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रतलाम में देवी अहिल्याबाई होल्कर की जीवन गाथा का नाट्य मंचन किया गया। यह पहली बार था जब शहर में महान शासिका की पुण्य गाथा को नाटक के रूप में प्रस्तुत किया गया। कलाकरों के अभिनय ने नाट्य मंचन से सभी का मन मोह लिया।
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राष्ट्र समर्थ देवी अहिल्याबाई के नाट्य का मंचन नागपुर से आए कलाकारों ने किया। मप्र शासन, संस्कृति विभाग व विश्व मांगल्य सभा द्वारा नाट्य मंचन बुधवार रात कालिका माता मंदिर परिसर में किया। पुण्य श्लोका अहिल्यादेवी होलकर के जन्म त्रिशताब्दी के अवसर पर नाट्य मंचन का आयोजन किया जा रहा है।

नाट्य मंचन में देवी अहिल्या के बचपन से लेकर राष्ट्र, धर्म में सहयोग का प्रस्तुतिकरण पेश किया।
नाट्य मंचन के दौरान पद्मश्री डॉ. लीला जोशी, खाचरौद बगलामुखी पीठ के श्री कृष्णानंदजी महाराज, महापौर प्रहलाद पटेल, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय, निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा, विश्व मांगल्य सभा मध्यप्रदेश की अध्यक्ष सूरज गुमानसिंह डामोर, विश्व मांगल्य सभा क्षेत्र संगठन मंत्री पूजा पाठक, कलेक्टर राजेश बाथम आदि उपस्थित रहे।
बचपन से लेकर राज्य संभालने की जीवनी बताई
नाटक की प्रस्तुति में अहिल्याबाई के बचपन से लेकर महारानी बनने और राष्ट्र व धर्म की उन्नति में योगदान तक को शामिल किया गया। नाट्य मंचन में अहिल्या देवी के जीवन चरित्र, उनके कार्यों, उनके सदाचरण, उनके जीवन दर्शन विभिन्न बिंदुओ पर कलाकारों ने अनोखी प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम में उपस्थित पद्मश्री डॉ. लीला जोशी, श्री कृष्णानंद जी महाराज व अन्य।
मां अहिल्या का जीवन प्रेरणादायक
सूरज डामोर ने कहा कि विश्व मांगल्य सभा के कार्यों से अवगत कराया। श्री कृष्णानंदजी महाराज ने कहा वीरांगनाओं का जीवन अद्भुत होता है, मां अहिल्या का जीवन हमारे लिए प्रेरणादायक है। आज इस नाट्य मंचन के अवसर पर हम माता अहिल्या का स्मरण कर गौरवान्वित है। पद्मश्री डॉ .लीला जोशी ने अहिल्या देवी होलकर के जीवन को प्रेरणादायक बताया। पूजा पाठक ने कहा विश्व मांगल्य सभा राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रही है, कई बहने इस कार्य से जुड़ी हैं। देवी अहिल्या का जीवन कई क्षेत्रों और कार्यों के समन्वय का अनूठा उदाहरण है। इस दौरान बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद रहे।
देखिए नाट्यमंचन की तस्वीरें…




नाट्य मंचन देखते कलेक्टर राजेश बाथम व दर्शक।
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