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मरने से पहले विवाहिता ने शरीर पर लिखा सुसाइड नोट
– फोटो : अमर उजाला
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छतरपुर में एक महिला ने आत्महत्या कर लिया। जानकारी के मुताबिक शनिवार की सुबह 5 बजे मृतका ने घर के कमरे में फांसी लगा ली। जहां ससुराल के लोगों ने इस की सूचना थाना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची थाना पुलिस ने फंदे से उतारकर पंचनामा बनाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए नौगांव सीएचसी भेज दिया। इस दौरान मायके के पक्ष के लोगों ने हंगामा करते रहे ससुराल पक्ष के लोगों पर बेटी की हत्या करने का आरोप लगाया है।
इतना ही नहीं इस दौरान दोनों पक्षों में मारपीट भी हो गई, जहां थाना पुलिस की समझाइश के बाद दोनों पक्ष शांत हुए। मामले को लेकर अलीपुरा थाना प्रभारी डीडी शाक्य ने बताया कि ग्राम गंज निवासी जयहिंद पाल ने तीन वर्ष पहले पथ्वीपुर स्यावरी थाना मऊरानीपुर जिला झांसी (उत्तर प्रदेश) निवासी राखी से विवाह किया था।

लव यू बेटी, लव यू संगीता दीदी, लव यू मॉम डैड, लव यू भाई
मृतका ने अपना दुखड़ा अपने शरीर पर लिखते हुए कहा कि मेरा पति और ससुराल वाले मुझपर शक करते थे और मुझे प्रताड़ित करते थे। मुझे मेरी बहन से बात नहीं करने दी जाती थी। मैं अपने परिवार वालों से बहुत प्यार करती थी, पर मुझे उनसे ही दूर किया जा रहा था, मैं उनके बगैर नहीं रह सकती थी। इतना ही नहीं मृतका ने अपना प्यार जताते हुए लिखा है कि लव यू बेटी, लव यू संगीता दीदी, लव यू मॉम डैड, लव यू भाई..!
मायके वालों ने लगाये आरोप
मृतका की मां भवन पाल ने पुलिस को बताया कि शादी के बाद से उनकी बेटी को दहेज के कारण ससुराल के लोगों द्वारा मारपीट का शिकार बनाया जा रहा था। मृतका ने खुदकुशी करने के पहले अपने पैर की जांघ पर सुसाइड नोट लिखा है, जिसमें अपनी मौत का कारण पति सहित ससुराल पक्ष को बताया है। मृतका की मां भुवन ने यह भी बताया कि शनिवार सुबह 6 बजे ननद मोहनी का फोन आया और कहा कि तुम्हारी बेटी ने फांसी लगा ली है। यह सुनकर बाद में मैं और मेरा बेटा यहां आये। उन्होंने बताया कि कल ही मेरा बेटा राखी से मिलकर गया और आज सुबह बेटी के मरने की जानकारी लगी है। मायके के लोगों ने आरोप लगाया है कि बेटी ने फांसी नहीं लगाई है, बल्कि उसकी हत्या की गई है।
बाइल फोन पति द्वारा देखने से थी मृतका नाराज
सुसाइड नोट में मृतका राखी ने अपने परिवार के लिए भी संदेश लिखा है। उसने लिखा है सब खुश रहना कोई बात नहीं थी। बिना बात के तमाशा बना दिया मेरी ज़िंदगी का। मेरे मरने के बाद सब आजाद हो खुश रहो। मेरे से सब घरवालों को दिक्कत थी, अब कोई दिक्कत नहीं होगी।
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