए थे लोग

प्रत्यक्षदर्शी रामदास साहू ने बताया ‘ भीड़ इस वजह से आक्रोशित थी, क्योंकि हादसे के बाद बिना परिजनों और गांव वालों को बताए पुलिस दोनों शवों को लेकर चली गई। इससे गुस्साई भीड़ पहले घटनास्थल पहुंची थी। यहां पास ही खड़े दो ट्रकों में तोड़फोड़ की। दरअसल, इसी रास्ते से कोलमाइंस के लिए ट्रक आते-जाते हैं। इसी के चलते लोगों ने ट्रकों में आग लगा दी। इसके बाद भीड़ कंपनी की ओर बढ़ी।

वे लोग कंपनी में घुसकर तोड़फोड़ करना चाहते थे। करीब 200 लोगों के हाथ में लाठी–डंडे थे। भीड़ अमिलिया तिराहे पर आ गई। जैसे ही, पावर प्लांट से निकली बसों पर तोड़फोड़ शुरू कर दी। बस के ड्राइवर पर लोग पत्थर फेंक रहे थे। ड्राइवर जैसे–तैसे जान बचाकर भागे।

बस में कंपनी के महिला–पुरुष कर्मचारी थे। हम लोगों ने उन्हें बचाने का प्रयास किया। हमने उन्हें घर में आकर छिपने के लिए भी कहा, लेकिन बस का दरवाजा नहीं खुला। इसके बाद इतनी भीड़ हो गई कि कुछ समझ नहीं आया, सब लोग जान बचाकर भागे।

रात 2 बजे कंपनी मैनेजमेंट ने घर पहुंचाए कर्मचारी

बताया जाता है कि ट्रक जलाने की जानकारी कंपनी प्रबंधन को मिल गई थी। इस कारण चक्काजाम या अन्य हालात की आंशका के चलते पहली शिफ्ट के कर्मचारियों को सुरक्षित घर पहुंचाना चाहा। एक साथ पांच बसों में बैठाकर कर्मचारियों को निकाल दिया। इधर, सेकंड शिफ्ट के कर्मचारी भी आ गए थे। इस कारण काम भी प्रभावित नहीं हुआ।

इससे पहले, अमिलिया चौराहे पर भीड़ ने उन्हें घेर लिया। ड्राइवर ने बस पीछे ले जाने की कोशिश की, तो पत्थर मारना शुरू कर दिया। इसके बाद कर्मचारी कंपनी की ओर भागे। माहौल ठंडा होने के बाद रात करीब 2 बजे कर्मचारियों को ट्रांसपोर्टर से गाड़ियां बुलवाकर घर भिजवाया गया।

4 बजे बात हुई, 5 बजे आई मौत की खबर

मृतक रामलालू यादव के बेटे श्याम बिहारी यादव ने बताया, ’शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे पिता रामलालू अपने दोस्त राम सागर प्रजापति के साथ बाइक से निकले थे। कहा था- रामसागर का कुछ काम है, इसलिए घाट तरफ जा रहे हैं। उसके बाद बात नहीं हुई। शाम करीब 6:00 बजे हादसे के बारे में पता चला। मैं घर पर नहीं था। मां को किसी ने घटना के बार में बताया था।

घर के पास रहने वालाी चाचा बाइक से घटनास्थल पहुंचे, लेकिन वहां कुछ नहीं मिला। बाइक जरूर पड़ी थी। इसी से पहचान हुई, लेकिन शव नहीं थे। वह वापस गांव आ गए। यहां घर पर पूरी बात बताई। लोग भी इकट्‌ठा हो गए। आग किसने लगाई, हमें नहीं पता।’

रामलालू के साले शीतल यादव का कहना है कि शाम 4 बजे जीजा से बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि काम से जा रहा हूं। यह कहकर फोन काट दिया। एक घंटे बाद करीब 5 बजे हादसे की खबर मिली।

साल 2011 में इसी जगह भी ऐसी ही घटना हुई थी। कंपनी ने गांव के लोगों से घर और जमीन ले लिए। पहले कहा गया था कि सड़क का चौड़ीकरण किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रशासन ने भी रास्ता बनवाने की तरफ ध्यान नहीं दिया। कोलमाइंस में जाने वाले ट्रक और हाइवा स्पीड में चलते हैं। शिकायत के बाद भी प्रशासन और कंपनी ने कुछ नहीं किया।

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अडानी की कंपनी की 5 बसें, 3 ट्रक जलाए

सिंगरौली में सड़क हादसे में दो युवकों की मौत के बाद बवाल हो गया। शुक्रवार को गुस्साए ग्रामीणों ने 5 बसों और 3 ट्रकों को आग के हवाले कर दिया। एक बस और एक ट्रक में तोड़फोड़ भी की है। हालात को देखते हुए 200 से ज्यादा पुलिसकर्मी मौके पर तैनात किए गए हैं। खुद कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला और एसपी मनीष खत्री भी मौके पर पहुंचे। पढ़ें पूरी खबर

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