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What is Passive Fund : क्या आपको पता है कि पैसिव म्यूचुअल फंड क्या होते हैं. आखिर क्यों निवेशकों को इसमें पैसे लगाना पसंद है, क्योंकि 2024 में ही इसका एयूएम 24 फीसदी बढ़कर 11 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
पैसिव म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
नई दिल्ली. तेजी से बढ़ रही म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में इस समय पैसिव फंड का बोलबाला है. साल 2024 में इंडेक्स फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड सहित पैसिव फंड के निवेशकों के पोर्टफोलियो यानी खाता संख्या में 37 प्रतिशत की तेजी आई है, जबकि कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट 24% से ज्यादा बढ़कर 11 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है. आखिर पैसिव फंड क्या होते हैं, जिनका बोलबाला इतनी तेजी से बढ़ता जा रहा है और निवेशकों को यह फंड क्यों इतने पसंद आ रहे हैं.
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, म्यूचुअल फंड हाउसों ने 2024 में कुल 122 नई पैसिव फंड योजनाएं लॉन्च कीं. फंड इंडस्ट्री में सबसे प्रमुख कंपनियों में शामिल निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड के पास अब पैसिव फंडों में 1.46 करोड़ पोर्टफोलियो हैं. इसका कुल एयूएम 1.65 लाख करोड़ रुपये है और ईटीएफ के ट्रेडिंग वॉल्यूम का 55% बड़ा हिस्सा है. कोटक म्यूचुअल फंड, एक्सिस और मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड जैसे अन्य फंड हाउसों ने भी पैसिव फंड में बेहतर वृद्धि दर्ज की है.
क्यों खास हैं पैसिव फंड
निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड के ईटीएफ प्रमुख अरुण सुंदरेसन कहते हैं कि पैसिव एक दिलचस्प ऑफरिंग बनाता है. फंड बाजार के विभिन्न हिस्सों में शुद्ध एक्सपोजर प्रदान करते हैं, जिससे वे सच्चे, सही लेबल उत्पाद बन जाते हैं. बहुत सारे अनूठे फंड हैं, जो निवेशकों को चुनने के लिए बहुत अलग पोर्टफोलियो और विभिन्न प्रकार के जोखिम-रिटर्न प्रोफाइल प्रदान करते हैं. इनके इसी डाईवर्सिफिकेशन की वजह से निवेशकों को यहां पैसे लगाना कम जोखिम वाला लगता है.
निवेशकों के लिए समझना आसान
निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड ने साल 2024 में पैसिव कैटेगरी में 8 नए फंड लॉन्च किए. अब उसके पास उद्योग में 24 ईटीएफ और 21 इंडेक्स फंड हैं. इस श्रेणी को चुनने में निवेशकों की बढ़ती रुचि को देखते हुए अन्य एएमसी ने भी कई पैसिव फंड लॉन्च किए हैं. पैसिव फंडों ने भी निवेशकों को आकर्षित किया है, क्योंकि उनकी लागत संरचना कम होती है और उन्हें समझना आसान होता है, जिससे वे रिटेल और फंड मैनेजर दोनों निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन जाते हैं.
क्या होते हैं पैसिव फंड
पैसिव म्यूचुअल फंड में किसी सूचकांक या खंड को ट्रैक किया जाता है और इसमें अलग-अलग स्टॉक को चुनने की जरूरत नहीं होती है. इनका खर्चा भी एक्टिव फंड की तुलना में कम आता है. ये फंड बाजार के सूचकांक को दोहराने की कोशिश करते हैं, जबकि बेंचमार्क इंडेक्स को ट्रैक करके अपने जोखिम का आकलन करते हैं. जैसा शेयर बाजार प्रदर्शन करता है, उसी के मुताबिक निवेशकों को रिटर्न देते हैं. इन पर जोखिम भी कम होता है और लंबी अवधि में निवेश करने पर ज्यादा सुरक्षित माना जाता है.
New Delhi,Delhi
January 17, 2025, 17:08 IST
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