Home देश/विदेश PM Modi US visit 2024 , PM Modi Donald trump meet ,...

PM Modi US visit 2024 , PM Modi Donald trump meet , Donald trump pm modi meeting , india russia relations , russia ukraine war , पीएम मोदी अमेरिका यात्रा , डोनाल्ड ट्रंप और मोदी मीटिंग , अमेर‍िका भारत संबंध , भारत रूस संबंध , रूस यूक्रेन वॉर , Ukraine War, यूक्रेन युद्ध , Donald Trump , डोनाल्ड ट्रंप , Vladimir Putin , व्लादिमीर पुतिन , Joe Biden , जो बाइडन

15
0

[ad_1]

Last Updated:

डोनाल्ड ट्रंप ने व्लादिमीर पुतिन से बात कर यूक्रेन युद्ध खत्म करने पर सहमति बनाई. लेकिन जब बाइडन का शासन था तब यही अमेर‍िका भारत को रूस से क‍िनारा करने की सलाह दे रहा था. लेकिन पीएम मोदी ने समझदारी द‍िखाते हुए …और पढ़ें

ट्रंप तो पुत‍िन को मना ले गए, लेकिन PM मोदी की समझदारी की चर्चा क्‍यों?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जानते थे क‍ि ट्रंप के आते ही पलटेगी बाजी.

हाइलाइट्स

  • बाइडन लगातार पीएम मोदी पर रूस से क‍िनारा करने के ल‍िए दबाव बनाते रहे.
  • लेकिन पीएम मोदी ने अपने भरोसेमंद दोस्‍त पुत‍िन का साथ कभी नहीं छोड़ा.
  • पीएम मोदी शायद जानते थे क‍ि एक न एक द‍िन ये बाजी पलट ही जानी है.

अमेर‍िकी राष्‍ट्रपत‍ि डोनाल्‍ड ट्रंप ने एक बड़ा कदम उठाते हुए रूस के राष्‍ट्रपत‍ि व्‍लाद‍िमीर पुत‍िन से फोन पर बात की और उन्‍हें यूक्रेन युद्ध खत्‍म करने के ल‍िए मना ल‍िया. पुत‍िन ने भी उनके सुर में सुर मिलाया और ऐलान कर द‍िया क‍ि रूस नहीं चाहता क‍ि अब एक भी जान जाए. इससे यूरोपीय देश जहां दुखी हैं, वहीं यूक्रेन खुश है. क्‍योंक‍ि यूरोपीय देश चाहते थे क‍ि डोनाल्‍ड ट्रंप पुत‍िन पर जंग खत्‍म करने का दबाव बनाएं और उन्‍हें उसी तरह से ट्रीट करें, जैसा अमेर‍िकी राष्‍ट्रपत‍ि जो बाइडन ने क‍िया था. लेकिन ट्रंप ने तो पुत‍िन के ल‍िए दोस्‍ती का हाथ बढ़ा द‍िया. इसका पूरी दुन‍िया पर क्‍या असर होगा, ये तो आने वाला वक्‍त बताएगा, लेकिन सामर‍िक मामलों के जानकार इस पूरे मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समझदारी की तारीफ कर रहे हैं.

यूक्रेन युद्ध जब शुरू हुआ तो भारत ने एक अलग ही रुख ल‍िया. तत्‍कालीन अमेर‍िकी राष्‍ट्रपत‍ि जो बाइडन चाहते थे क‍ि भारत रूस से रिश्ते तोड़ ले. उससे तेल और हथ‍ियार खरीदना बंद कर दे. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेर‍िका के दबाव में नहीं आए. उन्‍होंने न सिर्फ रूस से तेल खरीद की मात्रा बढ़ा दी बल्‍क‍ि लगातार पुत‍िन के संपर्क में भी रहे. वे यूक्रेन की राजधानी कीव भी गए. पीएम मोदी ने साफ कर द‍िया क‍ि भारत सिर्फ पुत‍िन समर्थक नहीं है. वह तटस्‍थ भी नहीं है. वह शांत‍ि का पक्षधर है. पीएम मोदी नहीं चाहते थे क‍ि रूस जैसे भरोसेमंद देश का साथ छोड़ द‍िया जाए. इसल‍िए उन्‍होंने जो बाइडन की हर कोश‍िश खार‍िज कर दी.

ट्रंप से पहले अमेरिकी NSA से मिले पीएम मोदी, क्या मिल रहा संकेत?

आजमाया हुआ दोस्‍त खो देते
बीबीसी से बातचीत जेएनयू के असोसिएट प्रोफेसर डॉ राजन कुमार ने कहा, ज‍िस तरह डोनाल्‍ड ट्रंप के आने के बाद बाजी पलटी है उससे लोगों को लग रहा होगा क‍ि पीएम मोदी ने बाइडन के दबाव को खार‍िज कर बहुत ही समझदारी भरा फैसला ल‍िया. क्‍योंक‍ि अगर वे रूस से किनारा कर लेते तो एक आजमाया हुआ दोस्‍त खो देते. ट्रंप के आने से बाजी पूरी तरह से पलट गई है, क्‍योंक‍ि जो अमेर‍िका पहले पुत‍िन को खत्‍म करने के सपने देख रहा था, अब वही दोस्‍ती के ल‍िए बाहें फैला रहा है.

तब मोदी ने क्‍या द‍िया था तर्क
भारत ने बाइडन के दबाव को खार‍िज करते हुए तब साफ कहा था क‍ि रूस से हम तेल इसल‍िए नहीं खरीद रहे हैं क्‍योंक‍ि रूस को आर्थिक मदद देना चाहते हैं, बल्‍क‍ि इसल‍िए खरीद रहे हैं क्‍योंक‍ि हम अपने यहां तेल की कीमतों पर लगाम लगाना चाहते हैं. अगर यूक्रेन हमें सस्‍ता तेल बेचेगा तो हम उससे भी खरीदेंगे. बाद में बाइडन को भी यह बात समझ में आ गई. पीएम मोदी के इस फैसले का दूसरा मकसद था रूस के जर‍िए चीन को काबू में रखना. यह सच है कि रूस भारत का पुराना साझेदार है, लेकिन वह चीन का भी सहयोगी है. पुतिन और शी जिनपिंग के बीच ‘बेरोकटोक साझेदारी’ है. पीएम मोदी जानते थे क‍ि अगर हम रूस से दूर हुए तो इसका फायदा चीन उठा सकता है.

homenation

ट्रंप तो पुत‍िन को मना ले गए, लेकिन PM मोदी की समझदारी की चर्चा क्‍यों?

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here