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शिवपुरी के मामौनीकलां गांव में हनुमान मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के भंडारे का बासी भोजन खाने से स्थिति गंभीर हो गई है। ऐसे में मंगलवार रात को करीब 95 गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। वहीं बुधवार सुबह भी डॉक्टरों की टीम गांव में मौजूद है और ल
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बता दें, शनिवार को आयोजित भंडारे के बाद रविवार से शुरू हुई बीमारी अब तक 500 से ज्यादा ग्रामीणों को अपनी चपेट में ले चुकी है। रविवार की सुबह से ग्रामीणों को उल्टी-दस्त की शिकायत शुरू हुई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सोमवार को गांव में शिविर लगाया, जहां 300 मरीजों का उपचार किया गया। इनमें से 91 लोगों को करैरा और 24 लोगों को सिरसौद अस्पताल रेफर किया गया।
वहीं मंगलवार को स्थिति और बिगड़ गई, अस्पताल से लौटे मरीजों की तबीयत फिर से खराब हो गई और कई नए मामले भी सामने आए। स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को फिर रिव्यू शिविर लगाया, जहां तीन डॉक्टरों और उनकी टीम ने मरीजों का उपचार किया। वहीं देर रात मरीजों को जिला अस्पताल भेजा गया।
ग्रामीणों का कहना नहीं हुआ था ठीक से इलाज
इलाज करा रहे ओमकार लोधी ने बताया कि गांव में ग्रामीणों की तबीयत खराब होने के बाद सही से इलाज नहीं मिला था। कई ग्रामीणों को गोली-दवा दी थी। जबकि उन्हें ड्रिप बोतल लगाईं जानी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कई लोग सिरसौद के प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराकर आए थे। जिनकी तबीयत फिर से बिगड़ गई थी। पवन लोधी ने बताया कि सोमवार को उनकी मां को सिरसौद के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया था। लेकिन सिरसौद के अस्पताल के डॉक्टरों ने एक ड्रिप लगाकर छुट्टी कर दी। जिससे उनकी तबीयत मंगलवार को दोबारा बिगड़ने लगी थी।

बासी खाना खाने से बीमार हुए लोगों का इलाज स्कूल और आंगनबाड़ी में स्थायी अस्पताल बनाकर किया जा रहा है।
खाने में जानबूझकर मिलाया गया केमिकल
गांव की आशाकार्यकर्ता अवधेश जाटव का कहना हैं कि उनके परिवार के बच्चों सहित 10 लोग बीमार हैं। उन्हें उल्टी दस्त से आराम नहीं मिल रहा हैं। उनका कहना हैं कि अगर खराब खाने से तबीयत बिगड़ी होती तो ग्रामीणों को अब तक आराम मिल गया होता। लेकिन खाने में कोई केमिकल मिलाया गया हैं। जिसकी वजह से ग्रामीणों को आराम नहीं मिल पा रहा हैं।
तीन दिन तक रहता है फूड पॉइजनिंग का असर
जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी संजय ऋषेश्वर ने बताया कि मंगलवार की शाम वह से देर रात गांव में रुके थे। यहां ग्रामीणों की तबीयत बिगड़ रही थी। फूड पॉइजनिंग का अटैक तीन दिन तक आ सकता है। जिन मरीजों को इलाज के लिए करैरा और सिरसौद में भर्ती करवाया गया था वो ग्रामीण जल्द छुट्टी करा आ गए थे। इनमें से कुछ लोगों की तबीयत फिर से बिगड़ गई है, जबकि कुछ नए लोगों को फूड पॉइजनिंग का अटैक हुआ है। वर्तमान में 12 मरीज करैरा के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती हैं। वहीं मंगलवार की शाम से रात तक 95 मरीजों को जिला अस्पताल रेफर किया गया।
मामले से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… भंडारे का खाना खाने से 200 लोग बीमार, 60 गंभीर:तीन गांवों में 6 डॉक्टरों की टीम तैनात

शिवपुरी में भंडारे का खाना खाने से तीन गांव के 200 से ज्यादा लोग बीमार हो गए। 60 लोगों की हालत गंभीर होने पर उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना मामोनी कला ग्राम पंचायत की है। पढ़ें पूरी खबर
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