Home अजब गजब ब्लैकरॉक के सीईओ लैरी फिंक: बिटकॉइन और वित्तीय संकट में उनकी भूमिका

ब्लैकरॉक के सीईओ लैरी फिंक: बिटकॉइन और वित्तीय संकट में उनकी भूमिका

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Larry Fink- अमेरिकी अरबपति कारोबारी लैरी फिंक ने 1988 में ब्लैकरॉक की नींव रखी थी. ब्‍लैकरॉक के पास 7.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की संपत्ति है, जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी फाइनेंशियल फर्म बनाती है.

कई देश खरीदने  की हैसियत फिर भी अमीरों की सूची में नहीं इस शख्‍स का नाम

लैरी फिंक ने दुनिया की कई बड़ी वित्‍तीय डील कराने में अहम भूमिका निभाई है.

नई दिल्‍ली. जब बात दुनिया के सबसे अमीर और प्रभावशाली लोगों की होती है तो एलन मस्‍क (Elon Musk) जेफ बेजोस (Jeff Bezos) और बिल गेट्स (Bill Gates) जैसे नामों का ज़िक्र होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमेरिका में मस्‍क, गेट्स और बेजोस से भी ज्यादा प्रभावशाली एक व्यक्ति है, जिसका नाम शायद ही आपने सुना हो? वह हैं लैरी फिंक (Larry Fink). लैरी दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट फर्म ब्‍लैकरॉक (BlackRock) के सीईओ हैं. हाल ही में दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्‍य पर अपनी टिप्‍पणी के कारण लैरी फिंक आजकल चर्चा में है. फिंक ने भविष्‍यवाणी की है कि बिटकॉइन की कीमत 700,000 अमेरिकी डॉलर तक जा सकती है.

अमेरिकी अरबपति कारोबारी लैरी फिंक ने 1988 में ब्लैकरॉक की नींव रखी थी. ब्‍लैकरॉक के पास 7.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की संपत्ति है, जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी फाइनेंशियल फर्म बनाती है. दिसंबर 2024 तक BlackRock का बाजार पूंजीकरण 12.808 ट्रिलियन रुपये था, जो इसे वैश्विक स्तर पर 102वीं सबसे मूल्यवान कंपनी बनाता है. ब्‍लैकरॉक के पास प्रबंधन के तहत संपत्ति इतनी विशाल है कि यह कई देशों की जीडीपी से भी अधिक है. खास बात है कि ब्लैकरॉक की वर्थ अमेरिका की जीडीपी की लगभग आधी है. दुनियाभर के कुल शेयरों और बॉन्ड्स का 10 फीसदी इस कंपनी कंपनी के पास है. हर बड़ी कंपनी में निवेश होने के कारण ब्लैकरॉक को दुनिया का सबसे बड़ा शेडो बैंक (Biggest Shadow Bank) भी कहा जाता है.

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अरबपतियों की सूची में नहीं है नाम
लैरी फिंक भले ही एसेट मैनेजमेंट फर्म के संस्‍थापक और सीईओ हो, फिर भी उनका नाम अरबपतियों की किसी भी सूची में नहीं आता. इसका कारण यह है कि लैरी फिंक के हाथों में रहने वाली यह रकम पूरी तरह से जनता की जमापूंजी है. वे जनता की इस जमा पूंजी को मैनेज करते हैं. ये पैसा किन कंपनियों और दुनिया के किस बाजार में लगाना है इसका फैसला लैरी फिंक लेते हैं. ब्लैकरॉक की दुनिया की हर बड़ी कंपनी में हिस्सेदारी है. इनमें भारत की भी कई बड़ी कंपनियां शामिल हैं.

अमेरिका के सबसे प्रभावशाली व्‍यक्ति
Vanity Fair की एक रिपोर्ट के अनुसार, लैरी फिंक को वाशिंगटन और वॉल स्ट्रीट के बीच सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक माना जाता है. अमेरिका में जब भी कोई वित्‍तीय संकट आता है तो उद्योगपति ही नहीं सरकार भी उससे निकलने का समाधान पूछने लैरी फिंक से संपर्क करती है. 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान, जब अमेरिकी अर्थव्यवस्था ढहने की कगार पर थी, तब वित्तीय दुनिया को स्थिर करने में उन्‍होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. जेपी मॉर्गन, मॉर्गन स्‍टैनली और एआईजी जैसे बड़े संस्थानों के शीर्ष अधिकारी उनकी सलाह लेने पहुंचे थे. अमेरिकी ट्रेजरी और फेडरल रिजर्व ने भी उनकी विशेषज्ञता का सहारा लिया.

कई बड़ी डील कराने में निभाई अहम भूमिका
लैरी फिंक ने दुनिया की कई बड़ी वित्‍तीय डील कराने में अहम भूमिका निभाई है. जेपी मॉर्गन को बीअर स्‍टीअरेंस को खरीदने में 30 बिलियन डॉलर की फाइनेंसिंग फिंक ने की. AIG के 180 बिलियन डॉलर के बेलआउट को पूरा करवाना हो या Citigroup को डूबने से बचाने को 45 बिलियन डॉलर पैकेज, सबमें लैरी की केंद्रीय भूमिका थी.

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा दावा
हाल ही में दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के दौरान लैरी फिंक ने क्रिप्टोकरेंसी विशेष रूप से बिटकॉइन के भविष्‍य को लेकर बड़ा दावा किया. Bloomberg को दिए एक इंटरव्यू में लैरी ने कहा कि बिटकॉइन की कीमत 700,000 अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकती है.

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