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शुक्रवार को मैं काम से लौटा ही था कि कुछ देर में बड़ा बेटा गौतम मेरे पास आया। बोला- पापा कपड़े खरीदने बाजार जाना है। बाइक की चाबी दे दीजिए।
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मैंने उसे चाबी दे दी। मुझे नहीं पता था कि दोनों भाइयों का प्लान हरदा जाने का है। करीब आधा घंटे बाद खबर आई कि उनका एक्सीडेंट हो गया है। मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई। जिस हालत में था, भागकर मौके पर पहुंचा। यहां पता चला कि मेरे दोनों बेटों की मौत हो चुकी है।
बड़ा बेटा गौतम छोटे-मोटे काम कर परिवार का हाथ बंटाता था। छोटा प्रीतम इस साल 10वीं क्लास में था। पलभर में हमारी खुशियां छिन गईं। हमारा सबकुछ खत्म हो गया।
यह बताते हुए गौतम और प्रीतम के पिता शैलेंद्र कौशल सिसकने लगते हैं।
ट्रक से टकराई थी बाइक दरअसल, बीते एक नवंबर की रात करीब 7.45 बजे इंदौर-बैतूल नेशनल हाईवे पर उड़ा और खिड़कीवाला के बीच कार को बचाने में यूरिया से भरा ट्रक पलट गया। इसी दौरान हरदा जा रहे बाइक सवार बचने के चक्कर में दूसरे ट्रक में जा घुसे। हादसे में दो सगे भाई समेत चार युवकों की मौत हो गई।
एक्सीडेंट इतना जबरदस्त था कि एक युवक का हाथ अलग हो गया। एक शव ट्रक के अगले पहिए के नीचे फंस गया था। हादसे के बाद हाईवे पर करीब 2 घंटे जाम लगा रहा। एसपी अभिनव चौकसे, एसडीओपी टिमरनी आकांक्षा तलैया के अलावा सिटी कोतवाली और टिमरनी पुलिस मौके पर पहुंची। क्रेन की मदद से ट्रक को खींचकर साइड किया।

चारों युवकों की मौके पर ही मौत टिमरनी थाना प्रभारी संजय चौकसे ने बताया- हरदा से यूरिया लेकर तीन ट्रक सिवनी मालवा जा रहे थे। सामने से आ रही बाइक क्रमांक एमपी 47 एमएन 2678 को दूसरे ट्रक क्रमांक एमपी 09 एचजी 2891 ने चपेट में ले लिया। टिमरनी के रेलवे लाइन पार निवासी गौतम (21) और प्रीतम (19) पिता शैलेंद्र कौशल, यशराज (18) पिता राजेश मंडलेकर और जुनैद (18) पिता इकबाल की मौत हो गई।
गौतम और शैलेंद्र के पिता मिस्त्री हैं। दोनों की एक बड़ी बहन है। यशराज के पिता हम्माली करते हैं। वह आईटीआई में पढ़ाई कर रहा था। जुनैद की मां मजदूरी करती है, उसके पिता नहीं हैं। एक छोटा भाई है।

बेटों की याद आते ही शैलेंद्र कौशल और उनकी पत्नी बदहवास हो जाते हैं।
क्रेन से ट्रक हटाने में लगे 30 मिनट परिजन ने बताया कि गौतम बाइक लेकर अकेला ही निकला था। रास्ते में उसका भाई प्रीतम और दो दोस्त यशराज, जुनैद मिल गए। इन्होंने आपस में चर्चा की और चारों एक ही बाइक पर सवार हो गए। वे कपड़े लेने हरदा जा रहे थे।
हादसे में ट्रक का पहिया ऊपर से निकलने के कारण गौतम का हाथ कटकर अलग हो गया था। नेशनल हाईवे पर जाम लगने के बाद क्रेन से ट्रक को हटाने में करीब 30 मिनट लग गए।

दोनों सगे भाई प्रीतम और गौतम दिवाली पर कपड़े खरीदने घर से निकले थे।
दूध लाकर दिया और घर के बाहर से ही लौट गया यशराज यशराज के पिता राजेश मंडलेकर ने बताया कि वे छीपानेर गांव के रहने वाले हैं। पत्नी और दो बच्चों के साथ फिलहाल टिमरनी में रहते हैं। इकलौता बेटा यशराज रहटगांव में आईटीआई की पढ़ाई कर रहा था।
शुक्रवार शाम को बेटे ने 500 रुपए का नोट लिया और दूध लेने चला गया। 100 रुपए का दूध लेकर आया और घर के बाहर से ही दूध और बाकी रुपए लौटकर यह कहते हुए निकल गया कि अभी आ रहा हूं। कुछ देर बाद उसकी मौत की खबर आई।

यशराज के पिता बोले-बेटे ने जल्द लौटने को कहा था लेकिन वह नहीं आया।
पिता की मौत के बाद मां का सहारा था जुनैद हादसे में मारे गए जुनैद हुसैन के पिता की करीब 15 साल पहले ही मौत हो गई थी। दो बेटों के सहारे मां मजदूरी करके अपना जीवन बिता रही थी। टिमरनी की कृषि उपज मंडी में जुनैद को गार्ड की नौकरी मिल गई थी, जिसको लेकर वह अपने दोस्तों को पार्टी देना चाह रहा था।
पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर का कहना है कि सम्भवतः जुनैद ही बाइक चला रहा होगा। उसके सिर में गंभीर चोट आई थी।

जुनैद के पिता की 15 साल पहले मौत हो चुकी थी।
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