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93 tigers died in Bandhavgarh in 3 years, the highest in the country | बांधवगढ़ में 3 साल में 93 बाघ मरे,देश में सर्वाधिक: लापरवाही ने सिर्फ हाथी नहीं, बाघों की भी जान ली; 12 बाघ इसी साल दम तोड़ चुके – Bhopal News

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बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हािथयों की मौत का राज अब तक नहीं खुला है। फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी व सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) फतेसिंह निनामा को सस्पेंड कर दिया गया है। सीएम डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर सोमवार को हाथियों के मूवमेंट की निगरानी के लिए 6 व

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हालांकि, दूसरा पहलू यह भी है कि बांधवगढ़ में हाथी और बाघों की मौत ​का सिलसिला नया नहीं है। एनटीसीए के मुताबिक, 2021 से सितंबर 2024 तक बांधवगढ़ में 93 बाघों की मौत हुई। यह देश के किसी भी टाइगर रिजर्व से अधिक हैं। इस साल भी रिजर्व में 12 बाघ मर चुके हैं। लगभग सभी की मौत रिजर्व के अंदर हुई हैं।

बता दें कि सर्वाधिक टाइगर डेंसिटी बांधवगढ़ में ही है। साल 2023 के ऑंकड़ों के अनुसार, बांधवगढ़ में 165 टाइगर पाए गए थे, जबकि मप्र के 6 टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 259 ही बढ़ी थी। 4 सालों में 41 बाघ कुनबे में जुड़े जिसे वन विभाग की कार्यकुशलता माना गया। लेकिन बाघों के प्रबंधन में विभाग कुछ फिसड्डी दिखा। डायरेक्टर और अन्य स्टाफ को लेकर भी कई शिकायतें पहले से लंबित हैं।

रातभर दर्द से तड़पते चिंघाड़ते रहे थे हाथी, ग्रामीणों की सूचना के घंटे बाद पहुंचा था वन अमला

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत के मामले में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन की लापरवाही उजागर होने लगी है। प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया है कि 28 अक्टूबर की रात को बांधवगढ़ के खितौली और पतोर रेंज में रातभर हाथी दर्द से तड़पने के कारण जोर-जोर से चिंघाड़ते रहे। सुबह होने पर ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना भी दी, लेकिन इस सूचना पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।

वन अमला दोपहर में मौके पर पहुंचा, लेकिन बांधवगढ़ पार्क का वाइल्ड लाइफ वेटरनरी स्टाफ साथ में नहीं होने से वे तमाशबीन बने हाथियों की मौत होते देखते रहे। वन मुख्यालय को सूचना मिलने के बाद ही पार्क प्रबंधन सक्रिय हुआ था। इसी कारण एसीएफ फतेह सिंह निनामा को निलंबित किया गया है। निनामा पर एक हाथी की मौत के बाद बिना प्रोटोकॉल पूरा किए उसके अवशेष जलाकर नष्ट करने का भी आरोप है, जिसकी जांच चल रही है।

2022 में… हाथी मृत मिला तो वन अमले ने बिना सूचना अवशेष जलाए

साल 2022 में भी बांधवगढ़ में पनपथा रेंज में एक मृत हाथी के अवशेष मिले थे। हैरत की बात है कि स्थानीय रेंजर और दो फारेस्ट गार्ड ने बिना वरिष्ठों को सूचना दिए अवशेष जला दिए थे। मामला कोर्ट तक आया था, कई जांचें हुईं पर ये स्पष्ट नहीं हुआ कि मृत हाथी कहां से आया था?

  • तब वहां के एसडीओ वही फतेसिंह निनामा थे, जिन्हें 10 हा​थियों के मामले में अभी सस्पेंड किया गया है।

मानव-वन्यजीव संघर्ष… बाघों के हमले में 3, हाथियों के हमले में 1 मौत हुई; 12 घायल

  • एक्सपर्ट्स की मानें तो बाघों की संख्या बढ़ने से वे टेरिटरी बनाने के लिए रिजर्व से बाहर जा रहे हैं। इस कारण कई बार मानव संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं।
  • अकेले उमरिया में बाघों के हमले में 3 लोगों की जान चली गई। वहीं, 9 लोग घायल हैं।
  • वहीं, 2019 के बाद बांधवगढ़ में धीरे-धीरे हाथी बसे तो उनके हमले भी बढ़े। फरवरी में मानपुर क्षेत्र में एक जंगली हाथी ने जमकर उत्पात मचाया। हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दो घायल हो गए।

व्यवस्था ऐसी… डायरेक्टर के निलंबन के बाद एक साल तक खाली रखा यह पद

  • इसी साल 2 सितंबर को आईएफएस गौरव चौधरी ने बांधवगढ़ में फील्ड डायरेक्टर का पदभार संभाला था। इससे पहले चल रहे तमाम विवादों के बावजूद सरकार ने प्रभारी पर रिजर्व का जिम्मा एक साल तक छोड़ा। केंद्र फुल टाइम डायरेक्टर नियुक्त करने के लिए कहता रहा।
  • पूर्व डायरेक्टर विंसेंट रहीम के कार्यकाल में ही 13 से अधिक बाघों की मौत दर्ज हुई थी। तब जंगल में भयंकर आग भी लगी। तब भी फतेह सिंह निनामा ही एसडीओ थे। उनके पास एसीएफ का प्रभार था।

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