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मध्य प्रदेश पुलिस के हैडक्वार्टर (PHQ) की लेखा शाखा में पदस्थ रहे तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ जहांगीराबाद पुलिस ने कूट रचित दस्तावेजों को तैयार कर 76 लाख की धोखाधड़ी करने का केस दर्ज किया है।
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तीनों ने अपने व परिजनों के नाम फर्जी मेडिकल बिल तैयार किए और भुगतान अपने ही खातों में करा लिए। ट्रेजरी से मिले इनपुट के बाद तीनों की गोपनीय जांच कराई। जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ और केस दर्ज कराया गया।
पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार ने बताया कि पुलिस मुख्यालय के लेखा शाखा में पदस्थ तीन पुलिस कर्मी सूबेदार नीरज कुमार, एसआई हरिहर सोनी तथा एएसआई हर्ष वानखेड़े को मेडिकल देयको के आहरण में गड़बड़ी की आशंका होने पर 8 जनवरी 2025 को निलंबित किया गया था। तीनों की जांच आदेशित की गई थी।
जांच में हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
पुलिस मुख्यालय की जांच समिति के द्वारा जांच पाया कि तीनों गलत तरीके से कूट रचित प्रॉलोंग मेडिकल सर्टिफिकेट बनाकर अपने ही खाते में देयकों का भुगतान किया। जिसके बाद जांच प्रतिवेदन मंगलवार को थाना जहांगीराबाद में भेजा गया। प्रतिवेदन के आधार पर जहांगीबाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। तीनों आरोपियों को देर रात पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया गया।
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