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Damoh The People Of The Displaced Village Celebrated The Last Diwali – Damoh News

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Damoh The people of the displaced village celebrated the last Diwali

ग्रामीणों के बीच गोपाल भार्गव

विस्तार


नोरादेही अभ्यारण्य का रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में विलय हो गया है और अब नोरादेही वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व कहलाने लगा है। इसलिए गांव के विस्थापन की प्रक्रिया भी चल रही है। दमोह जिले की नोहटा विधानसभा से लगे गांव पटना मुहली का विस्थापन किया जा रहा है। इसलिए इस गांव के लोगों ने अपनी अंतिम दीपावली मनाई, जिसमें रहली विधायक और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव भी शामिल हुए। उन्होंने गांव के लोगों से अपने 40 साल पुराने रिश्ते की यादों को साझा किया। ग्रामीणों ने कहा, “अब यहां हम नहीं, बाघ रहेंगे।” बता दें कि टाइगर रिजर्व बने 20 सितंबर 2023 को पूरा एक वर्ष हो गया है और इस वर्ष अनुमान है कि टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले कई गांवों को विस्थापित किया जाएगा।

दमोह के 18 और सागर के 30 गांव शामिल

नौरादेही अभयारण्य को 20 सितंबर 2023 में टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया गया था। टाइगर रिजर्व बनने की प्रक्रिया के दौरान ही 93 गांवों के विस्थापन का काम शुरू हो गया था, जिनमें से 41 गांव के प्रत्येक पात्र परिवार को 15-15 लाख रुपये का मुआवजा देकर विस्थापित किया जा चुका है। टाइगर रिजर्व की अधिसूचना जारी होने पर टाइगर रिजर्व में कोई राजस्व क्षेत्र सीमा से नहीं जोड़ा गया। इसलिए बाकी बचे 52 गांवों की विस्थापन की प्रक्रिया जारी है, जिनमें सागर जिले के 30, दमोह जिले के 18 और नरसिंहपुर जिले के 4 गांव विस्थापित होने हैं। टाइगर रिजर्व प्रबंधन के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष में 26 गांव पूरी तरह से विस्थापित हो चुके हैं और 8 से 10 विस्थापन के लिए तैयार हैं। वन विभाग के पास 6 गांवों के विस्थापन का पैसा आया है और इनकी विस्थापन की प्रक्रिया जारी है। फिलहाल करीब 50 गांव ऐसे हैं, जिनके विस्थापन की प्रक्रिया इसी वित्तीय वर्ष में शुरू हुई है।

दीवाली नृत्य में पूर्व मंत्री हुए शामिल

पूर्व मंत्री और रहली के विधायक गोपाल भार्गव पटना मुहली पहुंचे। अभी तक यह गांव उनकी विधानसभा में आता है। अपने बीच मंत्री और पिछले चालीस साल पुराने नेता को देख ग्रामीणों ने दीवाली नृत्य प्रस्तुत किया और उसके बाद गांव छोड़ने का दर्द बताते हुए कहा, “अब यह हमारी आपके साथ अंतिम दीवाली है। अगले साल यहां हम नहीं, बाघ होंगे क्योंकि बाघों को बसाने के लिए हम लोगों को यहां से हटाया जा रहा है।”

बाघों की बढ़ती संख्या

सागर मार्ग पर दमोह की सीमा खत्म होने के बाद पहला राजस्व ग्राम मुहली और पटना है, जो मुख्य मार्ग पर बसे हुए हैं। यहां आबादी ज्यादा है। साथ ही टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। अलग-अलग ठिकाना बनाने के बाद कुछ बाघों ने मुख्य मार्ग से लगे क्षेत्र में भी अपने ठिकाने बना लिए हैं, जो आए दिन राहगीरों को दिखते हैं।

पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि पटना बुजुर्ग मेरी विधानसभा का अंतिम गांव है। यहां के आगे नोहटा विधानसभा और देवरी विधानसभा लग जाती है। यह गांव दो-तीन माह में विस्थापित हो जाएगा। उन्होंने यहां के लोगों की समस्याएं सुनीं और जिनको अपात्र किया गया है, उनकी प्रक्रिया जानी। अंत में ग्रामीणों का हौसला बढ़ाते हुए विधायक भार्गव ने गीत गाकर कहा, “चल, उड़ जा रे पंछी, अब यह गांव हुआ बेगाना।”

 

ग्रामीणों के बीच गोपाल भार्गव

ग्रामीणों के बीच गोपाल भार्गव

 

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