Home मध्यप्रदेश Compensation given to someone else instead of the land owner | जमीन...

Compensation given to someone else instead of the land owner | जमीन मालिक के बजाय दूसरे को दिया मुआवजा: हाईकोर्ट ने कहा- यह सीबीआई का मामला, सिंगरौली कलेक्टर से पूछा- याचिकाकर्ता को कब तक देंगे पैसे – Singrauli News

36
0

[ad_1]

हाईकोर्ट ने कलेक्टर से पूछा- ‘बिना जमीन खरीदे और दाखिल खारिज के किसी दूसरे व्यक्ति को मुआवजा कैसे दिया गया।’

‘बिना जमीन खरीदे और दाखिल खारिज के किसी दूसरे व्यक्ति को मुआवजा कैसे दिया गया। भूमि अधिग्रहण अधिनियम-2013 में यह प्रावधान कहां है। स्टांप पर एग्रीमेंट कर बनाए गए मकान का समझौता करने वाला मालिक हो गया, यह मामला सीबीआई जांच का हो जाता है।’

.

हाईकोर्ट ने मामले को लेकर कलेक्टर चंद्र शेखर शुक्ला से नाराजगी जताई है। कोर्ट में ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन परियोजना के भूमि अधिग्रहण मामले में हुई अनियमितता को लेकर मंगलवार को सुनवाई हुई है।

दरअसल, देवसर इलाके के छीवा गांव निवासी याचिकाकर्ता चित्रसेन द्विवेदी ने मार्च 2023 में जबलपुर हाईकोर्ट में एक रिट पिटीशन (9139/2023) दायर की थी। आरोप था कि उसकी जमीन पर बने मकान का मुआवजा (7 लाख 70 हजार रुपए) उसके ही रिश्तेदार दुर्गाशंकर के खाते में प्रशासन ने ट्रांसफर कर दिए। जबकि जमीन पर मेरा मालिकाना हक है। याचिकाकर्ता द्विवेदी ने कोर्ट में दावा किया, कि भूमि अधिग्रहण के दौरान मुआवजे की राशि मेरे खाते में आनी चाहिए। हालांकि, चित्रसेन और दुर्गाशंकर के बीच वर्ष 2020 में जमीन को लेकर एक एग्रीमेंट हुआ था। दुर्गाशंकर याचिकाकर्ता चित्रसेन की जमीन पर मकान बना रखा है।

मामले में मंगलवार को न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकल बेंच ने शासकीय अधिवक्ता मानस वर्मा से पूछा- भूमि अधिग्रहण एक्ट-2013 में कहां है, कि स्टांप पर एग्रीमेंट कर बनाए गए मकान का समझौता करने वाला मालिक हो गया। बिना जमीन खरीदे और दाखिल खारिज कराए कैसे किसी दूसरे व्यक्ति को मुआवजा दिया गया। इस पर सरकारी अधिवक्ता मानस वर्मा ने जवाब देते हुए कहा- ऐसे कई मामले हैं। इस पर जस्टिस अग्रवाल ने कहा, तब तो यह मामला सीबीआई के पास होना चाहिए।

कोर्ट ने प्रशासन की कार्यशैली पर उठाए सवाल

जस्टिस अग्रवाल ने नाराजगी जताते हुआ शासकीय अधिवक्ता से कहा- कलेक्टर चंद्र शेखर शुक्ला से बात कीजिए, कोर्ट को मंगलवार शाम 4 बजे तक सूचित करिए, याचिकाकर्ता चित्रसेन का पैसा कब तक देंगे। इसके बाद शासकीय अधिवक्ता वर्मा ने टेलीफोन से कलेक्टर सिंगरौली शुक्ला से बात की, जिस पर कलेक्टर शुक्ला ने कहा- दुर्गाशंकर के खाते में गलती से 7 लाख 70 रुपए की राशि ट्रांसफर हो चुकी है। इस राशि को कानून के हिसाब से वापस कराया जाएगा। मामले में अगली सुनवाई 28 फरवरी को होनी है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील अरुण द्विवेदी और एलपी मिश्रा ने पैरवी की।

यह है पूरा मामला

ललितपुर सिंगरौली रेल परियोजना में भूमि अधिग्रहण के बाद मुआवजा की राशि के खिलाफ देवसर इलाके के छीवा गांव निवासी चित्रसेन उर्फ शास्त्री ने गया है। नवंबर 2022 में एसडीएम न्यायालय देवसर में एक वाद दायर कर स्टे ले लिया। इसके मार्च-2023 में हाईकोर्ट में मुआवजा के लिए रिट पिटीशन (9139/2023) दायर की थी। याचिकाकर्ता चित्रसेन ने दावा किया था, कि उसने अपने रिश्तेदार दुर्गाशंकर के साथ अपनी जमीन पर घर बनाने के लिए 2020 में स्टाम्प पेपर पर समझौता किया था। जबकि जमीन पर मालिकाना हक चित्रसेन का ही है। दुर्गाशंकर उस पर घर बना रखा है। प्रशासन ने मुआवजे की राशि 7 लाख 70 हजार रुपए दुर्गा शंकर के खाते में ट्रांसफर कर दी है। इसे लेकर चित्रसेन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। मामले में कल जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here