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Once again an innocent became the victim of a dog bite | मासूम हुआ डॉग बाइट का शिकार: घर के बाहर खेल रहा था, कुत्ते ने पेट, पीठ, पैर, हाथ में गढ़ाए दांत, 25 टांके आए – Gwalior News

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छह साल का अर्पित दर्द से रोता हुआ, डॉक्टर उसका डॉग बाइट का इलाज कर रहे थे।

ग्वालियर में डॉग बाइट के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। गोविंदपुर में आधा दर्जन कुत्तों ने एक सात साल के बच्चे को चीथने का मामला अभी जहन से गया भी नहीं था कि उपनगर ग्वालियर में एक छह साल का मासूम डॉग बाइट का शिकार हुआ है। मासूम घर के बाहर खेल

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मासूम के पैर में दांत गढ़ाकर कुत्ते ने मांस तक नोंच लिया था

मासूम के पैर में दांत गढ़ाकर कुत्ते ने मांस तक नोंच लिया था

शहर के उपनगर ग्वालियर निवासी मुन्नालाल पासी का छह वर्षीय बेटा अर्पित पासी मंगलवार शाम घर के बाहर खेल रहा था। उसके साथ मोहल्ले के और भी बच्चे खेल रहे थे। इसी समय एक आवारा कुत्ता आया और उसने बच्चों के पीछे दौड़ लगा दी। अन्य बच्चे तो भाग गए, लेकिन छह साल का अर्पित भाग नहीं सका और आवारा कुत्ते ने छलांग लगाकर उसे जमीन पर पटक लिया। इसके बाद बच्चा चीखता रहा और कुत्ता उसके शरीर को चीथता रहा। कुत्ते ने मासूम के कोहनी, पैर, पेट व पीठ में दांत गढ़ा दिए। लोगों ने बताया कि कुत्ते ने बच्चे के पीठ में दांत गढ़ाए और उसे घसीटकर ले जाने का प्रयास कर रहा था, लेकिन इसी समय मासूम की चीख सुनकर आसपास रहने वाले आ गए। भीड़ के एकत्रित होते ही आवारा कुत्ता भाग गया। लहूलुहान अवस्था में पड़ा था मासूम जब अर्पित के परिजन घटना स्थल पर पहुंचे तो वह लहूलुहान अवस्था में पड़ा हुआ था। तत्काल अर्पित को लेकर परिजन हॉस्पिटल पहुंचे, जहां उसकी हालत को देखते हुए डॉक्टर ने इलाज शुरू कर िदया है। मासूम के शरीर पर आधा दर्जन से ज्यादा घाव थे और उनमें से खून निकल रहा था। कई घाव से मांस निकल आया था, लगाने पड़े 25 टांके मासूम के शरीर पर आवारा कुत्ते ने इस तरह दांत गढ़ाए थे कि कई जगह से तो मांस निकल आया था। तत्काल डॉक्टर ने इन घाव को सिला है। मासूम को छह घाव पर 25 टांके लगाए गए हैं। जिसके बाद उसकी हालत सामान्य हुई है। बच्चे की हालत यह थी कि वह रात तक अस्पताल में भर्ती था। मंगलवार को 150 से ज्यादा डॉग बाइट के केस सामने आए हैं मंगलवार को दिन भर में 150 से ज्यादा डॉग बाइट के मामले सामने आए हैं। यह वह रिकॉर्ड है जो सरकारी अस्पताल में आया है। इसके अलावा निजी अस्पताल में जाने वाले भी काफी संख्या में हैं। इसके बाद भी प्रशासन डॉग बाइट के केस को काबू में करने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है।

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