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राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ में एक 11 वर्षीय मूक-बधिर बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के बाद उसकी मौत हो गई। घटना के बाद बच्ची को भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती किया गया था। वहां से 3 फरवरी को उसे कमला नेहरू अस्पताल में शिफ्ट किया गया था, जहां इलाज के लि
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प्राइवेट पार्ट से बह रहा था खून
कुरावर थाना प्रभारी संगीता शर्मा को बच्ची के पड़ोसी ने बताया कि 1 फरवरी की रात बच्ची दादी-चाचा के बीच झोपड़ी में हुई थी। तब ही आरोपी ने उसे झोपड़ी से उठाया और जंगल में ले जाकर उससे हैवानियत की। रात 2 बजे दादी जागीं तो बच्ची नहीं थी। बच्ची के नहीं मिले पर दादी चिल्लाई तो लोग जाग गए । रातभर बच्ची को खोजा, लेकिन वह नहीं मिली। 2 फरवरी को सुबह 10 बजे दादी और बुआ शौच के लिए जंगल में गईं वहीं नीम के पेड़ के पास बच्ची बैठी हुई थी और वो खून से लथपथ थी। दादी और बुआ बच्ची को घर ले आए। बच्ची के प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था। उसके दोनों पैर खून से लथपथ थे। बच्ची बेसुध हालत में पड़ी थी। तब उसके साथ कुछ गलत होने की बात सामने आई।
दादी ने कहा था, रिपोर्ट कैसे लिखवाएंगे, हमारा तो कोई है ही नहीं
एफआईआर लिखवाने वाले पड़ोसी ने बताया है, जब उनकी बहन ने बच्ची की दादी से रिपोर्ट के लिए कहा तो उन्होंने कहा, हमें डर लगता है। हमारे तो आगे-पीछे कोई नहीं है। बच्ची का चाचा बीमार रहता है। इस पर फिर बच्ची के पड़ोसी ने डायल 1098 पर कॉल कर सूचना दी। थोड़ी देर बाद डायल 100 से फोन आया, जिस पर वारदात की जानकारी दी। कुछ देर बाद एंबुलेंस और डायल 100 आ गई। बच्ची को नरसिंहगढ़ अस्पताल लेकर गए, वहां से उसे भोपाल रेफर किया।
गुरुवार को ज्यादा बिगड़ी थी तबीयत
वेंटीलेटर पर सांसें ले रही बच्ची की गुरुवार को ज्यादा तबीयत बिगड़ गई थी। इससे सभी घबरा गए थे। आईजी अभय सिंह, एसपी आदित्य मिश्रा और तमाम पुलिस अधिकारी उसका हालचाल जानने पहुंचे थे। वहीं उसकी सुरक्षा में शुक्रवार शाम तक दो महिला और दो पुरुष पुलिस जवान तैनात थे।
नरसिंहगढ़ एसडीओपी उपेंद्र सिंह भाटी का कहना है कि हमारी पूरी टीम मामले के खुलासे में लगी हुई है। बच्ची से घटना की जानकारी लेने के लिए हमने दुभाषियों की भी मदद ली है। घटना की सूचना बहुत ज्यादा देरी से मिली, आरोपी की तलाश की जा रही है।
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