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महाकुंभ में भगदड़ के बाद यूपी सरकार ने कड़े कदम उठाए। वायरल वीडियो मथुरा के बरसाना का निकला, महाकुंभ का नहीं. फैक्ट चेक में पुष्टि हुई कि वीडियो गलत तरीके से साझा किया गया.
संकरी गली में भीड़ प्रयागराज की नहीं.
29 जनवरी को महाकुंभ में हुई भयानक भगदड़ के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज में भीड़ प्रबंधन और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए. वीआईपी पास रद्द कर दिए गए और महाकुंभ क्षेत्र को 4 फरवरी तक “नो व्हीकल जोन” घोषित कर दिया गया, जो बसंत पंचमी पर तीसरे “अमृत स्नान” के अगले दिन तक लागू रहा.
इस बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक संकरी गली में फंसी भारी भीड़ दिखाई दे रही है. वीडियो में लिखा था: “महाकुंभ का दूसरा पहलू”. इसका आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
न्यूज18इंडिया फैक्ट चेक ने पाया कि यह वीडियो प्रयागराज का नहीं है. यह वीडियो 1 जनवरी का है, जब कई श्रद्धालु मथुरा के बरसाना में श्री राधा रानी मंदिर गए थे. वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स-सर्च करने पर हमें 2 जनवरी की एक इंस्टाग्राम पोस्ट मिली. इसमें बताया गया था कि वीडियो बरसाना का है, जहां एक दिन पहले बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे. इससे स्पष्ट होता है कि यह वीडियो महाकुंभ से पहले का है, जो 13 जनवरी को शुरू हुआ था.
आगे की खोज में हमें एक और इंस्टाग्राम पोस्ट मिली, जिसने 1 जनवरी को इस वीडियो को साझा किया था. “radharanibarsanaa” नामक अकाउंट श्याम सुंदर गोस्वामी का है, जो एक आध्यात्मिक और प्रेरक वक्ता हैं और श्री जी बरसाना मंडल ट्रस्ट नामक एनजीओ चलाते हैं. बरसाना उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित है.
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