Home देश/विदेश Sunken world: समंदर में छिपा है खजाना, वैज्ञानिकों को मिला पानी में...

Sunken world: समंदर में छिपा है खजाना, वैज्ञानिकों को मिला पानी में खोजा डाला ‘एक संसार’, खुलेंगे कई राज

39
0

[ad_1]

Agency:News18Hindi

Last Updated:

वैज्ञानिकों ने प्रशांत महासागर में रहस्यमयी धब्बों की उत्पत्ति की खोज की है.इसके उत्पति के कई सिद्धांत सामने आए हैं. एऐसा अनुमान है कि इनका निर्माण लगभग 4 बिलियन वर्ष हुई होगी. यह धरती के पहले मेंटल के विकास के…और पढ़ें

समंदर में है खजाना? वैज्ञानिकों ने पानी में खोजा 'एक संसार', खुलेंगे कई राज

वैज्ञानिकों ने खोजा समुंदर में एक दुनिया.

हाइलाइट्स

  • वैज्ञानिकों ने प्रशांत महासागर में रहस्यमयी दुनिया की खोज की.
  • धब्बों का निर्माण लगभग 4 बिलियन वर्ष पहले हुआ होगा.
  • इस खोज से धरती की प्रारंभिक उत्पत्ति पर नई जानकारी मिलेगी.

वैज्ञानिक लगातार नई दुनिया और जीवन की तलाश में रहते हैं. उनकी खोज अंतरिक्ष में चलती रहती है, लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि वैज्ञानिकों को धरती की छाती में एक नई दुनिया मिली है. दरअसल, स्विट्ज़रलैंड के वैज्ञानिकों ने प्रशांत महासागर में रहस्यमयी धब्बों की खोज की है. उन्होंने इसे डूबी हुई एक दुनिया की संज्ञा दी है. वैज्ञानिकों का कहना है कि ये जो धब्बे दिख रहे हैं, इनका निर्माण भी धरती के मेंटल के निर्माण के समय हुआ होगा. यानी कि इनका निर्माण लगभग 4 बिलियन वर्ष हुआ होगा. ऐसा अनुमान है कि जब धरती के पहले मेंटल का निर्माण हो रहा होगा, तब इसके क्रस्ट का भी निर्माण हुआ होगा. हालांकि, वैज्ञानिकों इसके पहचान पर कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि ये पिछले कुछ सौ मिलियन वर्षों में मेंटल में घने पदार्थ के निर्माण के परिणामस्वरूप हो सकते हैं.

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह हमारे ग्रह के आंतरिक भाग (धरती के अंदर की मैपिंग करने वाली तरंगों) को मैप करने के एक नए तरीके के कारण संभव हुआ है. वैज्ञानिकों का कहना है कि डूबी हुई दुनिया अब तक खोजी गई सबडक्टेड स्लैब से अलग है. यह क्षेत्र दो टेक्टोनिक प्लेट के टकराव प्वाइंट पर स्थित है. उनका मानना है कि यह धरती पर डूबी हुई एक अलग दुनिया है. यह टेक्टोनिक गतिविधि (जहां धरती के प्लेट आपस में टकराते हैं) वाले क्षेत्रों से दूर स्थित है. इसकी बनावट, स्थिति और टुकड़े के स्थानों को लेकर यह वैज्ञानिकों के लिए रहस्य बना है.

भूकंपीय डेटा का फायदा
वैज्ञानिकों ने भूकंप की तरंगों से भूकंपीय डेटा का फायदा उठाते हुए, पृथ्वी के आंतरिक भाग के उच्च-रिज़ॉल्यूशन मॉडलिंग की माध्यम से इसे खोजने में सफलता प्राप्त की थी. यह सफलता केंद्र में पूर्ण-तरंग इनवर्जन के कारण मिल पाया, यह एक ऐसी तकनीक जो कई भूकंपीय मान को जोड़ कर का हाई क्वालिटी का डिटेल इमेज तैयार करता है. इस विधि का प्रयोग महत्वपूर्ण कम्प्यूटेशनल शक्ति स्विटजरलैंड के लूगानो में स्विस नेशनल सुपरकंप्यूटिंग सेंटर में रखे गए पिज़ डेंट सुपरकंप्यूटर द्वारा की गई.

हमें हौसला मिला
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस खोज ने हमें हौसला दिया है, मगर इन ब्लॉब का बारे में अभी तक डिटेल जानकारी नहीं मिल पाई है. जियोलॉजिकल इंस्टीट्यूट के पीएचडी के छात्र थॉमस के अनुसार, हालांकि यह खोज उत्साहजनक है, लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि ये धब्बे क्या हैं. हमें ठीक से नहीं पता कि वे क्या हैं. हम इसकी डिटेल स्टडी कर रहे हैं और अधिक गहन जांच की कर रहे हैं. वैज्ञानिक अपने-अपने पूर्वानुमान लगा रहे हैं. कुछ का कहना है यह धरती के निर्माण के दौरान ही इसका भी निर्माण हुआ होगा.

फ्रेश तरीके से रिसर्च का मौका मिलेगा
ऐसा भी कहा जा रहा है कि यह खोज भूवैज्ञानिक सिद्धांतों पर संदेह पैदा करता है. यह पृथ्वी के उत्पति पर फिर से एक फ्रेश तरीके से रिसर्च के लिए नए अवसर खोलती है. वैज्ञानिक अब इन “डूबे हुए संसारों” की जांच कर रहे हैं. इसकी पूरी जानकारी से धरती की प्रारंभिक उत्पत्ति के बारे में अधिक जानने का इरादा रखते हैं. इससे धरती के भविष्य-भूत की जानकारी मिलेगी. यानी इसकी स्टडी से हमें की प्लेट टेक्टोनिक गति और उनकी गतिशीलता से धरती पर निर्मित होने वाले भू-आकृति और बदलते स्वरूप और अरबों वर्षों पुराने इतिहास की भी जानकारी मिलेगा.

homeworld

समंदर में है खजाना? वैज्ञानिकों ने पानी में खोजा ‘एक संसार’, खुलेंगे कई राज

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here