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भोपाल सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी पर कोरोनाकाल में करोड़ों रुपए की दवाइयां खरीदकर मुनाफा कमाने का आरोप है। शिकायत के अनुसार, 2021 में 9 लाख रुपए की एजिथ्रोमाइसिन टेबलेट की जरूरत थी, लेकिन 43 लाख की खरीदी की गई। 20 लाख रुपए की कीमत वाला इम्यूनोग्लोबुलि
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शॉर्ट टेंडर की आड़ में फर्जी रेट कॉन्ट्रैक्ट और दस्तावेजों में हेराफेरी की गई। इसके चलते लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में भी शिकायतें की गई हैं। इस पर संयुक्त संचालक डॉ. नीरा चौधरी ने तीन दिन के अंदर सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी को पत्र लिखकर जवाब मांगा है। हर अस्पताल से 50 हजार से 1 लाख तक की वसूली के आरोप हैं। उन पर चेकिंग के नाम पर मानसिक शोषण और अफसरों को पैसा बांटने के आरोप भी हैं।
टेंडर फाइलें गायब : आरोप है कि डॉ. तिवारी ने टेंडर में हेराफेरी कर अपनी पसंदीदा फर्म को फायदा पहुंचाया। मामला लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू तक पहुंचा, तो महत्वपूर्ण फाइलें गायब कर दी गईं। आरोप है कि विदेश यात्राओं पर उन्होंने लाखों खर्च किए।
आरोप आधारहीन हैं ^शिकायतें भिन्न-भिन्न नामों से, लेकिन एक ही स्थान से भेजी जा रही हैं, जिससे स्पष्ट है कि यह एक संगठित और दुर्भावनापूर्ण प्रयास है। इन शिकायतों में कोई तथ्यात्मक प्रमाण नहीं है, बल्कि केवल मनगढ़ंत और आधारहीन आरोप हैं। पूर्व में भी इसी प्रकार की झूठी शिकायतें विभिन्न कार्यालयों में भेजी गई थीं। मेरे और परिवार की छवि को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। मैंने पुलिस में शिकायत की है। डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ भोपाल
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