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सिंगरौली के कारकोटा क्षेत्र में 22 जनवरी को बिजली के खंभे पर काम कर रहे श्रमिक चंद्रिका पनिका की मौत के बाद परिजनों ने विरोध प्रदर्शन किया। आरोप है कि चंद्रिका ने बिजली शट डाउन करवाने का परमिट लिया था, लेकिन जूनियर इंजीनियर नागेश पांडे की लापरवाही से
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गंभीर हालत में चंद्रिका को जबलपुर मेट्रो अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 5 फरवरी की शाम 4 बजे उनकी मृत्यु हो गई। मृतक के परिजन जबलपुर से शव लेकर बैढ़न पहुंचे और रात 11 बजे बिजली विभाग कार्यालय के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन आज सुबह 11 बजे तक चला। मौके पर पहुंचे विधायक रामनिवास शाह और वर्णन कोतवाली थाना प्रभारी अशोक सिंह परिहार ने परिजनों को समझाया।

प्रदर्शन के दौरान विधायक रामनिवास शाह और थाना प्रभारी अशोक सिंह परिहार ने समझाइश दी।
कार्यपालन यंत्री (ग्रामीण) ओपी दुबे ने बताया कि कंपनी के नियमानुसार मृतक के परिवार को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही मृतक के वेतन का 70 प्रतिशत पेंशन और परिवार के एक सदस्य को अस्थाई नौकरी भी दी जाएगी। बैढन थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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